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Important Rail News: झारखंड से असम को जोड़ने वाली एकलौती ट्रेन रांची-कामाख्या एक्सप्रेस के बढ़ सकते हैं फेरे

झारखंड से असम को जोड़ने वाली एकलौती ट्रेन रांची- कामाख्या एक्सप्रेस के फेरे बढ़ाए जा सकते हैं। पहले की तरह इस ट्रेन को सप्ताह में दो दिन चलाई जा सकती है। फेरे बढ़ने से न सिर्फ असम बल्कि उत्तरी हिस्से से ज्यादातर शहरों तक पहुंचने की राह आसान हो सकेगी।

By Atul SinghEdited By: Published: Fri, 15 Jul 2022 01:47 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jul 2022 01:47 PM (IST)
झारखंड से असम को जोड़ने वाली एकलौती ट्रेन रांची- कामाख्या एक्सप्रेस के फेरे बढ़ाए जा सकते हैं।

जागरण संवाददता, धनबाद : झारखंड से असम को जोड़ने वाली एकलौती ट्रेन रांची- कामाख्या एक्सप्रेस के फेरे बढ़ाए जा सकते हैं। पहले की तरह इस ट्रेन को सप्ताह में दो दिन चलाई जा सकती है। फेरे बढ़ने से न सिर्फ असम बल्कि बिहार के किशनगंज और बंगाल के उत्तरी हिस्से से ज्यादातर शहरों तक पहुंचने की राह आसान हो सकेगी। रांची डिविजन की डीआरयूसीसी बैठक के दौरान सदस्यों ने जहां कई ट्रेनों के विस्तार, बंद ट्रेनाें चलाने और रांची व हटिया से नई ट्रेनों की शुरुआत का प्रस्ताव दिया, वहीं बोकारो और धनबाद होकर चलने वाली रांची- कामाख्या एक्सप्रेस को पहले की तरह सप्ताह में दो दिन चलाने की सिफारिश की। यह सुझाव भी दिया कि फेरे बढ़ाने के साथ ही इसका विस्तार सिलघाट या सिल्चर करने की भी संभावना तलाशी जाए।

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रांची-कामाख्या एक्सप्रेस पहले हफ्ते में दो दिन चलती थी। 15 जून 2017 को धनबाद-चंद्रपुरा रेल मार्ग बंद होने से ट्रेन हो गई। बाद में जब दोबारा इस रेल लाइन पर ट्रेनें चलीं तो रांची-कामाख्या एक्सप्रेस के फेरे कम कर दिए गये। मार्च 2020 में जब कोरोना काल की वजह सभी ट्रेनें बंद हुईं तो एक बार फिर उम्मीद जगी कि ट्रेनों के सामान्य होने पर रांची- कामख्या एक्सप्रेस पहले की तरह चलेगी, पर फेरे बढ़ाने का निर्णय नहीं हुआ। पांच वर्षों से फेरे बढ़ाने को लेकर फेंकाफेंकी चल रही है। रांची-कामाख्या एक्सप्रेस के नार्थ फ्रंटियर रेलवे के अधीन होने की बात कह कर अधिकारी पल्ला झाड़ रहे हैं। अब डीआरयूसीसी की बैठक में फिर फेरे बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है जिससे उम्मीद जगी है।

इसके साथ ही रांची से न्यू जलपाईगुड़ी के बीच चलने वाली साप्ताहिक ट्रेन को भी 15 जून 2017 से बंद कर दिया गया है। उस ट्रेन को फिर से पटरी पर लाने का सुझाव डीआरयूसीसी सदस्यों ने दिया है। धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन बंद होने से रांची से हावड़ा जानेवाली इंटरसिटी एक्सप्रेस को महुदा रूट से डायवर्ट कर दिया था। तभी से ट्रेन बदले रूट से चल रही है। रेल अधिकारियों को याद दिलाया गया है कि ट्रेन को उसके पुराने मार्ग से चलाएं। मार्च 2020 से बंद पड़ी धनबाद-भुवनेश्वर गरीब रथ को फिर से चलाने के साथ दूसरी बंद ट्रेनों को पटरी पर लाने का सुझाव दिया गया है। इस बारे में डीआरयूसीसी सदस्य अरूण जोशी बोले, रांची - कामाख्या के फेरे बढ़ाने के साथ रांची, हटिया और धनबाद की बंद ट्रेनों को चलाने का विस्तृत प्रस्ताव सौंपा गया है। धनबाद से छीनी गई रांची-हावड़ा इंटरसिटी को पहले की तरह धनबाद होकर चलाने की सिफारिश की गई है।

राजधानी, स्वर्णजयंती और रांची-आरा व एलटीटी का पारसनाथ में ठहराव शुरू कराए रेलवे

डीआरयूसीसी सदस्यों ने ट्रेनों के ठहराव संबंधी महत्वपूर्ण प्रस्ताव रांची डिविजन को दिए हैं। उन्होंने रांची राजधानी, स्वर्णजयंती, रांची-आरा व रांची से मुंबई को जोड़ने वाली एलटीटी एक्सप्रेस का पारसनाथ में ठहराव शुरू कराने का सुझाव दिया है। देशभर से बड़ी संख्या में पारसनाथ आनेवाले जैन तीर्थ यात्रियों के लिए सदस्यों के प्रस्ताव अहम हैं। रेलवे ने संभावना तलाशने का भरोसा भी दिया है।


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