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भूमिगत आग से डीसी लाइन को खतरा तो नहीं

संवाद सहयोगी कतरास/लोयाबाद सुप्रीम कोर्ट के अदालत मित्र गौरव अग्रवाल अधिवक्ता शुक्रवार को डी

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Jul 2019 12:05 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jul 2019 06:36 AM (IST)
भूमिगत आग से डीसी लाइन को खतरा तो नहीं
भूमिगत आग से डीसी लाइन को खतरा तो नहीं

संवाद सहयोगी, कतरास/लोयाबाद: सुप्रीम कोर्ट के अदालत मित्र गौरव अग्रवाल अधिवक्ता शुक्रवार को डीसी लाइन व उसके आसपास में लगी जमीनी आग को देखा। आग बुझाने को लेकर प्रबंधन द्वारा किए जा रहे बचाव कार्य की जानकारी ली। कोल अधिकारियों से यह भी जानना चाहा कि कब तक भूमिगत आग पर नियंत्रण हो पाएगा। इतना ही नहीं अग्नि प्रभावित इलाके में रह रहे लोगों के पुनर्वास के बारे में पूछताछ की। उनके साथ कतरास क्षेत्र के महाप्रबंधक जितेंद्र मल्लिक, सिजुआ क्षेत्र के अपर महाप्रबंधक केआर सत्यार्थी सहित कई अधिकारी थे।

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पहले वे डीसी लाईन के बगल कतरास क्षेत्र के लिलटेन अंगारपथरा पहुंचे। यहां जमीनी आग से रेलमार्ग को खतरा है कि नहीं इसके बारे में कोल अधिकारियों से जानकारी ली। डीसी लाईन से करीब 50 फीट दूरी पर आग बुझाने के हो रहे प्रयासों की जानकारी ली तथा आगामी योजना से अवगत हुए। उन्होंने डीसी रेल लाइन बंद होने तथा चालू होने से संबंधित कई बिदुओं पर पूछताछ की। उन्होंने कहा कि नजदीक में आग रहने के बावजूद रेलवे लाइन चालू है, क्या कभी इससे प्रभावित नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि बीसीसीएल प्रबंधन आग को काबू करने की दिशा में कितना कारगर पहल कर रहा है। क्या रेलवे लाइन सुरक्षित है। इसपर अधिकारियों ने कहा कि डीजीएमएस के निर्देशानुसार ट्रेंच कटिग कर डीसी लाइन को सुरक्षित कर दिया गया है। सिफर के सुझाव पर बोर होल करके आग की स्थिति की जानकारी ली जा रही है। आग में जल रहे कोयले को बचाने से संबंधित भावी योजना से संबंधित बातें जानी। उन्होंने अग्नि प्रभावित इलाके का तस्वीर मोबाइल के कैमरे में कैद किया। लिलटेन अंगारपथरा अग्नि प्रभावित इलाके में कराए गये बोर से धुआं व गैस के निकलते भी दिखाया गया।

इसके बाद वे सिजुआ क्षेत्र के बांसजोड़ा पहुंचे। यहां डीसी लाइन व उसके बगल की खनन परियोजना को व्यू प्वांइट से देखा। परियोजना में धधक रही आग व उत्पादन कार्य को देखा। कोल अधिकारियों से परियोजना में लगी आग और किस तरह से अग्नि प्रभावित जोन में की जा रही कोयला उत्पादन के बारे में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने नक्शे का अवलोकन किया तथा आसपास की आबादी को हटाने की योजना पर चर्चा की।

कोल अधिकारियों ने डीसी लाइन के बांसजोड़ा रेलवे स्टेशन के समीप उस स्थान को भी दिखाया जहां अक्सर जमीन धंस जाती और रेलवे द्वारा उसकी भराई की जाती है। कोल अधिकारियों ने उन्हें रियल मॉनीटरिग सिस्टम के बारे में भी बताया। वे करीब पंद्रह बीस मिनट तक बांसजोड़ा में रुके और अधिकारियों से जानकारी ली। पत्रकारों से कहा कि वे तो अभी जायजा ही ले रहे हैं। जरेडा के अधिकारियों से मिलने जा रहे हैं। इस मौके पर पीओ जेके जायसवाल, पर्यावरण पदाधिकारी रितेश कुमार, सर्वेयर एमपी चौधरी, एके मिश्रा आदि शामिल थे।

अदालत मित्र गौरव अग्रवाल अग्नि प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के दौरान वे अपने मोबाइल से फोटो भी ले रहे थे। एक अधिकारी ने आग के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यदि परियोजना में लगी आग की वास्तविक स्थिति को देखना है तो रात में निरीक्षण करें।

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प्रबंधन ने नहीं लगाया रियल मनीटरिग सिस्टम

कोलियरी प्रबंधन द्वारा जमीनी हलचल की जानकारी देने वाला रियल मानीटरिग सिस्टम नहीं लगाया गया था। जो जमीन के आग से होने वाली हलचल के पल पल की जानकारी देता था। डीसी लाइन बंद हो जाने के बाद अपराधियों ने उक्त मशीन की चोरी कर ली। डीसी लाइन चालू हो गया, लेकिन कोलियरी प्रबंधन द्वारा आज तक इस मशीन को नहीं लगाया गया है।


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