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DHANBAD MUNICIPAL CORPORATION Scan : सूरत और सीरत में हुआ बदलाव, पर आशाएं पूरी न होने का मलाल भी कायम

पांच साल पहले और पांच साल बाद के धनबाद में जमीन-आसमान का फर्क देखा जा सकता है। धनबाद को देश के सबसे गंदे शहर का तमगा प्राप्त था। यह कलंक धनबाद के माथे से मिटा है।

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 07:01 PM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 10:42 PM (IST)
DHANBAD MUNICIPAL CORPORATION Scan : सूरत और सीरत में हुआ बदलाव, पर आशाएं पूरी न होने का मलाल भी कायम
DHANBAD MUNICIPAL CORPORATION Scan : सूरत और सीरत में हुआ बदलाव, पर आशाएं पूरी न होने का मलाल भी कायम

धनबाद [जागरण स्पेशल]। देखते ही देखते पांच साल बीत गए और पता ही नहीं चला। साल 2015 में धनबाद नगर निगम (Dhanbad Municipal Corporation)  का चुनाव हुआ और फिर चुनाव की घड़ी आन पड़ी है। अप्रैल-मई 2020 में धनबाद नगर निगम का चुनाव होना है। 2015 में चंद्रशेखर अग्रवाल उर्फ शेखर अग्रवाल मेयर चुने गए थे। उनका साथ देने के लिए 55 वार्ड पार्षद निर्वाचित हुए। इनमें कुछ पहली बार पार्षद चुने गए तो कुछ ने दूसरी पारी शुरू की। वार्ड पार्षदों ने अपने बीच के पार्षद एकलव्य सिंह को डिप्टी मेयर चुना। अब सवाल उठता है कि चंद्रशेखर अग्रवाल और 55 वार्ड पार्षदों के पांच साल के कार्यकाल में धनबाद नगर निगम क्षेत्र में कितना विकास और बदलाव हुआ है ? 

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पांच साल पहले और पांच साल बाद के धनबाद में जमीन-आसमान का फर्क देखा जा सकता है। धनबाद को देश के सबसे गंदे शहर का तमगा प्राप्त था। यह कलंक धनबाद के माथे से मिटा है। स्वच्छ और सुंदर शहर बनने की दिशा में दिन-प्रतिदिन प्रगति हो रही है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत यहां भी दरवाजे-दरवाजे कचरा संग्रह किया जा रहा है। शहर को ओडीएफ घोषित हुआ है। 9  हजार प्रधानमंत्री आवास का निर्माण हुआ है। 13 आवास निर्माण प्रक्रियाधीन है। साफ-सफाई एक दिन की बात नहीं है। यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। मोटे तौर पर अगर दस प्वाइंट्स पर बड़े काम को देखे तो बदलाव साफ-साफ दिखता हैः-

  1. सड़कः धनबाद की सड़कें चौड़ी और चकचक हुई हैं। सिटी सेंटर से लेकर बरवाअड्डा किसान चौक तक फोरलेन सड़क का निर्माण हुआ है। बैंक मोड़ से झरिया तक भी फोरलेन सड़क बनी है। वाया बैंक मोड़ गोविंदपुर से महुदा तक धनबाद की लाइफ लाइन जिसके नीचे (गोधर-करकेंद्र-केंदुआ) भूमिगत आग पर काबू करने के नाम पर कोयला खनन की योजना थी, फोरलेन बन रही है। वार्ड स्तर पर भी सड़कों का विकास हुआ है। सीधे कहें तो धनबाद में अच्छी सड़कों की जाल बिछ गई है। 
  2. पानीः घर-घर टैप वाटर पहुंचाने के लिए 1042 करोड़ रुपये की योजना पर काम चल रहा है। 80 फीसद से ज्यादा काम हो चुका है। आने वाले दिनों में घर-घर पानी पहुंचने लगेगा। 
  3. बेकारबांध तालाबः शहर के बीचोबीच स्थित बेकारबांध तालाब। इसे देखते ही लोग मुंह मोड़ लेते थे। अब यहां खींचे चले आते हैं। सौंदर्यीकरण के बाद इस तालाब को देखने वाले बोल पड़ते हैं-वाह! 
  4. रोजगारः यूं तो रोजगार देना धनबाद नगर निगम का काम नहीं है। बावजूद पांच साल में महिला सशक्तीकरण की दिया में कदम उठाए गए हैं। एसएचजी बनाकर 22,000 महिलाओं को जोड़ा गया है। 
  5. विवाह भवनः धनबाद नगर निगम के सभी 55 वार्डों में विवाह भवन पर काम चल रहा है। आधा दर्जन वार्ड में विवाह भवन बनकर तैयार हैं। इससे स्थानीय लोग लाभान्वित हो रहे हैं। 
  6. श्मशान घाटः धनबाद नगर निगम क्षेत्र में स्थित सभी श्मशान घाटों का सौंदर्यीकरण किया गया है। मटकुरिया, मोहलबनी और लिलौरी घाट तो देखते ही बनता है। देखकर लगता ही नहीं है कि श्मशान घाट है। किसी रमणीक स्थान का एहसास होता है। 
  7. 8 लेन रोडः गोल बिल्डिंग से कतरास हीरक रोड को विश्वस्तरीय 8 लेन सड़क का रूप दिया जा रहा है। यह झारखंड का पहला आठ लेन रोड है। विश्वबैंक के सहयोग से इसका निर्माण किया जा रहा है। 
  8. गोल्फ ग्राउंडः धनबाद शहर में एक भी व्यवस्थित सार्वजन स्थान नहीं है जहां खेल की सुविधाएं उपलब्ध हों। सुबह की सैर की जा सके। इसे ध्यान में रखते हुए रणधीर वर्मा स्टेडिमय (गोल्फ ग्राउंड) को विकसित किया जा रहा है। 
  9. हर वार्ड में पार्कः धनबाद नगर निगम क्षेत्र में 55 वार्ड हैं। सभी वार्ड में पार्क का निर्माण किया जा रहा है। ज्यादातर वार्डों में निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। बिरसा मुंडा पार्क में लेजर फाउंटेन लगाया गया है। 
  10. स्ट्रीट लाइटः धनबाद के सभी गली-मोहल्ले को एलइडी से रोशन करने का काम चल रहा है। ९० फीसद काम पूरा हो चुका है। अगले एक महीने में हर गली-मोहल्ले एलइडी से रोशन हो जाएंगे। 

DMC में पिछले पांच साल में जो कुछ भी काम हुआ है उसका सबकुछ नहीं तो कुछ श्रेय मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल को दिया ही जा सकता है। एनआइटियन होने के कारण अग्रवाल को विकास कार्यों की अच्छी समझ है। लेकिन, अग्रवाल खुद को श्रेय लेने के बजाय केंद्र की नरेंद्र मोदी और राज्य में पूर्व की रघुवर सरकार को श्रेय देते हैं। कहते हैं-केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार होने के कारण उससे सहयोग लेकर जितना कुछ बन सका धनबाद के लिए काम किया। अग्रवाल का कहना है कि मटकुरिया से झारखंड मोड़ के बीच फ्लाइ ओवर और धनबाद बस स्टैंड का निर्माण न शुरू होने का मलाल है। उनका कहना है कि टेंडर प्रकिया जारी है। उम्मीद करते हैं कि आने वाले दिनों में काम शुरू हो जाएगा। 

DMC Chunav 2020 को लेकर मेयर, डिप्टी मेयर और वार्ड पार्षद के संभावित प्रत्याशी अपनी-अपनी दावेदारी को लेकर रेस हो गए हैं। इधर पांच वर्ष में धनबाद नगर निगम ने कई उपलब्धियां हासिल कीं तो कई मोर्चे पर अभी कमियां दिख रही हैं। वार्ड की बात करें तो जनता की कई समस्या का समाधान तो हुआ है पर आशाएं पूरी न होने का मलाल भी कायम रहा। वार्ड लाइव के तहत हम आपको दिखाते हैं धरातल की हकीकत की तस्वीर।आइए देखते हैं धनबाद नगर निगम वार्ड-एक की तस्वीर। 

Ward 1: नंबर में अगड़ा, विकास में पिछड़ा 

नगर निगम कतरास अंचल के वार्ड एक का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया। इसके अधीन कतरास बाजार, टंडा बस्ती, केवट टोला, शिक्षक कॉलोनी, सलेक्टेड गोविंदपुर, राजेंद्र नगर, आनंद नंगर, लाला टोला, बाउरी टोला, हटिया मोहल्ला, डाक्टरपाड़ा, आकाशकिनारी, भटमुडना आदि मोहल्ले वार्ड एक के अधीन आते हैं। लिलोरी मंदिर के पास करोड़ों की लागत से पार्क बना। श्मसानघाट में शवदाहगृह बन रहा है। दर्जनों पीसीसी पथ व नालियां बनी। इसके बावजूद कई मोहल्लों में सड़कें आज भी  टूटी फूटी है। कहीं नाली नहीं बनी तो कहीं नाली जाम पड़ी है। जल संकट का अब तक स्थायी समाधान नही निकल पाया।

गोशाला पुल जहां से वार्ड एक का क्षेत्र शुरू होता है वहां जाम से लोगों को सालोंभर परेशानी का सामना करना पड़ता है। भटमुरना से राहुल चौक तक सड़क के पास वाले मोहल्ले के लोग प्रदूषण का मार झेल रहे हैं। कतरास कालेज, राजेंद्र मघ्य विद्यालय सहित कई जगहों पर निगम द्वारा माडयूलर शौचालय बनाए लेकिन उसमें ताला लटक रहा है।  आदिवासी बहुल गांव शाखाटांड में एक को छोड़ अन्य किसी को प्रधानमंत्री का आवास योजना का लाभ नही मिला, जबकि लोगों ने कागजी प्रक्रिया पूरी कर दी है। पार्षद विनोद गोस्वामी दो बार से लगातार जीत दर्ज करा रहे है। इस बार यह महिला के लिए आरक्षित है।  

साफ सफाई: नगर निगम के द्वारा सफाई की व्यवस्था तो है लेकिन पर्याप्त नही। यहां तक कि कूड़ादान की व्यवस्था नही है। पूर्व में जो कूड़ादान लगाए गए थे वह गायब है। कतरास बाजार में कई जगहों पर गंदगी दिखायी दिया। मोहल्लो की बात तो अलग  स्थानीय पार्षद के आवास के सामने नाली गंदगी से जाम दिखा। कतरास से तोपचांची जाने वाली टंडा बस्ती के मुख्य पथ के बगल गंदगी का यही नजारा था। कतरास कालेज में निगम के शौचालय में ताला लटक रहा था, लेकिन उसके टंकी व बगल पाईप से हो रहे पानी के लिकेज से जल जमाव में वृद्धि हो रहा था। पूछे जाने पर कालेज के एक कर्मी ने कहा कि कालेज निगम को  पैसा देती है। निगम साफ कराए। गैस एजेंसी के सामने रिहायती मोहल्ले में नाली नही दिखा। भगत सिंह चौक से लेकर बगल मोहल्ले का गंदा पानी तेलियाबांध तालाब में जाता है। उसकी सफाई कभी नही हुई। 

बदहाल सड़कें: कलालीफाटक यानि सलेक्टेड गोविंदपुर से छाताबाद तक की सड़क कच्ची है। सेलेक्टेड गोविंदपुर में एक सौ से अधिक घर है, जहां के लोग इसी कच्ची सड़क से आते जाते हैं।  इस बाई पास सड़क के बन जाने से शहर में लगने वाला जाम की समस्या खत्म हो जाती। राजबाड़ी रोड सहित आस पास कई मोहल्ले सड़क दुरूस्त नही है। तिलाटांड सब स्टेशन के पीछे मोहल्ले में सड़क भी नही बनी है। 

जल संकट: वार्ड में जल संकट का स्थायी समाधान नही निकल पाया है। जमुनिया जलापूर्ति बंद हो जाने पर लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। गर्मी के दिनों में जलसंकट गहरा जाता है। आनंद नगर में पानी का कनेक्शन नही है। वहां के लोग पानी खरीद कर पीते हैं। आदिवासी बहुल शाखाटांड में पाइप लाइन बिछाया जा रहा है।    

पर्यावरण संरक्षण: पर्यावरण संरक्षण के नाम पर टंडा बाड़ी रोड, गुहीबांध तालाब, रामपूजन नगर सहित कई जगहों पर सड़क के बगल में दो साल पूर्व निगम के द्वारा ग्रेवियन के भीतर पौधा लगाए, लेकिन बरसात बीत जाने के बाद नतीजा यह हुआ कि अधिकांश पौधे मर गए। अब तो ग्रेवियन भी कहीं कही दिखाई देता है। सेलेक्टेड गोविंदपुर के पास, कतरास हटिया के पास तालाब की सफाई सुनिश्चित नही हो पाई। एक तालाब का तो वर्षों पूर्व अस्तित्व समाप्त हो गया। 

प्रदूषणः भटमुरना से लेकर राहुल चौक तक सड़क के बगल में रहने वाले लोग भयंकर प्रदूषण के चपेट में है। निर्माणाधीन सड़क में वाहनों के तेज परिचालन के दौरान धूलकण से पूरा वायुमंडल प्रदूषित हो जाता है। वार्ड एक के परिक्षेत्र में अवस्थित कई कोक भट्ठा से निकल रहा काला धुंआ हवा में जहर घोल रहा है।   

प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीः आदिवासी बहुल गांव शाखाटांड के एक ही व्यक्ति को पीएम आवास योजना का लाभ मिला है वही भी पूरा नही। जबकि गांव में 25 से अधिक घर खपड़ैल है। लोग गरीबी में गुजर बसर करते है। जरूरतमंदों ने कहा कि आन लाइन सारा कागजात जमा कर दिए है लेकिन इसके बावजूद लाभ नही मिल पाया है। 

साफ सफाई की नियमित व्यवस्था नही है। कतरास बाजार उपर मोड़ से राहुल चौक तक मुख्य सड़क के बगल में स्थित नाली की सफाई दस साल में कभी नही हुई है। तेलियाबांध तालाब की गहराई सफाई का डीपीआर बना था लेकिन काम नही हुआ। राजाबांध तालाब के तट पर गंदगी फेक अतिक्रमण किया जा रहा है। वार्ड एक का करीब आधा भाग कोलियरी क्षेत्र है, जिसमें पाताल छूती खादान व बड़े ओबी के पहाड श्रमिक कालोनियां है। इसके बावजूद नगर निगम में यह क्षेत्र है।   

-धनंजय नंदन, शिवाजी चौक-कतरास बाजार

गांव के अधिकांश लोग गरीब है। इनके पीएम आवास योजना के लिए कई बार गुहार लगाया गया लेकिन अब तक लाभ नही मिला। कड़ा संघर्ष के बाद गांव में रोड बना अब पाइप लाईन बिछ रहा है।

-सुकरो देवी, शाखाटांड निवासी 

नगर निगम के द्वारा मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नही करायी गयी। राजातालाब पिपल पेड़ के पास मोहल्ले में सफाई की व्यवस्था नही है। कचड़ा का अंबार लगा है। मोहल्ले में स्ट्रीट लाईट नही लगी है। नाली व सड़क का निर्माण नही हुआ है। राजातालाब में गंदगी की सफाई नही हुई। 

-अरविंद कुमार सिन्हा, कतरास बाजार 


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