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फिर से खुलेगा आइएसएम, छात्रों को मिली पढ़ाई की अनुमति

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार के अध्यक्ष सह उपायुक्त उमाशंकर सिंह ने आइआइटी आइएसएम प्रबंधन को कोविड-19 के फैलाव के रोकथाम एवं बचाव के लिए जारी एसओपी का पालन करने की शर्त पर छात्रों के अध्ययन के लिए अनुमति प्रदान की है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 05:20 AM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 05:20 AM (IST)
फिर से खुलेगा आइएसएम, छात्रों को मिली पढ़ाई की अनुमति
फिर से खुलेगा आइएसएम, छात्रों को मिली पढ़ाई की अनुमति

जेएनएन, धनबाद : जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार के अध्यक्ष सह उपायुक्त उमाशंकर सिंह ने आइआइटी आइएसएम प्रबंधन को कोविड-19 के फैलाव के रोकथाम एवं बचाव के लिए जारी एसओपी का पालन करने की शर्त पर छात्रों के अध्ययन के लिए अनुमति प्रदान की है। इस संबंध में उपायुक्त ने बताया कि संस्थान के निदेशक द्वारा 278 पीएचडी प्रोजेक्ट जेआरएफ छात्रों को नवंबर माह से अध्ययन करने के लिए अनुमति प्रदान करने का आवेदन मिला था। उन्होंने बताया कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार ने संस्थान को एसओपी का पालन करने की शर्त पर अनुमति प्रदान की है। उपायुक्त ने बताया कि संस्थान के सभी छात्रों का ट्रूनेट या आरटीपीसीआर के माध्यम से कोविड-19 टेस्ट कराना होगा। संस्थान को झारखंड सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार आइसोलेशन सेंटर एवं क्वांरटाइन सेंटर की स्थापना करनी होगी। कोरोना संक्रमित छात्रों को तत्काल आइसोलेशन सेंटर में भर्ती करना एवं आईसीएमआर द्वारा निर्धारित गाइडलाइन का पालन करना होगा। साथ ही संस्थान को शिक्षा मंत्रालय द्वारा सात नवंबर को निर्गत विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को फिर से खोलने के लिए दिशानिर्देश का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। उपायुक्त ने कहा कि इंसिडेंट कमांडर सह अंचल अधिकारी धनबाद प्रशांत कुमार लायक संस्थान से समन्वय स्थापित करते हुए उपरोक्त आदेशों का अनुपालन कराना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि निर्देशों का उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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पीएमसीएच के 84 एमबीबीएस छात्र इंटर्नशिप से जुड़े: पीएमसीएच के 84 एमबीबीएस छात्रों को फाइनल परीक्षा पास करने के बाद इंटर्नशिप करने का मौका मिला है। रांची मुख्यालय ने इन सभी का रजिस्ट्रेशन किया है। रजिस्ट्रेशन के बाद सभी स्टूडेंट ने इंटर्नशिप सेवा पीएमसीएच में देना शुरू कर दिया है। लॉकडाउन के कारण पिछले दो महीने से इंटर्नशिप के लिए 100 पद खाली थे। दूसरी ओर इससे चिकित्सकीय सेवा भी प्रभावित हो रही थी।

एक साल का इंटर्नशिप एमबीबीएस पाठ्यक्रम का अंग है। अधीक्षक डॉ एके चौधरी ने बताया कि इंटर्नशिप पास आउट होने के बाद भी डॉक्टरी के लिए रजिस्ट्रेशन नंबर मिलता है। पीएमसीएच ओपीडी से लेकर इंडोर तक में इंटर्न डॉक्टरों की काफी भूमिका होती है। रात्रि कालीन सेवाओं में भी इंटर्न की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है। इमरजेंसी में तीन पारियों में ड्यूटी होती है। यह इंटर सीनियर डॉक्टरों की देखरेख में चिकित्सकीय सेवा के गुर सीखते हैं।


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