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पहाड़ की चोटी से भी दुरूह पहाड़ियों की जिंदगी, इस आदिम जनजाति के बाबत अच्छी खबर; जानिए

अधिकतर आदिम जनजाति परिवार अब भी पहाड़ों पर निवास करते हैं। वहां मुलभूत सुविधाओं की कमी है। अब भी अधिकतर पहाड़ी गांवों में पैदल ही जाना पड़ता है।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 09:30 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jan 2020 09:30 AM (IST)
पहाड़ की चोटी से भी दुरूह पहाड़ियों की जिंदगी, इस आदिम जनजाति के बाबत अच्छी खबर; जानिए
पहाड़ की चोटी से भी दुरूह पहाड़ियों की जिंदगी, इस आदिम जनजाति के बाबत अच्छी खबर; जानिए

साहिबगंज [ डॉ. प्रणेश ]। सूबे में आदिम जनजाति परिवारों की घटती संख्या के बीच साहिबगंज से एक अच्छी खबर आयी है। यहां आदिम जनजाति परिवारों की संख्या बढ़ रही है। 2011 की जनगणना के अनुसार जिले में आदिम जनजाति परिवारों की संख्या 7396 थी जो अब बढ़ कर 12697 हो गई है। आठ साल में यह संख्या बढ़ी है। 2021 में होनेवाली जनगणना तक यह संख्या दोगुनी होने की उम्मीद है। वर्तमान में जिले में आदिम जनजाति की कुल संख्या 49383 है। 

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संचार और परिवहन क्रांति के इस दाैर में भी अधिकतम पहाड़िया आदिम जनजाति परिवार पहाड़ों पर निवास करते हैं। वहां मुलभूत सुविधाओं की कमी है। अब भी अधिकतर पहाड़ी गांवों में पैदल ही जाना पड़ता है। पीने के पानी की किल्लत है। हर साल बरसात के दिनों में गंदा पानी पीने की वजह से कहीं न कहीं डायरिया फैल जाता है और दो-चार लोगों की मौत हो जाती है। इस बार भी बोरियो व तालझारी प्रखंड के पहाड़ों पर डायरिया फैल गया था जिसमें करीब आधा दर्जन लोगों की मौत हो गई थी। पहाड़ों पर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने में विलंब होता है जिस वजह से मरनेवालों की संख्या बढ़ जाती है। पहाड़ों पर विभिन्न प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने में होनेवाली परेशानी को देखते हुए कई बार सरकार ने उन्हें नीचे बसाने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी। आदिम जनजाति के परिवारों को डाकिया योजना के तहत खाद्यान घर तक पहुंचाने की व्यवस्था सरकार ने की है। सदस्य के प्रत्येक व्यक्ति को पेंशन दी जाती है। इसके अलावा अन्य कई प्रकार की योजनाएं भी चलायी जा रही हैं। इसके बेहतर परिणाम मिले हैं। 

  • प्रखंडवार आदिम जनजाति परिवारों की संख्या 

क्र.  प्रखंड   2011 की जनगणना के अनुसार परिवार  वर्तमान में परिवारों की संख्या     कुल जनसंख्या 

1.  बरहेट         1311                           3021                   11921

2.  बरहड़वा        68                            77                      354

3.  बोरियो        1423                           2495                    9423

4.  मंडरो         1620                           2145                    7605

5.  पतना         1249                           1841                    7908

6. तालझारी        1616                           3009                   11723

7. उधवा          ---                            ----                     ----

8. साहिबगंज       03                             03                      17

9. राजमहल        106                            106                     432

आदिम जनजाति परिवारों को सरकार कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। हर परिवार को 35 किलो चावल प्रतिमाह उपलब्ध कराया जाता है। परिवार के एक सदस्य को पेंशन भी दी जाती है। आदिम जनजाति परिवार के बच्चों के लिए आवासीय स्कूल की भी व्यवस्था है जहां हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। 

-अशोक प्रसाद, विशिष्ट पहाडिय़ा कल्याण पदाधिकारी, साहिबगंज


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