Move to Jagran APP

न इंजीनियर न यूपीएससी; दसवीं के सेकेंड स्टेट टॉपर को स्टार्टअप में है दिलचस्पी

रोहित लगभग हर छात्र की तरह पारंपरिक विषयों में करियर नहीं बनाना चाहता। रोहित का सपना अपना खुद का स्टार्टअप शुरू करने का है, ताकि वह अपने जैसे औरों को भी रोजगार दे सके।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 May 2018 11:28 AM (IST)Updated: Tue, 15 May 2018 11:28 AM (IST)
न इंजीनियर न यूपीएससी; दसवीं के सेकेंड स्टेट टॉपर को स्टार्टअप में है दिलचस्पी
न इंजीनियर न यूपीएससी; दसवीं के सेकेंड स्टेट टॉपर को स्टार्टअप में है दिलचस्पी

आशीष सिंह, धनबाद: अगर किसी छात्र को बोर्ड एग्जाम में 98 फीसद से अधिक अंक मिलते हैं तो उस छात्र से आप क्या उम्मीद लगाएंगे कि छात्र किस क्षेत्र में करियर बनाएगा। जाहिर सी बात है मेडिकल, इंजीनिय¨रग, सीए-सीएस या फिर यूपीएससी। लेकिन यहां स्टेट टॉपर्स की सूची में शामिल रोहित का ख्वाब इससे जुदा है। रोहित को उम्मीद थी कि उसे 98 फीसद के आसपास मा‌र्क्स मिलेगा, लेकिन इसकी उम्मीद नहीं थी कि वह स्टेट का सेकेंड टॉपर बन जाएगा। सोमवार को जारी हुए आइसीएसई के परिणाम में डिनोबिली स्कूल डिगवाडीह के रोहित रंजन को 98.8 फीसद अंक मिला। इतने अंक लाने के बावजूद रोहित लगभग हर छात्र की तरह पारंपरिक विषयों में करियर नहीं बनाना चाहता। रोहित का सपना अपना खुद का स्टार्टअप शुरू करने का है, ताकि वह अपने जैसे औरों को भी रोजगार दे सके। रोहित ने बताया कि उसका स्टार्टअप ऑटोमोबाइल सेक्टर में होगा। कुछ ऐसा करेगा कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में नई क्रांति आ जाए। हर फील्ड में टॉप रहने की तमन्ना है। हालांकि इसके पहले रोहित ऑटोमोबाइल इंजीनिय¨रग करेगा, उसके बाद स्टार्टअप। ताकि इस क्षेत्र के बारे में भलीभांति वाकिफ हो सके। रोहित के पिता राजेश कुमार मुनीडीह कोल वाशरी में सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं और मां नेहा कुमारी गृहिणी हैं।

loksabha election banner

पढ़ाई को कभी घंटों में नहीं बांधना चाहिए: रोहित कहते हैं कि उन्होंने पढ़ाई को कभी घंटों में नहीं बांटा, और दूसरों को भी ऐसा न करने की सलाह देते हैं। परीक्षा के समय अधिक पढ़ लिया, एग्जाम देने के बाद थोड़ा रेस्ट भी कर लिया। जब मन किया तब पढ़ाई की, हालांकि जितनी पढ़ाई की सॉलिड की। ऐसा सभी छात्रों को करना चाहिए। बहुत से लोग परीक्षा के समय सोशल साइट्स बंद करने की बात कहते हैं, लेकिन कुछ चुनिंदा दोस्तों के साथ आप इसे परीक्षा के समय भी जारी रख रख सकते हैं। दरअसल परीक्षा के समय दोस्त जुड़े रहते हैं और किसी भी प्रश्न में उलझने पर उसका निदान भी बताते हैं। फेसबुक पर तो नहीं, लेकिन वाट्सएप पर कुछ दोस्तों के साथ जरूर परीक्षा के समय भी जुड़ा रहा। इसका मुझे फायदा भी मिला। रोहित अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और स्कूल को देते हैं।

फिल्म मेकिंग का शौक: पढ़ाई के साथ-साथ रोहित को फिल्म मेकिंग, फोटोग्राफी और पुस्तकें पढ़ने का भी शौक है। स्कूल की ओर से कई वाद-विवाद प्रतियोगिता में भी रोहित शामिल हो चुका है। एक लाइन में आने वाली पीढ़ी के लिए रोहित संदेश देते हैं कि ज्यादा टेंशन लेने की जरूरत नहीं है, बस अपने गोल पर ध्यान लगाएं। सफलता कहां जाएगी, वो तो मिलेगी ही।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.