CME Pune में छा गई आइआइटी (आइएसएम) धनबाद की पासआउट छात्रा मनु, मिला प्रतिष्ठित सिल्वर ग्रेनेड सम्मान
मनु ने भारतीय सेना में शामिल होने से पहले आइआइटी आइएसएम धनबाद से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की। 2014 में आइआइटी आइएसएम में दाखिला लिया और सिविल इंजीनियरिंग ब्रांच लेकर चार वर्षों तक पढ़ाई करने के बाद 2018 में डिग्री लेकर निकली।
आशीष सिंह, धनबाद। आइआइटी आइएसएम धनबाद के लिए यह गौरव भरा पल है। यहां की पासआउट छात्रा लेफ्टिनेंट मनु गर्ग ने भारतीय सेना की ओर आयोजित होने वाले यंग ऑफिसर कोर्स में टॉप किया है। इस उपलब्धि पर मनु को सेना की ओर से प्रतिष्ठित सिल्वर ग्रेनेड सम्मान लेफ्टिनेंट मनु गर्ग को प्रदान किया गया। मनु पहली महिला हैं, जिन्होंने इंजीनियरिंग फील्ड का होते हुए यंग ऑफिसर कोर्स टॉप किया है। भारतीय सेना की ओर से प्रतिवर्ष यह कोर्स कराया जाता है। इसमें लड़कियों की तुलना में लड़कों की भागीदारी अधिक होती है। मनु ने यह उपलब्धि हासिल कर आइआइटी आइएसएम समेत स्वजन का भी नाम रोशन किया है। मनु की उपलब्धि यहीं तक सीमित नहीं है बल्कि इससे पहले उन्होंने ब्रिजिंग और एआरटीआरएसी में भी सर्वश्रेष्ठ पदक जीता था।
@IITISM_DHANBAD feels jubilant to share that our alumnus Lieutenant Manu Garg, Batch of 2018, Department of Civil Engineering has been laurelled with the prestigious Silver Grenade honour. Manu Garg has also achieved the Best in Bridging and ARTRAC medals.@PIB_India @adgpi pic.twitter.com/vum3EGTxhX
— IIT(ISM) (@IITISM_DHANBAD) September 20, 2021
L&T की नाैकरी छोड़ सेना ज्वाइन की
मनु ने भारतीय सेना में शामिल होने से पहले आइआइटी आइएसएम धनबाद से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक कर रखा है। 2014 में आइआइटी आइएसएम में दाखिला लिया और सिविल इंजीनियरिंग ब्रांच लेकर चार वर्षों तक पढ़ाई करने के बाद 2018 में डिग्री लेकर निकली। लगभग एक वर्ष तक एल एंड टी कंपनी में नौकरी भी की। यहां मन नहीं रमा तो 2019 में भारतीय सेना ज्वाइन की। चेन्नई से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद 2020 में कमीशंड प्राप्त कर लेफ्टिनेंट बनी। मनु गर्ग को यंग ऑफिसर कोर्स का अवार्ड 15 सितंबर को कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग पुणे में दिया गया। यह अवार्ड लेफ्टिनेंट जनरल पीपी मल्होत्रा ने दिया। मनु गर्ग सेना में 13 इंजीनियरिंग रेजीमेंट में लेफ्टिनेंट हैं। मनु गर्ग आगरा उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं। इनकी स्कूली शिक्षा आगरा से हुई है। इसके बाद आइआइटी आइएसएम में दाखिला लिया।
अपने बैच में इकलौती सिविल इंजीनियरिंग की छात्रा थी मनु
मनु गर्ग की कामयाबी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब उन्होंने आइआइटी आइएसएम सिविल ब्रांच लेकर बीटेक में दाखिला लिया, उस समय अपनी बैच में इकलौती छात्रा थी। बाकी सभी लड़के थे। अपने बैच में अकेले होने के बावजूद मनु को किसी बात की झिझक नहीं थी। बकौल मनु उन्होंने पढ़ाई को ही अपनी प्राथमिकता बनाई। इंजीनियरिंग करने और उसके बाद अच्छी नौकरी छोड़कर सेना ज्वाइन करने की बात पर मनु बताती हैं कि देश सेवा के लिए सर्वोपरि है। इंजीनियरिंग फील्ड में होने के नाते आर्मी में बहुत कुछ करने का मौका मिलेगा। इसी उद्देश्य के साथ आर्मी ज्वाइन किया।
आइआइटी आइएसएम के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। इससे हमारे यहां से पढ़ाई करने वाले अन्य छात्रों को भी प्रेरणा मिलेगी। मनु गर्ग ने वाकई भारतीय सेना के इस अवार्ड को पाकर हमारा नाम रोशन किया है।
- प्रो राजीव शेखर, निदेशक आइआइटी आइएसएम