उद्योग-शैक्षणिक संस्थान एक साथ करें कदमताल तभी साकार होगा 'मेक इन इंडिया' का सपना
आइएसएम की ताकत है कोर ब्रांच है, लेकिन अब कोर ब्रांच के साथ साथ अन्य विषयों को हब एंड स्पोक बनाया जाएगा, ताकि इंडस्ट्री के डिमांड को आसानी पूरा किया जा सके।
धनबाद, जेएनएन। इंडस्ट्री की जरूरतों के हिसाब से कोर्स बनाया जाए, ताकि छात्र व इंडस्ट्री दोनों को फायदा हो सके। उक्त बातें ईस्र्टन कोलफिल्ड लिमिटेड के सीएमडी प्रेम सागर मिश्रा ने पेनमेन हॉल में आयोजित इंडस्ट्री-इंस्टीटयूट इंटरेक्शन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि दोनों में समन्वय होना आज की मांग है। इससे उद्योग व शैक्षणिक संस्थान के साथ साथ देश को भी फायदा होगा। वहीं, आइएसएम के निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने कहा कि मेक इन इंडिया को साकार करने के लिए इंडस्ट्री और शैक्षणिक संस्थान को एक साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा। उन्होंने कहा कि संस्थान के विकास में पूर्ववर्ती छात्रों की भूमिका अहम है। उनका भी सहयोग लिया जाएगा।
प्रो. शेखर ने कहा कि आइएसएम में कुछ नए कोर्स भी शुरू किए जाएंगे, जिसमें जियो स्पेशल टेक्नालाजी तथा रिन्युबल सेंटर शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आइएसएम की ताकत है कोर ब्रांच है, लेकिन अब कोर ब्रांच के साथ साथ अन्य विषयों को हब एंड स्पोक बनाया जाएगा, ताकि इंडस्ट्री के डिमांड को आसानी पूरा किया जा सके। इस दौरान आइआइटी के पूर्व छात्र अरूण जेटली, आइएसएम के पूर्व छात्र व पेएटीएम के शीर्ष अधिकारी अभिजीत सिन्हा के अलावा दीपेश दीपू, किरण कुमार तथा श्वेता पांडेय ने भी छात्रों को संबोधित किया और उन्हें बेहतर करने के लिए प्रेरित किया। शाम को पेनमेन हॉल में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें वायलिन वादक उस्ताद जौहर अली खान, सुरम नाथ कबेलिया के ग्रुप ने नृत्य प्रस्तुत कर भारतीय संस्कृति का नजारा पेश किया।