IIT ISM Dhanbad: आइआइटी के 54 फीसद छात्रों ने कहा पारिवारिक जिम्मेवारियों से कम हुई दक्षता
कोविड ने न केवल आर्थिक औद्योगिक बल्कि शैक्षणिक व्यवस्था को भी जबरदस्त ढंग से प्रभावित किया है। इसका ताजा उदाहरण आइआइटी आइएसएम है।जहां के शोध कार्य पर कोरोना महामारी का असर यहां साफ देखने को मिल रहा है।
धनबाद, जेएनएन:कोविड ने न केवल आर्थिक, औद्योगिक बल्कि शैक्षणिक व्यवस्था को भी जबरदस्त ढंग से प्रभावित किया है। इसका ताजा उदाहरण आइआइटी आइएसएम है।जहां के शोध कार्य पर कोरोना महामारी का असर साफ देखने को मिल रहा है।
आइएसएम के पीएचडी छात्रों के शोध कार्य में करीब छह से 12 महीने की देरी हो सकती है। वहीं कुछ छात्रों का मानना है कि कुछ साल देरी होगी। आइआइटी आइएसएम से पीएचडी करने वाले छात्रों के ऑनलाइन सर्वे में यह बात सामने आई है। कोविड की वजह से उपजे हालात के बीच चल रहे ऑनलाइन क्लास से जुड़ी परेशानियों के संबंध में सर्वे किया गया था।
शोधार्थियों का मानना है कि कैंपस से दूर रहने की वजह से उन्हें अपना रिसर्च कार्य करने में करीब एक साल तक का अतिरिक्त समय लग सकता है। हालांकि सर्वे के दौरान रिसर्च स्कॉलरों ने स्वीकार्य किया है कि पिछले नौ महीने से चल रहे ऑनलाइन क्लास की वजह से उनकी दक्षता और क्षमता में कमी आई है। 45 प्रतिशत छात्रों का मानना है कि उनकी दक्षता में कमी आई है। वे अपने लक्ष्य 50 फीसदी से कम कार्य कर पा रहे हैं।
वहीं ई-लाइब्रेरी और लैब जैसे ई-संसाधनों का उपयोग 90 फीसदी छात्र उसे एक्सेस ही नहीं कर पा रहे है। बावजूद इसके छात्रों को फैलोशिप प्राप्त करने में कोई परेशानी नहीं हो रही है। वहीं 70 फीसदी छात्रों का कहना है कि इंटरनेट कनेक्शन कमजोर होने के कारण काफी परेशानी हो रही है। जबकि 54 फीसद छात्रों की दक्षता में पारिवारिक जिम्मेवारियों के कारण कमी आई है। 30 फीसद छात्रों ने कहा कि उनकी भागीदारी पहले की तुलना में कम हुई है।