गाय की सेवा से मिलती समृद्धि : आचार्य शास्त्री
संवाद सहयोगी तेतुलमारी कलियुग का पहला ठिकाना जुआ में होता है। अगर जुआ खेलोगे तो तास क
संवाद सहयोगी, तेतुलमारी: कलियुग का पहला ठिकाना जुआ में होता है। अगर जुआ खेलोगे तो तास की पत्तियों की तरह बिखर जाओगे। जो भक्ति का सहारा लेता है, उसमे निखार आता है। दूसरा ठिकाना शराब है, जो पत्नी का मंगलसूत्र बेचकर शराब पी जाता है। अगर शराब बंद हो जाए जो आपका संस्कार बच जायेगा। बच्चों को अच्छा संस्कार दें ताकि वह जुआ और शराब से दूर रहे। यह बातें कथावाचक आचार्य छोटे सरकार शास्त्री ने गंडुवा शिव मंदिर प्रांगण में चल रहे शिव शक्ति ज्ञान महायज्ञ के चौथे दिन मंगलवार की रात में कही।
उन्होंने कहा कि कलियुग में देवी देवता को खोजने की जरुरत नहीं है। गाय में ही सभी देवी देवता का वास होता है। गाय की पूजा करनेवालों का सभी कष्ट दूर हो जाता है और वे सब सुख भोग कर मोक्ष को प्राप्त करता है। भगवान का नाम का जाप कल्याणकारी है। कलियुग में भगवान का कीर्तन करने परमसुख प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य अपनी भाव और विचार को बदलें तथा अपनी मूल कर्तव्यों का सही से पालन करें। मनुष्य जिस दिन एक-दूसरे से प्रेम करना सीख लेगा उसी दिन से वह सही मार्ग पर लौट आएगा।
आचार्य रामानंद शास्त्री, कृष्णानंद शास्त्री, धनेश त्रिवेदी, फाल्गुनी व्यास, दिलीप उपाध्याय, अक्षय पांडेय, पवन देव पांडेय ने यजमान जगत लाल महतो, दुलाल महतो सपत्नीक से यज्ञ मंडप की प्रतिमाओं का पूजन आरती के बाद रुद्राभिषेक कराया गया। श्रद्धालुओं ने यज्ञ मंडप का परिक्रमा किया। आरती के बाद महाप्रसाद का वितरण किया गया।
सफल बनाने में मुखिया संतोष महतो, गंगाधर महतो, शिवलाल महतो, गणेश रवानी, राम प्रसाद महतो, वीरेंद्र सिंह, हलधर महतो, सीताराम सिंह, गोविद ठाकुर, अर्जुन महतो, रघु महतो आदि शामिल थे।