डाकघर, पिन कोड का पता पूछकर रेल यात्रियों को परेशान मत कीजिए, परेशानी समझिए और सिस्टम बदलिए
डाकघर पिन कोड का पता पूछकर परेशान मत कीजिए परेशानी समझिए और सिस्टम बदलिए...। यह कहना है क्षेत्रीय रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति-जेडआरयूसीसी सदस्य चंद्र शेखर आजाद का। आजाद सोमवार को पटना में आयोजित पूर्व मध्य रेल की क्षेत्रीय रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति बैठक में पहुंचे हैं।
जागरण संवाददाता, धनबाद: डाकघर, पिन कोड का पता पूछकर परेशान मत कीजिए, परेशानी समझिए और सिस्टम बदलिए...। यह कहना है क्षेत्रीय रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति-जेडआरयूसीसी सदस्य चंद्र शेखर आजाद का। आजाद सोमवार को पटना में आयोजित पूर्व मध्य रेल की क्षेत्रीय रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति बैठक में पहुंचे हैं। महाप्रबंधक समेत पूर्व मध्य रेल के सभी विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी में बंद ट्रेन को चालू करने, नई ट्रेन चलाने और यात्रियों को होनेवाली असुविधा से अवगत कराया।
उन्होंने बताया कि आरक्षण कराने वाले यात्रियों से आरक्षण फार्म में गंतव्य का पता पूछे जाने से उन्हें रोजाना परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। राज्य और जिला के साथ डाकघर और शहर का पिन कोड भी पूछा जा रहा है। आम यात्रियों को डाकघर और पिन कोड की जानकारी कैसे हो सकती है। उदाहरण देकर कहा कि अगर कोई बुजुर्ग तीर्थ करने जा रहा हो और उन्हें कई अलग-अलग स्टेशनों के लिए टिकट बुक कराना है तो हर स्टेशन का डाकघर, पिन कोड लिखना पड़ता है। ऐसे में उन्हें होनेवाली परेशानी को समझना होगा। जनरल श्रेणी में यात्रा करने वाले आम यात्री सेकेंड सीटिंग का आरक्षण कराते हैं।
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इनमें ऐसे यात्री भी हैं तो पढ़े-लिखे नहीं हैं। किसी तरह नाम, ट्रेन और गंतव्य स्टेशन बताकर टिकट बुक कराते हैं। अब ऐसे यात्रियों से डाकघर ओर पिन कोड पूछकर उन्हें परेशान कहां तक उचित है। महाप्रबंधक ने यात्रियों को होनेवाली असुविधा पर गंभीरता से विचार करने का भरोसा दिया। बैठक में पूर्व मध्य रेल के दायरे वाले संसदीय क्षेत्र के सांसद, विधायक व अन्य प्रतिनिधि के साथ धनबाद के जेउआरयूसीसी सदस्य पिंटू सिंह भी मौजूद हैं।
क्या-क्या हैं मांगें
- आरक्षित टिकटों पर डाकघर और पिन कोड की बाध्यता समाप्त की जाए।
- वेटिंग टिकट पर आपातकालीन कोटे से आवेदन के लिए ई-मेल और व्हाट्सऐप सुविधा दी जाए।
- सभी ट्रेनों में जनरल टिकट की पुरानी व्यवस्था बहाल की जाए।
- हटिया-पटना पाटलीपुत्र एक्सप्रेस को पहले की तरह प्रतिदिन चलाया जाए।
- धनबाद-टाटानगर स्वर्णरेखा एक्सप्रेस को चालू किया जाए।
- धनबाद से दिल्ली और बेंगलुरू को सीधी ट्रेन चलाई जाए।