पांचूकुरा में वनभूमि को मुक्त कराने गए अधिकारियों पर हमला
धनबाद : पांचूकुरा में वनभूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए 13 जनवरी 2018 के बाद से वन विभाग की ओर स
धनबाद : पांचूकुरा में वनभूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए 13 जनवरी 2018 के बाद से वन विभाग की ओर से लगातार नोटिस दिया गया। लेकिन, गांव वालों ने नोटिस को गंभीरता से नहीं लिया। जून 2018 को वन संरक्षक प्रादेशिक अंचल से इस जमीन को मुक्त कराने का आदेश जारी होने के बाद डीएफओ ममता प्रियदर्शी, रेंज आफिसर, वनरक्षी के साथ गुरुवार को मजिस्ट्रेट एवं सुरक्षा बलों की मौजूदगी में पांचूकुरा गांव में अतिक्रमित जमीन को मुक्त करने के लिए पंचायत करने लगीं। सीओ जयवर्द्धन कुमार भी समझा-बुझा रहे थे। लोग नहीं माने तो जेसीबी लगा एक घर को तोड़ने की कोशिश की गई तभी गांव वाले उग्र हो गए और पत्थर मारना शुरू कर दिया। जिसमें रेंज आफिसर एसडी ¨सह एवं वनरक्षी अनिल कुमार मंडल को सिर पर गंभीर रूप से चोट लग गई। सीओ भी पत्थर से चोटिल हो गए। देखते ही देखते गांव का गलियारा रणक्षेत्र में बदल गया। महिला-पुरुष सभी ने पत्थर उठाकर खदेड़ना शुरू कर दिया। वन विभाग के वाहन को निशाना बना क्षतिग्रस्त कर दिया। संयोग था कि उस वक्त डीएफओ वहां नहीं थी। अपने बचाव में वनकर्मियों ने भी पत्थर चलाया, जिसमें एक महिला घायल हो गई।
डीएफओ ने कहा कि एसडीओ की ओर से प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी एवं सुरक्षा बल नहीं भागते तो यह हादसा नहीं होता। इनलोगों के खिलाफ उपायुक्त एवं आरक्षी अधीक्षक को लिखा जाएगा। वनप्रमंडल पदाधिकारी के बयान पर जसीडीह थाना में 52 लोगों को नामजद किया गया है। जानकारी हो कि अंचल निरीक्षक देवाशीष भुइंया को मजिस्ट्रेट प्रतिनियुक्त कर जसीडीह थाना प्रभारी को पर्याप्त सुरक्षा बल देने को कहा गया था। हालांकि घटना के बाद देवघर एवं जसीडीह थाना से फोर्स भेजी गई। बीडीओ रजनीश कुमार एवं सदर इंस्पेक्टर विनोद कुमार भी पहुंचे। लेकिन, तब तक गांव से लोग भाग गए थे। बताया जाता है कि नंदलाल यादव, गो¨वद महतो समेत चार लोगों ने वहां घर बनाया था। पहले वहां चार परिवार ही रहते थे बाद में दस से अधिक लोग रहने लगे।