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फॉर्मूला भारत-2019 के लिए आइएसएम के छात्रों ने बनाई कार, छह सेकेंड में हवा सी रफ्तार

टीम के कैप्टन दिग्विजय सिंह ने बताया कि इस बार हमलोग टॉप टेन में आने की पूरी कोशिश करेंगे। पिछली बार हुई रेसिंग प्रतियोगिता से काफी कुछ सीखने को मिला है।

By Edited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 07:03 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 11:57 AM (IST)
फॉर्मूला भारत-2019 के लिए आइएसएम के छात्रों ने बनाई कार, छह सेकेंड में हवा सी रफ्तार
फॉर्मूला भारत-2019 के लिए आइएसएम के छात्रों ने बनाई कार, छह सेकेंड में हवा सी रफ्तार
धनबाद, जेएनएन। फॉर्मूला भारत में आइआइटी आइएसएम का एमआरएक्स-2 रेसिंग कार उतरने के लिए तैयार है। रेसिंग कार की कमान आयुष अग्रवाल के हाथों में होगी। मद्रास के कोयंबटूर में 23 से 27 जनवरी तक होने वाले फॉर्मूला भारत-2019 में होने वाले रेसिंग में हिस्सा लेगी। फॉर्मूला रेसिंग कार का डिजाइन व मैन्युफैक्चरिंग पूरी तरह से आइआइटी आइएसएम में की गई है। शुक्रवार की शाम कार का उद़घाटन आइआइटी आइएसएम के निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने किया।
टीम के कैप्टन दिग्विजय सिंह ने बताया कि इस बार हमलोग टॉप टेन में आने की पूरी कोशिश करेंगे। पिछली बार हुई रेसिंग प्रतियोगिता से काफी कुछ सीखने को मिला है। उन चीजों को इस बार हमलोगों ने दुरूस्त किया है, ताकि इस बार हम बेहतर कर सकें। साढ़े आठ लाख में बनी एमआरएक्स-2 कार आइआइटी के छात्रों द्वारा बनाई गई यह फॉर्मूला रेसिंग कार को साढे़ आठ लाख में तैयार किया गया है। कार बनाने में साढ़े सात लाख खर्च किया गया, वहीं एक लाख रूपये ट्रांसपोर्टेशन में किया है।
डेढ़ वर्ष में तैयार हुई है कार : एमआरएक्स-2 कार रेसिंग कार को आईआईटी के 35 छात्रों ने मिलकर बनाया है। पहले से ही तैयार कार के डिजाइन पर कार्य करते हुए आइआइटी इस कार को करीब डेढ़ साल में तैयार किया है। टीम के कैप्टन दिग्विजय सिंह ने बताया कि कार का डिजाइन व कार को पूरी तरह से आइएसएम में ही बनाया गया है। इसका प्रेजेंटेशन कोयंबटूर में मोटर रेसिंग ट्रैक पर जनवरी माह में किया जाएगा।
खासियत भी कम नहीं : आइएसएम का एमआरएक्स-2 कार न केवल सस्ती, बल्कि काफी हल्की रेसिंग कार है। कार का वजन 210 किलोग्राम है जो पिछली बार तैयार किए कार की तुलना में 20 किलोग्राम कम है। कार में होंडा सीवीआर 250 सीसी का इंजन लगाया गया है। इस इंजन की खासियत है कि इसका गेयर बॉक्स अंदर में लगा होता है अलग से गेयर बॉक्स लगाने की आवश्यकता नहीं। इस कारण यह काफी हल्की है। कार की पावर ईफिसिएंशी 6008 है। इसकी स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटा है। कार का ग्राउंड क्लियरेंस तीन मीटर है। छह गेयर वाली रेसिंग काम महज छह सेकेंड में 60 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड पकड़ लेती है। वहीं, प्रदूषण के मानकों को देखते हुए कार में मफलर भी छात्रों ने खुद ही तैयार किया है। इस रेसिंग कार में मास्टर सिलेंडर यूएस से मंगाया गया है वहीं कुछ पा‌र्ट्स दुबई से खरीदा गया है। सिंगल सीट ड्राइव यह कार पेट्रोल से चलती है।
कार के मास्टरमाइंड डिजाइनर : एमआरएक्स-2 रेसिंग कार में विभिन्न संकायों के 35 सदस्य शामिल हैं, जिनमें फाइनल ईयर के आठ, थर्ड ईयर के 14 तथा सेकेंड ईयर के 13 छात्र शामिल हैं। टीम के कैप्टन दिग्विजय सिंह तथा चालक आयुष अग्रवाल है। वहीं इंजन हेड हरिश कुमार, मैनेजमेंट हेड मिहिर राव के अलावा प्रो. एमके सिंह तथा प्रो. आलोक कुमार दास की देखरेख में कार को बनाया गया है।
बड़ी कंपनियों की होगी नजर : फॉर्मूला भारत रेसिंग प्रतियोगता में केवल कार रेसिंग ही मायने नहीं रखती, बल्कि कार की डिजाइन और उसका मॉडल भी अहमियत रखता है। प्रतियोगता में स्टेटिक और डाइनेमिक दोनों चीजें शामिल हैं। यहां बड़ी-बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियां मौजूद रहती है। जो कार के डिजाइन, मॉडल और कार को तैयार करने के तकनीक को देखते हैं। इस दौरान छात्रों से कई सवाल भी किए जाते हैं मसलन कार के इस मॉडल को यदि बाजार में उतारा जाए तो इसका रिजल्ट क्या होगा। इस तरह के कार को तैयार करने के लिए कैसे प्लांट लगाया जाए, मार्केटिंग, मैनुफैक्चरिंग सहित कई अहम सवाल भी छात्रों से प्रतियोगिता के दौरान पूछे जाते हैं।

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