आइआइटी के सीनियर छात्रों ने जूनियर से पूछा, समस्या होने पर आइआइटी कितनी देर में करता है हल
कोविड-19 के कारण इस बार आइआइटी आइएसएम के जूनियर छात्र अपने सीनियर से रूबरू नहीं हो सके। नामांकन तो ले लिया लेकिन सीनियर का टिप्स पाने से वंचित रह गए। ऐसे में आइआइटी के सीनियर छात्रों ने प्रथम वर्ष के छात्रों का अनुभव जानने का प्रयास किया है।
जागरण संवाददाता, धनबाद : कोविड-19 के कारण इस बार आइआइटी आइएसएम के जूनियर छात्र अपने सीनियर से रूबरू नहीं हो सके। नामांकन तो ले लिया, लेकिन सीनियर का टिप्स पाने से वंचित रह गए। ऐसे में आइआइटी के सीनियर छात्रों ने प्रथम वर्ष के छात्रों का अनुभव जानने का प्रयास किया है। टीम मेलर डेमन सभी प्रथम वर्ष के छात्रों से अनुरोध किया है कि वो दो मिनट के सर्वे में भाग लें। इसके माध्यम से संस्थान में प्रथम सेमेस्टर के अपने अनुभव साझा करें। छात्रों से यह भी कहा है कि आपकी प्रतिक्रिया ऑनलाइन सेमेस्टर का विश्लेषण करने और उसी पर आपके दृष्टिकोण को समझने में मददगार साबित होगी। यह भी भरोसा दिलाया कि आपका हर अनुभव पूरी तरह से गोपनीय रहेगा। सर्वे के लिए एक लिक भी साझा किया है। इस पर 11 प्रश्न दिए गए हैं, जिसका छात्रों को जवाब देना है। सीनियर छात्रों की ओर से इस तरह का सर्वे कराने का उद्देश्य यही है कि जूनियर के अनुभव का पता चले और सीनियर इन समस्याओं को हल करने में मदद कर सकें।
------------------
सर्वे में इन प्रश्नों का देना है जवाब
- एक लेक्चर खत्म होने के बाद आप अपने प्रोफेसर से कितने समय बाद मिलते हैं।
- किसी भी तरह की समस्या होने पर संस्थान का प्रशासनिक विभाग हल करने में कितना समय लेता है।
- आपके सेमेस्टर के लिए जरूरी स्त्रोत कितने समय में या कितनी आसानी से मिल जाता है।
- प्रैक्टिकल कोर्सेज की मौजूदा तकनीक और प्रक्रिया से संतुष्ट हैं।
- क्या आपको इंटरनेट समस्या की वजह से क्लासेस करने में दिक्कत होती है।
- आप अपने ब्रांच को बदलने के लिए कितने तत्पर हैं।
- एकेडमिक और नॉन एकेडमिक समस्याओं को लेकर आप अपने संस्थान में कितनी दफा संपर्क करते हैं।
- क्लब मीटिग में आप कितनी बार शामिल होते हैं।
- मौजूदा असेसमेंट प्रक्रिया के बारे में आपका क्या विचार है।