IIT (ISM) के वैज्ञानिक बना रहे कोरोना टेस्टिंग किट, कुछ मिनट में ही बता देगा नमूना पॉजिटिव है या निगेटिव Dhanbad News
ISM वैज्ञानिक प्रो. एम राकेश सिंह ने बताया कि कोरोना संदिग्ध के स्वाब का नमूना इस किट में डालते ही परिणाम आ जाएगा। ऐसी एक किट बनाने में करीब सौ रुपये खर्च आने का अनुमान है।
धनबाद, [शशि भूषण]। पूरी दुनिया कोरोना के कहर से परेशान है। आइआइटी आइएसएम (इंडियन स्कूल ऑफ माइंस) धनबाद के वैज्ञानिक भी कोरोना से जंग में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। यहां के वैज्ञानिक ऐसी सेंसर किट बना रहे हैं, जो महज कुछ मिनट में बता देगी कि कोरोना संदिग्ध का नमूना पॉजिटिव है या निगेटिव। इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे आइएसएम वैज्ञानिक प्रो. एम राकेश सिंह ने बताया कि कोरोना संदिग्ध के स्वाब का नमूना इस किट में डालते ही परिणाम आ जाएगा।
उन्होंने बताया कि ऐसी एक किट बनाने में करीब सौ रुपये खर्च आने का अनुमान है। दस माह में यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट में संस्थान के प्रो. जय सिंह का भी साथ मिल रहा है। दरअसल कोरोना जांच के नमूनों का समय पर परीक्षण कर परिणाम देना देश में बड़ी चुनौती बन गई है। इस समस्या के समाधान के लिए आइआइटी वैज्ञानिकों ने पहल की। यह किट कोरोना को परास्त करने में अहम किरदार निभाएगी। इस किट का नाम सरफेस प्लाज्मोन रीसोनेंस सेंसर किट रखा गया है। इसकी प्रोटोटाइप तैयार की जा रही है।
प्रेग्नेंसी टेस्ट किट की तरह करेगी काम : प्रोजेक्ट पर काम कर रहे भौतिक विज्ञान विभाग के प्रो. एम राकेश सिंह ने बताया कि जिस प्रकार प्रेग्नेंसी टेस्ट किट में यूरीन डालकर जांच की जाती है। उसी तरह इस किट में स्वाब डाला जाएगा। मानव और वायरस के जीनोम सीक्वेंस के आधार पर कोरोना की पहचान कर ली जाएगी। 10 माह में यह प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाएगा।