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शिवभक्तों ने जीभ, पीठ में ठुकवाई लोहे की कील

जासं झरिया-बलियापुर झरिया कोयलांचल व बलियापुर में चड़क पूजा के अवसर पर बुधवार को क्ष

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 01:37 AM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 01:37 AM (IST)
शिवभक्तों ने जीभ, पीठ में ठुकवाई लोहे की कील
शिवभक्तों ने जीभ, पीठ में ठुकवाई लोहे की कील

जासं, झरिया-बलियापुर : झरिया कोयलांचल व बलियापुर में चड़क पूजा के अवसर पर बुधवार को क्षेत्र के विभिन्न गांवों के शिव मंदिर प्रांगण में भोक्ता मेला लगा। भोक्ता मेला में शिव भक्तों ने अपने शरीर के जीभ, पीठ, छाती, बांह, पैर आदि में लोहे की कील ठुकवाकर भगवान शिव की प्रति आस्था प्रकट की। शिव भक्त इस दौरान मेला स्थल पर स्थापित भोक्ता खूंटा पर लटक कर घूमते रहे। मेला में भोक्ता घूरा कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र बना रहा। कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए मेलों में भोक्ता घूरा की रस्म पूरी की गई। कोरोना को लेकर कई गांवों में मेला स्थगित कर दिया गया। सिदूरपुर, धड़बड़, सावलापुर, कुसमाटांड़ आदि गांवों के शिव मंदिरों में सादगी से मेला लगा। बाघमारा, शिवपुर आदि गांवों में भोक्ता मेला नहीं लगा। अलकडीहा पातालेश्वर शिव धाम में भी कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए केवल पूजा की गई। मंदिर के पुजारी संदीप शास्त्री ने कहा कि गुरुवार को यहां तीन दिवसीय चड़क पूजा का समापन होगा। फुलारीबाग बूढ़ा बाबा शिव धाम में शिव भक्तों ने पूजा की। भोर में यहां तीन घंटे के लिए मेला लगा। लोगों ने हस्तशिल्प के सामान की खरीदारी की। यहां आठ दशक से मंदिर परिसर में मेला लगता आ रहा है। इसके अलावा जोड़ापोखर बस्ती, भौंरा आदि क्षेत्रों में तीन दिवसीय चड़क पूजा का समापन हो गया। यहां के शिव मंदिरों में भी अनेक शिव भक्त पहुंचकर पूजा अर्चना की। भोक्ता घूरा का कार्यक्रम इन मंदिरों में नहीं हुआ। इस बार कोरोना की वजह से ज्यादा बड़ा कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ।

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