इलेक्ट्रिक वाहन बनाना सिखाएगा IIT ISM, अगले सेमेस्टर से काम करेंगे छात्र Dhnabad News
IIT ISM धनबाद अगले सेमेस्टर से इलेक्ट्रिकल वाहन की पढ़ाई भी कराएगा। इसके लिए बीआइटी मेसरा के रोबोटिक्स विशेषज्ञ डॉ. अरुण दयाल से आइआइटी मदद ले रहा है।
धनबाद, जेएनएन। माइनिंग की पढ़ाई के लिए देशभर में मशहूर आइआइटी आइएसएम अब अगले सेमेस्टर से इलेक्ट्रिकल वाहन की पढ़ाई भी कराएगा। इसके लिए बीआइटी मेसरा के रोबोटिक्स विशेषज्ञ डॉ. अरुण दयाल से आइआइटी मदद ले रहा है। यहां छात्र थ्योरी और प्रेक्टिकल के जरिए इलेक्ट्रिकल वाहन की पूरी प्रक्रिया से रूबरू होंगे।
मसलन छात्र जानेंगे कि इसे कैसे बनाया जाता है, इसमें किन-किन चीजों का समावेश होता है, किस तरह से काम करता है और ऐसी गाडिय़ों की लाइफ कितनी होती है। इस क्षेत्र में आगे चलकर कितना स्कोप है, इसके बारे में भी छात्रों को बताया जाएगा।
मांग के अनुरूप कम हैं इलेक्ट्रिक वाहनों के इंजीनियर
भारतीय ऑटो उद्योग में प्रतिभा की कमी का सामना कर रही है। देश में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्रांति के लिए योग्य इंजीनियर नहीं मिल रहे हैं। नौकरियों के अवसर उपलब्ध कराने वाली कंपनियों का कहना है कि इस क्षेत्र के लायक अच्छे इंजीनियर ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। आइआइटी के अनुसार एक शोध में यह बात सामने आई है कि देश में लगभग एक हजार इंजीनियर ही इलेक्ट्रिक वाहनों पर काम कर रहे हैं।
IIT-NIT से ऑटो कंपनियों को उम्मीद
ऑटो कंपनियां प्रतिभा पाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) और केंद्रीय वित्त पोषित तकनीकी स्कूलों जैसे देश के प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों पर फोकस कर रही हैं। हाल ही में वाहनों के प्रदूषण को कम करने के लिए आइआइटी खडग़पुर के 50 छात्रों की एक टीम ने एक इलेक्ट्रिक वाहन विकसित किया है। यह बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
छात्रों को हर विधा में दक्ष बनाना ही लक्ष्य
आइआइटी आइएसएम के निदेशक प्रो.राजीव शेखर ने कहा कि अगले सेमेस्टर से इलेक्ट्रिक वाहन पर काम होगा। इसके लिए बीआइटी मेसरा के रोबोटिक्स विशेषज्ञ की मदद ली जा रही है। छात्रों को हर विधा में दक्ष बनाना ही लक्ष्य है। कई और भी बदलाव जल्द देखने को मिलेंगे।