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Dhanbad: गरीबों मे तेजी से फैल रही उच्च रक्तचाप, मोटापा व ह्रदय रोग जैसी बीमार‍ियां

मोटापा उच्‍च रक्‍तचाप व हृदय रोग की बीमार‍ियां तेजी से धनबाद में फैल रही है। खासकर गरीब वर्ग इससे ज्‍यादा प्रभाव‍ित हो रहे है। इस संख्‍या में न‍ियंत्रण करने को लेकर शहर में भी पहल होगी। एलोपैथी में इसका कोई स्‍थाई इलाज नहीं है।

By Atul SinghEdited By: Published: Thu, 02 Sep 2021 11:34 AM (IST)Updated: Thu, 02 Sep 2021 11:34 AM (IST)
Dhanbad: गरीबों मे तेजी से फैल रही उच्च रक्तचाप, मोटापा व ह्रदय रोग जैसी बीमार‍ियां
रोगों का प्रसार गरीबों में हाल के दिनों में काफी तेजी से हुआ है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

जागरण संवाददाता, धनबाद: अभी तक की प्रचलित धारणा के अनुसार मोटापा, ह्रदय रोग और उच्च रक्तचाप की बिमारी अमीरों को होनेवाली बिमारियों की श्रेणी में रखी जाती थी। लेकिन हालिया शोधों ने इस प्रचलित विश्वास के उलट चौंकानेवाला खुलासा किया है कि इन रोगों का प्रसार गरीबों में हाल के दिनों में काफी तेजी से हुआ है। तो अब आप भी अपना राय इनको लेकर बदल लें, यदि आप भी गरीबी रेखा से नीचे वालों का पंगत में आते हैं।दरअसल विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूरे संसार में बढ़ते इन रोगों से प्रभावित लोगों की संख्या देखते हुए ब्रिटेन के लंदन स्थित इम्पीरियल कालेज के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर इस पर पिछले तीस सालों में कई तरह के शाेध किए। हाल ही में इससे जुड़े शोधों को लैंसेट जर्नल में शोधकर्ताओं ने छपवाया है।

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तब जाकर यह जानकारी दुनिया के सामने आ पाई है। छपी शोध रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में महामारी की बढ़ रहे इन रोगों का एक प्रमुख वजह प्रभावित लोगों का गरीब होना भी है। ज्यादातर लोग जानकारी के अभाव में ना तो इसका समय पर जांच करा पाते है और ना ही इलाज। नतीजा मोटापा, ह्रदय रोग, ह्रदयाघात, उच्च रक्तचाप के साथ साथ किडनी की बिमारियों का शिकार होने के रूप में सामने आ रहा है।

रिपोर्ट में विगत तीस साल के डाटा के विशलेष्ण से हवाले से दावा किया गया है कि अधिक आयवाले देशों में इन बिमारियों के रोगियों की संख्या जहां कम हो रही है, वहीं निम्न आय वालें देशों के बासिंदों में इनकी संख्या में काफी तेजी से इजाफा हुआ है। अधिक आयवाले देशों ने समय के साथ इन बिमारियों को समय रहते काबू में करने के उपाय कर लिए हैं। वहीं अशिक्षा और कम संसाधन के कारण कम आयवाले देशों के निवासी इन बिमारियों की गिरफ्त में आसानी से आ जा रहे हैं।

रिपोर्ट में यह बताया गया है कि पूरे विश्व में कितने लोग इनसे ग्रसित हैं और किन उपायों को अपना कर इससे छटकारा पाया जा सकता है। साथ ही इसके लिए इन बिमारियों को फैलाव के कारणों पर भी विस्तृत चर्चा की गई है। आइए हम भी जानते हैं कि कैसे इन बिमारियों को काबू में किया जा सकता है। डेढ़ करोड़ इन बिमारियों से लड़ रहे हैं पूरी दुनिया में डब्ल्यूएचओ के अनुसार पूरी दुनिया में इस समय 150 करोड़ लोग हायपरटेंशन से जूझ रहे हैं। जबकि 2019 में हार्ट अटैक से मरनेवाले 1.79 करोड़ लोगों में आधे मौतों के लिए उच्च रक्तचाप जवाबदेह है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि हायपरटेंशन के मरीज इस बीमारी को समझ ही नहीं पाते। इसके लक्षण नहीं दिखते हैं। नतीजा, मरीजों में हार्ट अटैक जैसी घटनाएं होती हैं। इसलिए इस बीमारी को साइलेंट किलर भी कहते हैं।

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इस शोध से जुड़े इम्पीरियल कॉलेज लंदन के शोधार्थी प्रोफेसर माजिद इज्जाती रिपोर्ट में दावा करते हैं कि यह गरीबी से जुड़ी स्थिति है क्योंकि अफ्रीका, साउथ एशिया और पेसिफिक आइलैंड में इनका कहर बहुत ज्यादा है। इसके कारणों पर जाते हुए वे कहते हैँ कि इन देशों के मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा। जिससे वे मौत के आगाेशा मे समा जा रहे हैं। आइलैंड से जुड़े देशों में अब भी मरीजों को जो इलाज चाहिए वो उन्हें नहीं मिल पा रहा है।

वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन में नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज विभाग की निदेशक बेंट मिक्केलसन इनसे चार निपटने के लिए चार सूत्र सूझाते हुए धूम्रपान से दूर रहने की ताकीद करती हैं। उनका कहना है कि स्मोकिंग से बीस मिनट तक बीपी काफी बढ़ा रहता है। साथ ही प्रति किलो वजन घटने पर एक प्वाइंट बीपी भी कम होने का दावा करते हुए वजन कम करने की सलाह दे रही हैं।पुरुषों को कमर का घेरा 36 इ्ंच और स्त्रियों के लिए 34 को वह डेंजर जोन मानती हैं।

बेंट खाने में नमक की मात्रा रोज पांच ग्राम से नीचे रखने का सलाह देते हुए कहती हैं कि ओवरवेट हुए प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन आधे घंटे व्यायाम करना चाहिए।


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