IIT-ISM में भी होगा स्वयंप्रभा के जरिए 32 चैनलों का प्रसारण, डिजिटल शिक्षा कार्यक्रमों का मिलेगाा लाभ Dhanbad News
तकनीकी संस्थानों में छात्रों के लिए डीटीएच चैनल से पढ़ाई की सुविधा देने का निर्देश दिया गया है। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन की ओर से तकनीकी संस्थानों को पत्र लिखा गया है।
धनबाद, जेएनएन। स्वयं प्रभा के माध्यम से 32 डीटीएच चैनलों के जरिए उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षा कार्यक्रमों का लाभ IIT-ISM धनबाद के छात्र-छात्राओं को भी मिलेगा। संस्थान में स्वयं प्रभा के जरिए 32 चैनलों के प्रसारण की तैयारी शुरू कर दी गई है।
दरअसल, तकनीकी संस्थानों में छात्रों के लिए डीटीएच चैनल से पढ़ाई की सुविधा देने का निर्देश दिया गया है। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन के चेयरमैन की ओर से सभी संबद्ध संस्थानों को इस संबंध में पत्र लिखा गया है। इन चैनलों पर हर दिन कम से कम चार घंटे के लिए नई सामग्री होगी। छात्रों को अपनी सुविधा का समय चुनने की छूट होगी। यह सामग्री दिन में पांच बार दोहराई जाएगी। इन चैनलों पर आईआईटी, एआईसीटीई, यूजीसी, इग्नू, एनसीईआरटी, एनआईओएस की ओर से सामग्री प्रदान की जाएगी। स्नातकोत्तर स्तर की पाठ्यक्रम सामग्री इसमें प्रसारित होगी। इसके अलावा कला, विज्ञान, वाणिज्य, प्रदर्शन कला जैसे विविध विषयों को कवर करने वाले स्नातक स्तर के, सामाजिक विज्ञान और मानविकी, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, कानून, चिकित्सा, कृषि इत्यादि के पाठ्यक्रम रहेंगे।
आइआइटी की तैयारी में लाखों छात्र कई साल गुजार देते हैं। इसमें से चुनिंदा छात्र ही सफल हो पाते हैं। तैयारी करने वाले छात्रों की राह आसान करने और शिक्षा को समाज के हर वर्ग के लिए सुलभ और सुगम बनाने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने स्वयं प्रभा नाम से 32 विशेष टीवी चैनलों की योजना बनाई है। ये चैनल दिन में करीब चार घंटे अलग-अलग विषयों पर लाइव कार्यक्रम प्रसारित करेंगे।
यह कार्यक्रम पूरी तरह डिजिटल कक्षाओं के माध्यम से छात्रों तक पहुंचाया जाएगा। अब छात्रों को इंटरनेट ऑफ थिंग्स, कृत्रिम मेधा और मशीन लर्निंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिससे उन्हें उद्योग संबंधी कौशल सीखने और रोजगार के लिए तैयार होने में मदद मिलेगी। शोध में साहित्य की चोरी पर शिकंजा कसने के लिए शोधगंगा की शुरूआत की जा रही है। अब शोधार्थी का पूरा शोध कार्य शोधगंगा वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगा। इसके तहत पीएचडी थीसिस का कोई अन्य अपनी थीसिस को पूरा करने के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। इसके अलावा नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी, ई-पीजी पाठशाला, ई-यात्रा, स्पोकेन टूयटोरियल, वर्चुअल लैब आदि को शुरू करने जा रहा है। इस संबंध में आइआइटी आइएसएमस धनबाद ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। जिसके बाद अब छात्रों का डिजिटल के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी।