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हावड़ा से दिल्‍ली तक 160 की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें, रांची से पटना जाने वाली ट्रेनें नहीं आएंगी गोमो-बोकारो

हावड़ा से नई दिल्ली तक 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलाने की तैयारी चल रही है। 1451 किलोमीटर लंबे इस मार्ग के प्रधानखंता से बंधुआ तक 202 किमी हिस्सा धनबाद रेल मंडल में है। इस हिस्से में 2024 से 160 की रफ्तार से ट्रेनें चलाई जाएंगी।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Published: Thu, 22 Sep 2022 04:26 PM (IST)Updated: Thu, 22 Sep 2022 04:26 PM (IST)
धनबाद में बैठक के बाद जीएम, डीआरएम सिधवर-सांकी नई रेल लाइन के निरीक्षण को रवाना होंगे।

जागरण संवाददाता, धनबाद: हावड़ा से नई दिल्ली तक 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलाने की तैयारी चल रही है। 1451 किमी लंबे इस मार्ग के प्रधानखंता से बंधुआ तक 202 किमी हिस्सा धनबाद रेल मंडल में है। इस हिस्से में वर्तमान में अधिकतम 130 की रफ्तार से चल रही ट्रेनें 2024 से 160 की रफ्तार से चलेंगी। रेल मंत्रालय के मिशन रफ्तार के तहत धनबाद मंडल में ट्रेनों की गति बढ़ाने की तैयारियां है।

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रेलवे ट्रैक रिन्युअल से लेकर सिग्नल तक का आधुनिकीकरण चल रहा है। अब तक की प्रगति से रूबरू होने गुरुवार को पूर्व मध्य रेल महाप्रबंधक अनुपम शर्मा ने गया से धनबाद तक का विंडो निरीक्षण किया। इस दौरान संबंधित विभागों के अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली। प्रोजेक्ट को लेकर आ रही तकनीकी समस्याओं का नाेट भी तैयार कराया और समाधान की बात कही। धनबाद पहुंचे रेल जीएम यहां डीआरएम आशीष बंसल समेत सभी विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे। हालांकि बैठक यात्री सुविधाओं पर नहीं बल्कि धनबाद में कोल कनेक्टिविटी पर है। धनबाद में कोयला परिवहन की मौजूदा स्थिति और उसमें हो रही समस्याओं के समाधान पर मंथन होगा। बेहतर कनेक्टिविटी के लिए योजनाएं भी तैयार होंगी। धनबाद में बैठक के बाद जीएम, डीआरएम समेत अन्य विभागीय अधिकारी सिधवर-सांकी नई रेल लाइन का निरीक्षण करने को रवाना होंगे।

सिधवर सांकी रेल लाइन को चालू करने के लिए रेलवे तेजी से काम कर रही है। इससे रांची से पटना की दूरी को 40 किमी तक कम करने में मदद मिलेगी। रांची से पटना जानेवाली ट्रेनें बरकाकाना से सिधवर व सांकी होकर चल सकेंगी। ट्रेनों को गोमो होकर चलाने के बजाय सीधे बरकाकाना से सिधवर, सांकी, हजारीबाग टाउन और कोडरमा होकर पटना तक चलाई जा सकेंगी। इस रेल मार्ग की खास बात यह होगी कि यात्रियों को घने जंगलों और पहाड़ों के बीच तीन सुरंगों से होकर गुजरने का अवसर मिलेगा। जीएम के निरीक्षण में सबकुछ सही पाए जाने पर मुख्य संरक्षा आयुक्त निरीक्षण करेंगे। उनकी हरी झंडी मिलने पर ही नए रूट से यात्री ट्रेनें चल सकेंगी।


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