सबसे अहम है छात्र और व्यावसायिक जीवन को पाटना
धनबाद नरेश वशिष्ठ सेंटर फॉर टिकरिग एंड इनोवेशन आइआइटी आइएसएम की ओर से इनोवेटिव लीडरशिप टॉक सीरीज का आयोजन किया गया। जिसका विषय था कैंपस टू कॉरपोरेट। जूम के माध्यम से आयोजित इस सत्र के वक्ता सीएसआइआर नेशनल मेटलर्जिकल लेबोरेटरी के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रीमा डे थे। अपने संचार कौशल के माध्यम से उन्होंने छात्रों से कहा कि छात्र जीवन और व्यावसायिक जीवन में काफी फर्क होता है।
जागरण संवाददाता, धनबाद : नरेश वशिष्ठ सेंटर फॉर टिकरिग एंड इनोवेशन आइआइटी आइएसएम की ओर से इनोवेटिव लीडरशिप टॉक सीरीज का आयोजन किया गया। जिसका विषय था कैंपस टू कॉरपोरेट। जूम के माध्यम से आयोजित इस सत्र के वक्ता सीएसआइआर नेशनल मेटलर्जिकल लेबोरेटरी के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रीमा डे थे। अपने संचार कौशल के माध्यम से उन्होंने छात्रों से कहा कि छात्र जीवन और व्यावसायिक जीवन में काफी फर्क होता है। इन दोनों के बीच स्थित पूल को कैसे पाट सकते हैं, यह सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कंपनियों में नई सोच के महत्व और कंपनियां उन्हें क्यों ढूंढती हैं। इस पर चर्चा की। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैंपस से कॉरपोरेट में इस संक्रमण काल में आने वाले कठिनाई का प्रबंधन कैसे किया जाए। सोशल मीडिया का उपयोग करते समय संक्रमण की समय सीमा, इस नई यात्रा को अधिक सीखने-उन्मुख बनाने और इसे प्रभावित करने वाले कारक, योग्यता, समय प्रबंधन, अति-उम्मीदों से निपटना, कंपनी में नौकरी के शुरुआती चरण में काम का प्रबंधन करने पर भी चर्चा की गई। सत्र में प्रो.अजीत कुमार, प्रो. निरंजन कुमार, प्रो. ताराचंद अमगोथ, और प्रो. पंकज मिश्रा ने युवा प्रोफेशनल सोच के लिए अपने अनुभव को साझा किया। सत्र का समापन प्रश्न-उत्तरी सत्र के साथ हुआ। जिसमें छात्रों ने डॉ. रीमा से कई प्रश्न पूछे। प्रो. पंकज मिश्रा और प्रो. अजीत कुमार ने डॉ. रीमा को उनके शानदार भाषण के लिए धन्यवाद दिया। इस दौरान 300 से अधिक प्रतिभागियों की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। कार्यक्रम की मेजबानी एनवीसीटीआइ कोर टीम की सदस्य अभिनव राज और निहारिका रावत ने की।