IRCTC: झारखंंड व बंगाल के यात्रियों के लिए खुशखबरी... वैष्णोदेवी और भारत-पाकिस्तान सीमा का करना है दीदार... इस नंबर पर करें कॉल
दो सालों तक कई तरह की पाबंदियों की वजह से अगर आप घर बैठे-बैठे बोर हो गए हैं तो अब थोड़ी आउटिंग हो जाए। इसके लिए आपको स्वदेश दर्शन ट्रेन का टिकट बुक कराना होगा। आइआरसीटीसी ने सात अक्टूबर को स्वदेश दर्शन ट्रेन चलाने का एलान कर दिया है।
जागरण संवाददाता, धनबाद : दो सालों तक कई तरह की पाबंदियों की वजह से अगर आप घर बैठे-बैठे बोर हो गए हैं तो अब थोड़ी आउटिंग हो जाए। इसके लिए आपको स्वदेश दर्शन ट्रेन का टिकट बुक कराना होगा। आइआरसीटीसी ने सात अक्टूबर को स्वदेश दर्शन ट्रेन चलाने का एलान कर दिया है। इस ट्रेन से माता वैष्णोदेवी के दरबार तक पहुंच सकते हैं। साथ ही अमृतसर के स्वर्ण मंदिर, जालियांवाला बाग के साथ-साथ भारत-पाकिस्तान की सीमा का खुली आखों से दीदार भी कर सकेंगे।
धनबाद पहुंचे आइआरसीटीसी कोलकाता के मुख्य पर्यवेक्षक निखिल प्रसाद, टूरिज्म असिस्टेंट ज्ञान प्रकाश व कैटरिंग असिस्टेंट पंचमानंद ने बताया कि सात अक्टूबर को रांची से टूरिस्ट स्पेशल ट्रेन खुलेगी जो धनबाद, कुल्टी और जसीडीह होकर चलेगी। झारखंड के यात्री रांची, धनबाद और जसीडीह से यात्रा कर सकेंगे। पश्चिम बंगाल के यात्रियों को कुल्टी स्टेशन से सफर करने का मौका मिलेगा।
यात्रियों को तीन तरह का पैकेज उपलब्ध कराया जाएगा। इनमें स्लीपर क्लास का बजट 12330 रुपये, स्टैंडर्ड 14060 रुपये और थर्ड एसी कंफर्ट 28362 रुपये हैं। यात्रा छह रात और सात दिनों की होगी। पैकेज के अनुसार धर्मशाला, एसी व नन एसी होटल की सुविधा मिलेगी। ठहरने के साथ ही खान-पान सुविधा भी मिलेगी। स्टेशन से पर्यटन स्थलों तक ले जाने की परिवहन सुविधा भी दी जाएगी।
प्रत्येक कोच में एस्कार्ट रहेगा जो यात्रियों को हर तरह की सूचनाएं उपलब्ध कराएगा। यात्रा बीमा की भी सुविधा रहेगी। टिकट बुकिंग के लिए 8595904074 पर संपर्क कर सकते हैं। वैसे यात्री जिन्हें आनलाइन टिकट बुक कराने में परेशानी है, उन्हें धनबाद स्टेशन के दक्षिणी छोर पर ने आइआरसीटीसी के दफ्तर में बुकिंग की सुविधा मिलेगी। मुख्य पर्यवेक्षक निखिल ने बताया कि झारखंड में तीर्थ स्थल समेत दूसरे पर्यटन स्थलों पर जानेवाले यात्रियों का रिस्पांस अच्छा है। इससे पहले भी वैष्णोदेवी समेत दूसरे रूटों के लिए चली ट्रेनों में अच्छी बुकिंग हुई थी। उम्मीद है इस बार भी यात्रियों का रूझान अच्छा होगा। रिस्पांस अच्छा रहा तो कुछ और तीर्थ व पर्यटन स्थलों के लिए भी ट्रेनें चलाई जा सकती हैं।