यह परिसंपत्ति नगर निगम की, अतिक्रमण या कब्जा किया तो होगी कार्रवाई
धनबाद इतने वर्षो बाद अब जाकर नगर निगम ने अपनी परिसंपत्तियों की सुध ली है। निगम की बहुत सी जमीन या तो कब्जे में है या फिर उसका कोई प्रयोग नहीं हो पा रहा है। अब जाकर नगर निगम इसकी जिओ टैगिग करवा रहा है।
धनबाद : इतने वर्षो बाद अब जाकर नगर निगम ने अपनी परिसंपत्तियों की सुध ली है। निगम की बहुत सी जमीन या तो कब्जे में है या फिर उसका कोई प्रयोग नहीं हो पा रहा है। अब जाकर नगर निगम इसकी जिओ टैगिग करवा रहा है। जिओ टैगिग से मतलब परिसंपत्ति कहां है, कितनी है और किस स्थिति में में है। इसके साथ ही जहां-जहां नगर निगम की जमीन है, वहां बाकायदा निगम बोर्ड लगवा रहा है। इसमें जमीन का रकबा, प्लॉट संख्या से लेकर हर वो चीज इंगित है, जिससे सामने वाले को पता लग जाए कि परिसंपत्ति नगर निगम की है। इस पर कब्जा नहीं किया जा सकता। निगम की ओर से लगाए जा रहे हैं बोर्ड में इस बात का जिक्र है कि यह परिसंपत्ति नगर निगम की है, इस पर अतिक्रमण और अवैध निर्माण करने वाले पर नगरपालिका अधिनियम 2011 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
बताते हैं कि निगम ने पांचों अंचल धनबाद, सिदरी, कतरास झरिया और छाताटांड़ में कुल 17 जगह पर इस तरह का बोर्ड लगाया है। यहां निगम की लगभग 70 एकड़ जमीन पर या तो अवैध कब्जा है या फिर अतिक्रमण किया गया है। हाल ही में नगर निगम ने बरटांड़ बस स्टैंड की लगभग 18 एकड़ की जमीन कब्जा मुक्त कराई है। अभी तक इस पर जिला परिवहन विभाग कब्जा जमाए हुए थे। अब यहां आधुनिक बस स्टैंड का निर्माण होना है। गोल्फ ग्राउंड के पीछे डोमपाड़ा में नगर निगम की 24 एकड़ जमीन है। सबसे अधिक कब्जे की शिकार यही जमीन है। बैंक मोड़ में पांच एकड़ और पुराना बाजार रिफ्यूजी मार्केट में साढ़े तीन एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है।