धनबाद में जगह-जगह मनाया गया हूल दिवस
धनबाद मासस केंद्रीय कार्यालय पुराना बाजार में हूल क्राति के अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में मुख्य सिंदरी के पूर्व विधायक सह मासस के केंद्रीय अध्यक्ष आनंद महतो उपस्थित हुए। कहा कि हूल दिवस 1855 साल में आज ही के दिन शुरूआत किया गया था।
धनबाद : मासस केंद्रीय कार्यालय पुराना बाजार में हूल क्राति के अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में मुख्य सिंदरी के पूर्व विधायक सह मासस के केंद्रीय अध्यक्ष आनंद महतो उपस्थित हुए। कहा कि हूल दिवस 1855 साल में आज ही के दिन शुरूआत किया गया था। जो क्राति के उपलक्ष में मनाई जा रही है। उस वक्त इस क्राति के नेता सिद्धू कानू, चाद भैरव, दारा सूर्या एवं झाला के नेतृत्व में लड़ी गई। जिसमें जमींदार, सूदखोर, लुटेरों के खिलाफ साम्राज्यवादी ताकत ब्रिटेन की मुक्ति से व्यापक युद्ध का एक हिस्सा के रूप में जाना गया। गोष्ठी में मुख्य रूप से उपस्थित मासस के केंद्रीय महासचिव हलधर महतो, जिला अध्यक्ष हरिप्रसाद पप्पू, पवन महतो, सुभाष सिंह, दिल मोहम्मद, काíतक दत्ता, टूटून मुखर्जी, राणा चट्टराज, रामप्रवेश यादव आदि लोग उपस्थित थे। बिरसा मुंडा स्काउट एंड गाइड में मनाया हूल दिवस :
बिरसा मुंडा स्काउट एंड गाइड मुख्य कार्यालय, धनसर धनबाद में हूल दिवस की याद में वीर शहीद सिद्धू, कान्हू, चाद, भैरव ,बहन फूलों, झानो मुर्मू को श्रद्धा सुमन अíपत किया गया।
श्रद्धा सुमन अíपत करने के बाद संरक्षक प्रभाष कुमार अग्रवाल ने कहा देश की आजादी के लिए शहीद होने वाली दोनों बहनों फूलों एवं झानो का संथाल की सागठनिक मजबूती में ऐतिहासिक महत्व को नकारा नहीं जा सकता। मौके पर सचिव पप्पू पंडित, मुख्य प्रशिक्षक रिक्की कुमार साव, जिला संगठन आयुक्त शैलेश रंजन, प्रबंधक मिथिलेश कुमार, ट्रेनर -राजकमल शर्मा, रोहन मुखर्जी, अशोक पाल, गाइड शिक्षक काजल बनर्जी, आफरीन बानो आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
कांग्रेस ने हूल दिवस पर शहीदों को किया याद
30 एएमआइ 13 धनबाद : जिला काग्रेस कमेटी ने मंगलवार को अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह के प्रतीक हूल दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यकारी अध्यक्ष रबीन्द्र वर्मा व कार्यकारी अध्यक्ष शकर प्रजापति के नेतृत्व में सभी काग्रेस जनों ने अमर शहीद सिदो-कान्हू, चाद-भैरव और फूलों- झानो सहित सभी वीरों के तैल चित्र पर पुष्पाजलि व फूल-माला अर्पित कर श्रद्धाजलि दी। रवीन्द्र वर्मा ने कहा कि भारतीय इतिहास में स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई यही मानी जाती है। मौके पर शमशेर आलम, रमेश जिंदल, योगेंद्र सिंह योगी, राजेश्वर सिंह यादव, पप्पू पासवान, अनवर शमीम, मंटू दास, राजू दास, श्रीराम चौरसिया, पप्पू कुमार तिवारी, कामता पासवान, संजय जायसवाल, हुमायूं राजा, नाजिम आलम, संदीप कुमार कक्कू, जयप्रकाश चौहान, डीएन यादव, रमेश कुमार राय, अखिलेश कुमार चौधरी मौजूद थे।