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आइआइटी आइएसएम के प्रो. ने बनाया ये कमाल का मोबाइल एप, इससे पर्यावरण लाभ ही नहीं बल्‍कि म‍िलेगी आपको यून‍िक पहचान

इंडियन स्‍कूल ऑफ माइंस (आइआइटी) धनबाद के खनिज अभियंत्रण विभाग के प्रो. पंकज कुमार जैन ने ईवी कार्ड एप बनाया है। इसके माध्‍यम से कोई भी अपना डिजिटल विजिटि‍ंग कार्ड बना सकता है। यह कार्ड पर्यावरण की सुरक्षा में सहायक होगा।

By Atul SinghEdited By: Published: Sat, 06 Feb 2021 12:35 PM (IST)Updated: Sat, 06 Feb 2021 12:35 PM (IST)
आइआइटी आइएसएम के प्रो. ने बनाया ये कमाल का मोबाइल एप, इससे पर्यावरण लाभ ही नहीं बल्‍कि म‍िलेगी आपको यून‍िक पहचान
आइआइटी धनबाद के खनिज अभियंत्रण विभाग के प्रो. पंकज कुमार जैन ने ईवी कार्ड एप बनाया है। (जागरण)

शशिभूषण, धनबाद :  इंडियन स्‍कूल ऑफ माइंस (आइआइटी) धनबाद के खनिज अभियंत्रण विभाग के प्रो. पंकज कुमार जैन ने ईवी कार्ड एप बनाया है। इसके माध्‍यम से कोई भी अपना डिजिटल विजिटि‍ंग कार्ड बना सकता है। यह कार्ड पर्यावरण की सुरक्षा में सहायक होगा, क्‍योंकि अभी लोग कागज के विजिटिंग कार्ड का प्रयोग करते हैं। डिजिटल विजिटिंग कार्ड से कागज की बचत होगी। इस डिजिटल विजिटिंग कार्ड में तस्‍वीर के साथ कई जानकारियां हाेंगी। जो आपके कारोबार या अन्‍य कार्य में लोगों से संपर्क करने में मदद करेंगी। इस एप काे बनाने की शुरुआत कोरोना काल में पिछले वर्ष जुलाई में की गई, दिसंबर में यह बनकर तैयार हो गया। यह प्‍ले स्‍टोर में अब उपलब्‍ध है। 

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इंटरनेट के इस दौर में लोगों को डिजिटल पहचान देने वाले इस कार्ड में पूरा प्रोफाइल फोटो समेत मौजूद होगा। प्रो. पंकज ने बताया कि इस एप को और परिष्‍कृत कर रहे हैं। ताकि भविष्‍य में इसे चैटि‍ंग का भी माध्‍यम बना सकें। लोग एक दूसरे से बात कर सकें। डि‍जिटल विजिटिंग कार्ड को इस एप पर बनाकर आप वाट्सएप, ब्‍लूटूथ, मेल के द्वारा संबंधि‍त व्‍यक्ति तक भेज सकते हैं। कोई कांफ्रेंस होती है तो उसमें आए लोगों की डायरेक्‍ट्री भी आप बना सकते हैं। इस विजिटिंग कार्ड को समय समय पर अपडेट कर सकते हैं। अपडेट करने पर जिससे आप जुडे़ हैं उसे भी अपडेट जानकारी दिखने लगेगी। 

इस प्रकार होगा प्रयोग 

जिस भी संबंधि‍त व्‍यक्ति तक आपको अपना कार्ड भेजना है उसे वाट्सएप, ब्‍लूटूथ, मेल जैसे माध्‍यमों से भेज सकते हैं। यदि उनका नंबर मालूम नहीं है तो उनके ऑफि‍स जाकर आप उनका नंबर लेकर भेज सकते हैं। यदि उनका नंबर नहीं मिल पाता तो उनके कार्यालय के किसी कर्मी से बात कर उनको अपना कार्ड दे सकते हैं। वह अपने मोबाइल पर उसे संबंध‍ित व्‍यक्ति तक पहुंचा देगा। इस कार्ड की खास बात ये कि सामने वाला व्‍यक्ति जब तक आपके कार्ड को स्‍वीकार करने का ऑप्‍शन नहीं दबाएगा आपकी कोई भी जानकारी उनको नहीं दिखेगी। केवल तस्‍वीर, नाम और मोबाइल नंबर ही दिखेगा। जब वे आपका कार्ड देखकर स्‍वीकार कर लेंगे तभी आपकी जानकारी उनको दिखेगी। 

यह होगा लाभ 

इस डिजिटल कार्ड से कागज की बचत होगी। जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम होगा। साथ ही कारोबार या अन्‍य काम में भी इससे मदद मिलेगी। आपकी सारी जानकारी इस कार्ड में होने से सामने वाले को आपके कारोबार की जान‍कारियां मिलेंगी। आपकी कारोबारी डील इससे सरल हो सकेगी। इसके अलावा आप डायरेक्‍ट्री के माध्‍यम संबंध‍ित प्रोफेशन या नाम के आधार पर किसी भी व्‍यक्ति को खोज सकते हैं। कोरोना काल में एक बात सामने आई कि संक्रमण से बचने के लिए हमें लोगों से सुरक्षित शारीरिक दूरी बनानी होगी। इस कार्ड से यह भी संभव होगा। किसी को कार्ड देने के लिए उसके नजदीक नहीं जाना होगा।


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