Indian Railways, IRCTC: आज रात से 6 घंटे बुक नहीं होंगे टिकट, 21 नवंबर तक ऐसा ही होगा; जानिए वजह
Indian Railways रेलवे के पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम में नये सिरे से सब कुछ फीड करना होगा। यही वजह है कि रेलवे ने पूरे देश में पीआरएस सिस्टम के अगले एक हफ्ते तक 6 घंटे के शटडाउन लेने का निर्णय लिया है। इस दौरान पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम को अपग्रेड किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, धनबाद। अगले 7 दिनों तक देर रात से सुबह तक रेलवे टिकट बुक नहीं कराए जा सकेंगे। आज यानी 14 नवंबर से ही ऐसा होने जा रहा है। इस दौरान रात 11:30 बजे से सुबह के 5:30 बजे तक रेलवे का पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम बंद रहेगा। धनबाद समेत पूरे देशभर में यह व्यवस्था प्रभावी होने जा रही है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्यों होने जा रहा है। तो बात दरअसल यह है कि भारतीय रेलवे ने शुक्रवार को यह आदेश जारी कर दिया था कि सभी मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें अब पहले की तरह पुराने नंबर से चलेंगी। उनका किराया भी पहले की तरह ही होगा। स्पेशल और त्योहारी स्पेशल ट्रेन सामान्य बनकर चलेंगी। इस आदेश को प्रभावी बनाने के लिए पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम में डाटा अपलोड किया जाएगा। इसके लिए पीआरएस शट्डाउन करने का निर्णय लिया है।
पीआरएस डाटा होगा फीड
रेल मंत्रालय से जारी पत्र के बाद शनिवार से ही ट्रेनों का स्पेशल स्टेटस खत्म करने के लिए अलग-अलग जोन में नई व्यवस्था प्रभावी हो गई। पर अभी तक टिकटों की बुकिंग पुराने नंबरों की ट्रेन से शुरू नहीं हो सकी है। इसे लेकर रेलवे के पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम में नये सिरे से सब कुछ फीड करना होगा। यही वजह है कि रेलवे ने पूरे देश में पीआरएस सिस्टम के अगले एक हफ्ते तक 6 घंटे के शटडाउन लेने का निर्णय लिया है। इस दौरान पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम को अपग्रेड किया जाएगा। देशभर की हजारों ट्रेनें अपडेट होंगी। ट्रेनों के साथ-साथ जिन यात्रियों ने आरक्षण करा लिया है । उसे भी फीड किया जाएगा। अपग्रेडेशन की वजह से रात 11:30 से सुबह के 5:30 बजे तक ना ही टिकटों की बुकिंग होगी न ही रेलवे की करंट टिकट बुक कराए जा सकेंगे। रेलवे की पूछताछ सेवा भी 6 घंटे के लिए बंद रहेगी।
एडवांस बनेंगे रेलवे के रिजर्वेशन चार्ट
14 नवंबर की रात से नई व्यवस्था प्रभावित हो रही है। इसके मद्देनजर रेलवे ने वाणिज्य विभाग के अधिकारियों से कहा है कि लेट नाइट की ट्रेनों के आरक्षण चार्ट एडवांस में तैयार करा लिए जाएं, ताकि उनमें सफर करने वाले यात्रियों को किसी तरह की परेशानी ना हो।