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HURL: गुजरात के हाजीरा से सिंदरी पहुंचा यूरिया रियेक्टर, देखते ही बन रहा इसका विशालकाय रूप

यूरिया रिएक्टर का निर्माण लार्सन एंड टूब्रो ने अपने हाजीरा गुजरात संयंत्र में किया है। रिएक्टर को हाजीरा जलमार्ग से कोलकाता लाया गया। इसके बाद सड़क मार्ग से सिंदरी लाया गया।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 08:12 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 08:12 PM (IST)
HURL: गुजरात के हाजीरा से सिंदरी पहुंचा यूरिया रियेक्टर, देखते ही बन रहा इसका विशालकाय रूप
HURL: गुजरात के हाजीरा से सिंदरी पहुंचा यूरिया रियेक्टर, देखते ही बन रहा इसका विशालकाय रूप

सिंदरी/ गोविंदपुर, जेएनएन। देश को यूरिया के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए धनबाद के सिंदरी में हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड  (HURL) की तरफ से खाद कारखाना का निर्माण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मई, 2018 को शिलान्यास किया था। कारखाना का निर्माण अब अंतिम दाैर में पहुंच चुका है। इसके लिए गजरात के हाजिरा से यूरिया रियेक्टर लाया जा रहा है। रियेक्टर का आकार विशालकाय है। यह देखते ही बनता है। रियेक्टर को विशेष तरह के ट्रक पर रखा गया है। यह ट्रक कछुए की गति से चल रहा है। सिंदरी जाने वाले रास्ते से गुजर रहा है। इसे देखने के लिए भीड़ लग जा रही है। 

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सिंदरी उर्वरक संयंत्र का निर्माण कर रही जर्मनी की कंपनी टेक्निप
हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड  (हर्ल )  सिंदरी का यूरिया रिएक्टर 35 दिनों के बाद कोलकाता कोलाघाट  डाक से सिंदरी पहुंच गया। लगभग 120 फीट लंबा और 400 मिट्रिक टन वजनी यूरिया रिएक्टर को कोलाधाट  से मेसर्स मद्रास फ्राईट केरियर नामक परिवहन कंपनी ने सिंदरी लाया है। अपने विशालकाय और वजनदार आकृति के कारण प्रतिदिन लगभग 10 किलोमीटर की यात्रा किया यूरिया रिएक्टर पिछले लगभग दस दिनों से निचितपुर रेलवे पुलिया के पास खड़ा था। निचितपुर से बलियापुर होते हुए डोमगढ़ हर्ल के मेटेरियल गेट तक पहुंच गया। विशालकाय आकृति के कारण लोगों में इस रिएक्टर को देखने की उत्सुकता थी। काफी संख्या में लोग रिएक्टर को देखने हर्ल के मेटेरियल गेट के समीप पहुंचे थे। यूरिया रिएक्टर का निर्माण लार्सन एंड टूब्रो ने अपने हाजीरा गुजरात संयंत्र में किया है। रिएक्टर को हाजीरा जलमार्ग से कोलकाता लाया गया। जल मार्ग से कोलकाता लाया गया था। हर्ल के सिंदरी उर्वरक संयंत्र का निर्माण जर्मनी की कंपनी टेक्निप के तकनीक के आधार पर हो रहा है। लार्सन एंड टूब्रो टेक्निप की भारतीय सहयोगी कंपनी है।

रियेक्टर के पीछे-पीछे अन्य उपकरण

सिंदरी की हर्ल कंपनी के लिए भारी उपकरण परिवहन के कारण बुधवार को गोविंदपुर जीटी रोड में घंटों जाम की स्थिति बनी रही। 6 लेन सड़क एक साइड सड़क पूरी तरह से जाम रहा। गोविंदपुर से धनबाद की ओर जाने वाली लेन में अन्य वाहनों के प्रवेश पर सुरक्षा गार्डों ने रोक लगा दी थी। इस कारण धनबाद व बरवाअड्डा की ओर जाने वाले वाहनों का तांता लग गया। एक के बाद एक पांच वाहनों में हर्ल कंपनी के लिए यूरिया रिएक्टर ले जा रहे वाहनों को देखने के लिए लोगों में काफी उत्सुकता देखी गई। इस दौरान सुरक्षाकर्मी व स्टाफ वाहनों के साथ और आगे -पीछे चल रहे थे। भुईफोड़, गोल बिल्डिंग होते हुए यूरिया रिएक्टर वाहन सिंदरी के लिए निकल पड़े। भारी वाहनों के गुजरने के बाद भी घंटों गोविंदपुर बाजार में ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही। इधर सुरक्षा के दृष्टिकोण से विद्युत विभाग ने आमाघटा सब स्टेशन का सुबह आठ बजे से दो बजे दिन तक विद्युत आपूर्ति बंद कर रखी। कई स्थानों पर उपकरणों के कारण विद्युत तार खोल दिया गया था। शाम छह बजे के बाद बिजली बहाल हो पाई। टुंडी, गोविंदपुर बाजार, ऊपर बाजार, कौवाबांध, धनबाद रोड, बिग बाजार, सहयोगी नगर, कुसुम बिहार आदि इलाकों में बिजली प्रभावित रही।


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