HRD मिनिस्टर ने भी IIT (ISM) के नैनो तकनीक को सराहा, कपड़े के संपर्क में आते ही नष्ट होगा वायरस
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने भी आईएसएम की नैनो टेक्नोलॉजी पर ट्वीट कर तारीफ की है। इस टेक्नोलॉजी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहा था।
धनबाद, जेएनएन। कोरोना के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत बनाने के लिए आईआईटी आईएसएम धनबाद की नई खोज। नैनो टेक्नोलॉजी से एक विशेष कोटिंग तैयार किया है, जिसके संपर्क में आते ही वायरस व बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं। अब कपड़े भी पीपीई की तरह काम करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी आईएसएम की नैनो टेक्नोलॉजी पर ट्वीट कर तारीफ की है।
कैबिनेट मंत्री ने अपने ट्वीट के साथ दो मिनट से अधिक का वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें आईआईटी के लैब में इस तकनीक को विकसित करने वाले प्रोफेसर आदित्य कुमार काम करते हुए नजर आ रहे हैं। आइएसएम की इस तकनीक को देशभर से रूबरू कराने का काम दैनिक जागरण ने राइजिंग इंडिया कैंपेन (जीतेगा भारत हारेगा कोरोना) के जरिए किया। जागरण ने इस अभियान के तहत 29 मई के अंक में 'कपड़ों पर जादुई कोटिंग से मरेगा कोरोना' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत बनाने के लिए IIT(ISM), धनबाद की नई खोज। नैनो टेक्नोलॉजी से एक विशेष कोटिंग तैयार किया है जिसके संपर्क में आते ही वायरस व बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं। अब कपड़े भी पीपीई की तरह काम करेंगे। #IndiaFightsCorona @PMOIndia @PIB_India @MIB_India pic.twitter.com/yeJ7CYZAAL — Dr Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) June 17, 2020
दरअसल आइआइटी आइएसएम (इंडियन स्कूल ऑफ माइंस) के वैज्ञानिकों ने विशुद्ध स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल कर नैनो प्रौद्योगिकी के सहारे पॉलीमेरिक सुपर हाइड्रोफोबिक कोटिंग तैयार की है। इसमें कोरोना वायरस जैसे सूक्ष्मजीवों को नष्ट करने का माद्दा है। इस परत को कपड़ों पर सुसज्जित कर दिया जाए तो उसके संपर्क में आने वाला वायरस, जीवणु, फफूंदी जैसे सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाएंगे।
सुपर हाइड्रोफोबिक कोटिंग बनाने वाले आइएसएम के रसायन अभियंत्रण विभाग के प्रो. आदित्य कुमार बताते हैं कि कई परीक्षणों के बाद इसे तैयार करने में सफलता मिली है। कोरोना कपड़े, प्लास्टिक, मेटल सहित किसी भी सरफेस पर जीवित रहता है। ऐसे में यह कोटिंग कोरोना से बचाव करने में कारगर होगी। यदि आम लोग इस परत से लैस कपड़े पहनते हैं तो उनके वस्त्र के संपर्क में आते ही कोरोना नष्ट हो जाएगा। संक्रमण से बचाव होगा। उनके कपड़ों से खुद के अलावा दूसरे भी संक्रमण से बच सकेंगे। इस तकनीक का पेटेंट कराने पर काम चल रहा है।