प्रोत्साहन राशि तो दूर, जूनियर डॉक्टरों को दो महीने से वेतन नहीं
धनबाद कोरोना महामारी में एक ओर जहां हेल्थ वर्कर को एक महीने का प्रोत्साहन राशि दी जा रही है वहीं एसएन एमएमसीएच के 45 जूनियर डॉक्टरों को विगत दो महीने से वेतन के लाले पड़े हुए हैं। बिना वेतन के जूनियर डॉक्टर कोविड-19 में अपनी सेवा दे हैं। बुधवार को जूनियर डॉक्टरों के सब्र का बांध टूट गया और सभी ने अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार चौधरी का घेराव किया।
जागरण संवाददाता, धनबाद : कोरोना महामारी में एक ओर जहां हेल्थ वर्कर को एक महीने का प्रोत्साहन राशि दी जा रही है, वहीं एसएन एमएमसीएच के 45 जूनियर डॉक्टरों को विगत दो महीने से वेतन के लाले पड़े हुए हैं। बिना वेतन के जूनियर डॉक्टर कोविड-19 में अपनी सेवा दे हैं। बुधवार को जूनियर डॉक्टरों के सब्र का बांध टूट गया और सभी ने अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार चौधरी का घेराव किया। जूनियर डॉक्टर ने बताया कि वेतन नहीं मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो रही है। ऐसे में कोरोना जैसी महामारी में सेवा देना संभव नहीं हो रहा है।
प्रोत्साहन राशि तो दूर वेतन भी नहीं मिल रहा : जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि प्रोत्साहन राशि तो दूर अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों को मारकर अप्रैल का वेतन नहीं मिला है। बिना वेतन के दो महीने बीत चुके हैं। जब भी प्रबंधन से वेतन के लिए बात की जाती है, तो टालमटोल किया जाता है। जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि ड्यूटी में उन लोगों को जहां भी लगाया जाता है, वह वह लोगों को अपनी सेवाएं देते हैं, लेकिन वेतन नहीं मिलने से काफी मायूस हैं। डॉक्टर को प्रति माह 45000 मानदेय मिलता है। एक-दो दिन में फंड मिलने की संभावना : अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार चौधरी ने बताया कि जूनियर डॉक्टरों के मानदेय के लिए फंड नहीं आया है। इस वजह से उन्हें मानदेय नहीं दिया जा सका है। इसकी शिकायत मुख्यालय से की गई है। एक-दो दिन में फंड रिलीज करने का आश्वासन दिया गया है।