हवा ले जाने को हवा से बातें कर रहीं ट्रेनें; Dhanbad डिवीज़न होकर 100 तो देशभर में 203 ऑक्सीजन स्पेशल
टूटती सांसों की डोर थामने हवा ले कर दौड़ने वाली ट्रेनें हवा से बातें कर रही हैं। बिना रुके ट्रेनें दौड़ती रहे इसके लिए रेलवे ने ग्रीन कॉरिडोर तैयार कर दिया है।ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने अब तक धनबाद रेल मंडल में शतक लगा दिया है।
धनबाद, जेएनएन : टूटती सांसों की डोर थामने हवा ले कर दौड़ने वाली ट्रेनें हवा से बातें कर रही हैं। बिना रुके ट्रेनें दौड़ती रहे इसके लिए रेलवे ने ग्रीन कॉरिडोर तैयार कर दिया है। जिंदगी और मौत से जूझ रहे मरीजों को प्राणवायु देने वाली ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने अब तक धनबाद रेल मंडल में शतक लगा दिया है। यानी 19 अप्रैल से अब तक इस रेल मंडल से होकर 100 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन गुजर चुकी है। 14 मई तक देशभर में कुल 203 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन पटरी पर उतर चुकी हैं।
इन ट्रेनों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन है जिन्हें देश के अलग-अलग राज्यों तक पहुंचाया जा रहा है और वहां भर्ती कोविड मरीजों को इमरजेंसी के दौरान ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
राजधानी एक्सप्रेस से ज्यादा दी जा रही प्राथमिकता
भारतीय रेल में राजधानी एक्सप्रेस ऐसी ट्रेन है जिसे सर्वोच्च प्राथमिकता मिलती है।एक से दो मिनट देर होने पर भी रेलवे बोर्ड स्तर पर सवाल खड़े होने लगते हैं। पर मौजूदा परिस्थिति में राजधानी एक्सप्रेस से भी ज्यादा तवज्जो ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों को दी जा रही है। रेलवे ने एक राज्य से खुलकर दूसरे राज्य तक पहुंचने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस के लिए ऐसी व्यवस्था बनाई है जिसने बगैर रेड सिग्नल के ही उन्हें चलाया जा रहा है।
वर्जन
" पूर्व मध्य रेल की ओर से ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों को विशेष निगरानी के साथ ग्रीन कॉरिडोर से चलाया जा रहा है। मेल एक्सप्रेस ट्रेनों से अधिक गति से इन ट्रेनों को चलाने की व्यवस्था की गई है।
राजेश कुमार, सीपीआरओ, पूर्व मध्य रेल