वैद्य एप दूर करेगा मरीजों की परेशानी
धनबाद आइआइटी आइएसएम की ओर से आयोजित हैकथॉन का समापन सोमवार को हो गया। 36 घंटे के हैकथॉन में कई उपयोगी आइडिया पर छात्रों ने शोध किया। प्रतियोगिता में तीन शीर्ष आइडिया को पुरस्कृत किया गया। जिसमें ड्यूक यूनिवर्सिटी की टीम कनवोल्यूटिनिस्ट ने वैद्य एप बनाकर हैकथॉन में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
जागरण संवाददाता, धनबाद : आइआइटी आइएसएम की ओर से आयोजित हैकथॉन का समापन सोमवार को हो गया। 36 घंटे के हैकथॉन में कई उपयोगी आइडिया पर छात्रों ने शोध किया। प्रतियोगिता में तीन शीर्ष आइडिया को पुरस्कृत किया गया। जिसमें ड्यूक यूनिवर्सिटी की टीम कनवोल्यूटिनिस्ट ने वैद्य एप बनाकर हैकथॉन में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। वहीं आइआइटी आइएसएम के छात्रों की टीम स्क्वायर ने ²ष्टिहीन दिव्यांगों के लिए फैशन, रंग और सौंदर्य की पहचान करने का एप बनाकर दूसरा स्थान तो तीसरे स्थान पर भी आइआइटी आइएसएम की टीम बर्प रही। विजेताओं को नगद पुरस्कार के अलावा इंटर्नशिप का भी ऑफर दिया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में शामक टेंटेड, स्वप्निल नारायण, अभिषेक राज, अनुज पहारिया, आर्यन सिंह, रोहित अग्रवाल, पारस शिका का विशेष योगदान रहा। प्रथम पुरस्कार
30 हजार नकद तथा इंटर्नशिप और प्लेसमेंट का अवसर :
ड्यूक यूनिवर्सिटी की टीम कनवोल्यूटिनिस्ट ने वैद्य एप बनाकर हैकथॉन में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। वैद्य एप चिकित्सा प्रणाली को पारदर्शी बनाएगा। यह एप चिकित्सा प्रणाली के प्रमुख मुद्दों और उनकी चुनौतियों का मुकाबला करेगा। कमजोर निष्कर्ष को निर्दिष्ट करने के बजाय कारणों की पहचान करेगा। इस एप के सर्वेक्षण के बाद जो परिणाम सामने आए हैं वह स्वास्थ्य के आंकड़ों और चिकित्सा इतिहास की मौजूद समस्या का एक महत्वपूर्ण आधार बना है। टीम लीडर शौर्य मंडल ने बताया कि वैद्य का उद्देश्य मरीजों और चिकित्सकों के बीच बीमारियों को लेकर व्यापक रूप से संवाद कायम करना और फिर उसका समाधान करना है। इसके लिए चिकित्सक और मरीज डॉक्टरों दोनों को इस एप पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसमें रोगियों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को स्मार्ट तरीके से स्टोर किया जाएगा। उसके बाद संबंधित चिकित्सक से संपर्क कर उस बीमारी का उचित उपचार किया जाएगा। इसके अलावा चिकित्सकों के सुझाव को विस्तार रूप भी दिया जा सकता है। प्रतिकूल परिणामों के मामले में संबंधित चिकित्सक द्वारा प्रश्नोत्तर प्रस्तुत भी किया जाएगा जो इस एप को और अधिक विश्वसनीय बनाता है। टीम में अमिक मंडल, सौनिक साहा, आकिब महबूब, अनुराग कुमार शामिल हैं। द्वितीय पुरस्कार
15 हजार नकद तथा इंटर्नशिप और प्लेसमेंट का अवसर :
आइआइटी आइएसएम की टीम स्क्वायर ने ²ष्टिहीन दिव्यांगों के लिए फैशन, रंग और सौंदर्य की पहचान करने का एप बनाया है। इस एप के सहयोग से ²ष्टिहीन भी ई-कॉमर्स पर खरीदारी कर सकेंगे। रंगों की उचित ²ष्टि और धारणा की कमी के कारण ये लोग अक्सर अपनी फैशन और जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर होते हैं। लेकिन अब ²ष्टिहीन दिव्यांग भी ऑनलाइन ई-कॉमर्स से अपनी मनपसंद चीजों की खरीदारी कर सकेंगे। आइआइटी आइएसएम के छात्रों ने बताया कि हम उन्हें नेत्रहीनों के लिए खरीदारी को आसान बनाने के लिए उत्पाद, सामग्री, प्रकार आदि का ऑडियो विवरण देंगे। हमने एक ऐसा एप तैयार किया है जो वास्तविकता से जुड़ा है। इसमें कई अद्वितीय और विन्यास फिल्टर लगा होगा। जिससे रंगों को आसानी से समझा जा सकेगा। वहीं आभासी परीक्षण कक्ष में प्रदर्शित होने वाले उत्पाद को देखा जा सकेगा। रंग, चमक और कंट्रास्ट को उनकी ²ष्टि क्षमता के अनुसार समायोजित किया जाएगा। यह एप सुनिश्चित करेगा कि ग्राहकों को वेबसाइट इस्तेमाल करने में परेशानी न हो। इस एप को टीम लीडर प्रांशी गर्ग, सत्याक्षी त्यागी, उत्कर्ष आनंद, आशीष झा ने मिलकर तैयार किया है। तृतीय पुरस्कार
10 हजार नकद तथा इंटर्नशिप और प्लेसमेंट का अवसर :
आइआइटी आइएसएम के छात्रों की टीम बर्प ने एक एप बनाया है। जो भोजन की उत्कृष्ट गुणवत्ता और न्यूनतम अपव्यय को सुनिश्चित करेगा। आमतौर पर रेस्तरां, होटल, सुपर मार्केट और बेकरी से खाद्य सामग्री मंगाने पर पहले से तैयार किए गए भोजन की मात्रा हमेशा उपयोग में नहीं की जाती है जिससे भोजन की बर्बादी होती है। यह एप ग्राहकों के लिए पिकअप समय निर्धारित करेगा। जिससे होटल, रेस्त्ररां, सुपरमार्केट और बेकरी संचालक और ग्राहक दोनो को फायदा होगा। ग्राहकों को जहां उत्कृष्ट और गुणवत्ता युक्त भोजन समय पर मिलेगा वहीं दूसरी और होटल संचालकों के भोजन का न्यूनतम अपव्यय होगा। इस एप को माधव अग्रवाल, मनमोहन लाव, अपूर्व विश्वास, यश वाफना, दीपेश रिजवानी ने बनाया है।