कचरे के ढेर से तैयार कर लिया जीविका का साधन
झरिया आमतौर पर हर दिन घर से निकलने वाला कचरा लोगों की परेशानी का सबब बनता है।
झरिया : आमतौर पर हर दिन घर से निकलने वाला कचरा लोगों की परेशानी का सबब बनता है। इसी घरेलू कचरे को झरिया होरलाडीह मार्ग के किनारे रहनेवाले ग्रामीणों ने जीविका का साधन बनाया है। कचरे के ढेर पर खेती कर यहां हरियाली की चादर बिछा दी। खेती कर करीब एक हजार परिवार आय कर रहे हैं।
यहां के किसानों ने माडा की ओर से गिराए गए कचरे का सटीक प्रबंधन किया। इससे प्लास्टिक अलग कर ली। उसको समतल किया। कचरे में जैव अपशिष्ट भी था नतीजतन जमीन उपजाऊ हो गई। इसके बाद मौसमी सब्जी की खेती शुरू कर जीविका तलाश ली। होरलाडीह कोलियरी के भूधंसान प्रभावित सैकड़ों एकड़ जमीन पर अब सब्जी की खेती हो रही है। सब्जी, भिडी, बैगन, फूलगोबी, बरबटी, बंधागोबी, करेला, कई तरह के साग उगाये जा रहे हैं।
बहुत मेहनत से उपजा रहे हैं सब्जी :
मूल रूप से छपरा निवासी 70 वर्षीय योगेंद्र प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि लगभग 50 वर्षों से बहुत मेहनत कर सब्जी की खेती उगा रहे हैं। सब्जी को थोक भाव में बेचते हैं। हर माह लगभग पांच से सात हजार तक आय हो जाती है। 55 वर्षीय दूधनाथ प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि पहले यह क्षेत्र बंजर व सुनसान था। कचरा गिरवाकर काफी मेहनत से जमीन को उपजाऊ बनाये।
..