Happy Birthday Rajdhani Express: तब 280 रुपये में ही मिल जाता था फर्स्ट एसी के सफर का मजा
Indian Railways IRCT देश की पहली राजधानी एक्सप्रेस अपना जन्मदिन मना रही है। 3 मार्च 1969 हावड़ा से नई दिल्ली के बीच पहली बार राजधानी एक्सप्रेस चली थी। 53 साल के सफर में यह ट्रेन सज-संवरकर और निखर गई है। इसका क्रेज बढ़ता ही जा रहा है।
तापस बनर्जी, धनबाद। Howrah New Delhi Rajdhani Express Celebrity Birthday today 53 साल पहले आज ही के दिन यानी 3 मार्च 1969 को हावड़ा नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस पहली बार पटरी पर उतरी थी। हावड़ा से शाम 5:00 बजे खुल कर दूसरे दिन 10:20 पर नई दिल्ली पहुंची। राजधानी एक्सप्रेस में आज जैसी खूबियां हैं उस समय नहीं थी। ट्रेन में नौ कोच, एक फ़र्स्ट एसी कोच, 5 एसी चेयर कार और एक डाइनिंग कार जोड़ा जाता था। इतना ही नहीं अभी ट्रेन में सफर के लिए यात्रियों को हवाई जहाज के तर्ज पर डायनामिक किराया ( Rajdhani Express Fare) चुकाना पड़ता है। उस वक्त फर्स्ट एसी में सफर के लिए केवल 280 रुपये चुकाने पड़ते थे। एसी चेयर कार का किराया रुपये 90 था।
इसलिए चलाई गई राजधानी एक्सप्रेस
हावड़ा से नई दिल्ली के बीच ज्यादातर ट्रेनों में 20 घंटे से ज्यादा वक्त लगता था। इस समय को कम करने के लिए ही हावड़ा से नई दिल्ली के बीच कम समय में पहुंचाने वाली ट्रेन चलाने की तैयारी चल रही थी। साल 1965 रेल मंत्रालय ने हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस चलाने की योजना बनाई । रेल बजट 1969-70 में हावड़ा से नई दिल्ली के बीच राजधानी को मंजूरी दी गई।
तब सिर्फ सोमवार व शुक्रवार को चलती थी ट्रेन, धनबाद में नहीं था स्टॉपेज
53 साल पहले जब राजधानी एक्सप्रेस पटरी पर उतरी। उस वक्त हफ्ते में 2 दिन ही चलती थी। सोमवार और शुक्रवार को राजधानी एक्सप्रेस को चलाया जाता था। उस वक्त इस ट्रेन का ठहराव धनबाद नहीं होता था बल्कि हावड़ा से गोमो, मुगलसराय और कानपुर सेंट्रल में ठहरती थी।
लोकप्रियता बढ़ते ही बढ़ गया फेरा
कम समय में हावड़ा से नई दिल्ली पहुंचाने की वजह से राजधानी एक्सप्रेस यात्रियों के बीच खासी लोकप्रिय हो गई थी। उस वजह से एक अप्रैल 1983 को इस ट्रेन को हफ्ते में 4 दिन चलाने की अनुमति दी गई। उसी साल एक अक्टूबर से हफ्ते में 5 दिन चलने लगी। 19 मई 2003 से इस ट्रेन को हफ्ते में 6 दिन चलाने की शुरुआत हुई।
देश की पहली वाई-फाई ट्रेन भी है राजधानी एक्सप्रेस
इंटरनेट युग में देश की पहली वाई-फाई राजधानी एक्सप्रेस का गौरव भी हावड़ा नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को ही हासिल है। 2 अप्रैल 2013 को हावड़ा नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में वाई-फाई सेवा की शुरुआत हुई थी। हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस भी पहले पुराने पारंपरिक आईसीएफ कोच के साथ ही चलती थी। आधुनिक एलएचबी कोच की शुरुआत के बाद 3 फरवरी 2006 को इस ट्रेन के रैक को एलएचबी युक्त बनाया गया। बहुत जल्द हावड़ा नई दिल्ली राजधानी तेजस के रूप में दिखेगी।
भारत की सबसे प्रतिष्ठित ट्रेन-यह लाल परी
हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस (कोलकाता 110) के रूप में भी जाना जाता है। कोलकाता राजधानी एक्सप्रेस भारत में सबसे प्रतिष्ठित राजधानी क्लास ट्रेन है जो नई दिल्ली से हावड़ा , कोलकाता को जोड़ती है। हावड़ा राजधानी भारत में पहली राजधानी एक्सप्रेस है, जिससे देश में पहली पूरी तरह से वातानुकूलित सुपरफास्ट ट्रेन बन गई है। ट्रेन 130 किमी / घंटा की अधिकतम गति और 85 किमी / घंटा (53 मील प्रति घंटे) की औसत गति के साथ भारत में सबसे तेज में से एक है। हावड़ा राजधानी को हावड़ा-दिल्ली मुख्य लाइन और हावड़ा-दिल्ली ग्रैंड कार्ड लाइन पर सर्वोच्च प्राथमिकता मिलती है। यह भारत के दो बहुत बड़े महानगरों को जोड़ता है। पहले सिर्फ राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बों को रंग लाल होता था। इसलिए यात्री इसे लाल परी भी कहते थे। वैसे आज ज्यादातार ट्रेनों का रंग लाल हो गया है।
पुराने दिनों की सुनहरी यादें!
भारतीय रेल के लिए आज का दिन गर्व करने वाला है। 53 वर्ष पहले आज ही के दिन दिल्ली-हावड़ा के बीच देश की पहली राजधानी एक्सप्रेस चलाई गई थी।#ThisDayThatYear #DownTheMemoryRail pic.twitter.com/cRuCr5eljo— Ministry of Railways (@RailMinIndia) March 1, 2022
नई दिल्ली से एक तो हावड़ा से तीन मार्च को चली
हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस का परिचालन 1 मार्च 1969 से शुरू हुआ और हावड़ा से पहली यात्रा 3 मार्च को शुरू हुई। ट्रेन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से रवाना होकर हावड़ा जंक्शन पहुंची रेलवे स्टेशन 17 घंटे 20 मिनट में, 1,451 किमी (902 मील) की दूरी को कवर करता है। इस ट्रेन ने दिल्ली से कोलकाता की यात्रा के समय को पहले 24 घंटे से घटाकर 17 घंटे कर दिया।