IIT ISM: छात्रों में वैज्ञानिक सोच विकसित करेगा टिंकरिंग एजुकेशन लैब, पढ़ें पूरी खबर
देश के अगर प्रगति के रास्ते पर लाना है तो विज्ञान और तकनीकि के रास्ते से ही होकर गुजरना होगा। छात्रों में नई सोंच पैदा करनी होगी। 21वीं सदी में तकनीक के बढ़ते महत्व को देखते हुए आइआइटी आइएसएम टिंकरिंग एजुकेशन लैब खोलने जा रहा है।
धनबाद, जेएनएन: देश को अगर प्रगति के रास्ते पर लाना है तो विज्ञान और तकनीकि के रास्ते से ही होकर गुजरना होगा। छात्रों में नई सोंच पैदा करनी होगी। 21वीं सदी में तकनीक के बढ़ते महत्व को देखते हुए आइआइटी आइएसएम टिंकरिंग एजुकेशन लैब खोलने जा रहा है। इसकी तैयारी अंतिम चरण में है। इस लैब में छात्रों की हर वह जरूरत का अत्याधुनिक सामान और उपकरण मौजूद होगा। जिसकी सहायता से छात्रों के भीतर छिपी प्रतिभा को निखारा जाएगा। आइआइटी आइएसएम ने इसके लिए पूर्ववर्ती छात्रों का भी भरपूर सहयोग लिया है। संस्थान अब उनकी सहायता से इस योजना को धरातल पर उतार रहा है। इसके लिए केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले पूर्ववर्ती छात्रों ने भी एक दूसरे का हाथ थामा है। टिंकरिंग लैब में छात्रों को निओटेरिक इनोवेटर के रूप में निखारा जाएगा। निओटेरिक यानि एक ऐसा व्यक्ति जो नए विचारों की वकालत करता है। इस लैब के जरिए आइआइटी छात्रों के वैज्ञानिक सोच को विकसित किया जाएगा। छात्र आइआर सेंसर और थ्रीडी सेंसर जैसे उपकरण की मदद से रोबोटिक्स और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी आधुनिक तकनीको से रूबरू होंगे। केवल इतना ही नहीं संस्थान छात्रों के लिए मेगा स्पोर्टस कॉम्पलेक्स का भी निमार्ण करने की तैयारी में है। संस्थान का मानना है कि आउट ऑफ द बॉक्स यानि छात्रों को हॉस्टल से बाहर निकालना और उनकी प्रतिभा और पंसद के अनुरूप फील्ड मुहैया कराना ताकि वे अपने अंदर नई सोच को विकसित कर सकें। वहीं आइआइटी के निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने कहा कि हम अपनी जरूरतों के लिए सरकार पर निर्भर नहीं रह सकते। संस्थान अपने पूर्ववर्ती छात्रों के सहयोग से टिंकरिंग लैब के आधारभूत संरचनाओं को विकसित करेगा।