नीति आयोग के सदस्य सारस्वत को 2020 में दूसरी हरित क्राति की उम्मीद, विषैले खाद्य पदार्थों को बताया खतरनाक
भारत में विश्व की 16 फीसद जनसंख्या और सिर्फ चार फीसद पानी है। ग्रामीण भारत का तेजी से शहर की ओर पलायन हो रहा है। अभी यह आंकड़ा 30 फीसद है जो अगले 10 सालों में 45 प्रतिशत हो जाएगा।
By Edited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 09:43 AM (IST)
धनबाद, जेएनएन। पिछले 5000 वर्षो में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई परिवर्तन हुए हैं। 1970 में हरित क्रांति, 1980 में श्वेत क्राति, 1990 में वायु ऊर्जा, 2000 में सौर ऊर्जा, 2010 में विद्युत उत्पादन का दौर देखा गया। अब 2020 में दूसरी हरित क्राति होने की उम्मीद की जा रही है। यह बातें नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके सारस्वत ने कहीं।
वह मंगलवार को सिंफर के 73वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। सिंफर सभागार में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. सारस्वत ने कहा कि भारत में विश्व की 16 फीसद जनसंख्या और सिर्फ चार फीसद पानी है। ग्रामीण भारत का तेजी से शहर की ओर पलायन हो रहा है। अभी यह आंकड़ा 30 फीसद है जो अगले 10 सालों में 45 प्रतिशत तक हो जाएगा। इसके साथ ही नई चुनौतियों का सामना करना होगा। 21वीं सदी की अभियात्रिकी के लिए सबसे बड़ी चुनौती वैश्विक सस्टेनेबिलिटी होगी। उन्होंने कहा कि अभियात्रिकी के कुछ प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ रहे हैं। खाद्य, वायु और जल में मौजूद विषैले पदार्थों से मनुष्य को सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण के कारण पारिस्थितिकी तंत्र को क्षति पहुंच रही है। अभियात्रिकी के क्षेत्र में नई चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा की। सौर ऊर्जा को किफायती बनाने, फ्यूजन के माध्यम से ऊर्जा उत्पादन, शहरी अवसंरचना का सुधार नई पीढ़ी की जरुरतें हैं।
वित्तीय रूप से सिंफर आत्मनिर्भर, कमाई 530 करोड़ः सिंफर निदेशक डॉ. पीके सिंह ने कहा कि संस्थान वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर हो चुका है। पिछले एक वर्ष में एक्सटर्नल कैश फ्लो 530 करोड़ हो चुका है। सिंफर ने भूटान के ड्यूक ग्रीन पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ करार किया है। उत्तराखंड के सिंचाई विभाग, सीमा सड़क संगठन सहित अन्य इकाईयों के साथ भी करार किए गए हैं। कार्यक्रम में बीआइटी सिंदरी के निदेशक डॉ. डीके सिंह, सिंफर के पूर्व निदेशक डॉ. अमलेंदु सिन्हा,डॉ. टीएन सिंह समेत अन्य उपस्थित थे।
वह मंगलवार को सिंफर के 73वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। सिंफर सभागार में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. सारस्वत ने कहा कि भारत में विश्व की 16 फीसद जनसंख्या और सिर्फ चार फीसद पानी है। ग्रामीण भारत का तेजी से शहर की ओर पलायन हो रहा है। अभी यह आंकड़ा 30 फीसद है जो अगले 10 सालों में 45 प्रतिशत तक हो जाएगा। इसके साथ ही नई चुनौतियों का सामना करना होगा। 21वीं सदी की अभियात्रिकी के लिए सबसे बड़ी चुनौती वैश्विक सस्टेनेबिलिटी होगी। उन्होंने कहा कि अभियात्रिकी के कुछ प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ रहे हैं। खाद्य, वायु और जल में मौजूद विषैले पदार्थों से मनुष्य को सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण के कारण पारिस्थितिकी तंत्र को क्षति पहुंच रही है। अभियात्रिकी के क्षेत्र में नई चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा की। सौर ऊर्जा को किफायती बनाने, फ्यूजन के माध्यम से ऊर्जा उत्पादन, शहरी अवसंरचना का सुधार नई पीढ़ी की जरुरतें हैं।
वित्तीय रूप से सिंफर आत्मनिर्भर, कमाई 530 करोड़ः सिंफर निदेशक डॉ. पीके सिंह ने कहा कि संस्थान वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर हो चुका है। पिछले एक वर्ष में एक्सटर्नल कैश फ्लो 530 करोड़ हो चुका है। सिंफर ने भूटान के ड्यूक ग्रीन पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ करार किया है। उत्तराखंड के सिंचाई विभाग, सीमा सड़क संगठन सहित अन्य इकाईयों के साथ भी करार किए गए हैं। कार्यक्रम में बीआइटी सिंदरी के निदेशक डॉ. डीके सिंह, सिंफर के पूर्व निदेशक डॉ. अमलेंदु सिन्हा,डॉ. टीएन सिंह समेत अन्य उपस्थित थे।
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