Helping Buddy: इस इनोवेटिव आइडिया को मिला टेक-फेस्ट संधान में मुकाम, कोहरे में सड़क दुर्घटना से बचाएगा Dhanbad News
पीयूष ने बताया कि इस उपकरण में अल्ट्रासोनिक सेंसर का इस्तेमाल किया गया है। जो अपने आसपास 20 मीटर के दायरे में किसी भी वाहन के सड़क पर खराब होते ही पता कर लेगा।
सिंदरी [बरमेश्वर]।सड़क पर कोहरा छाया हो तो कुछ सुझायी नहीं देता, बावजूद सड़कों पर आवागमन नहीं रुकता। ऐसे में यदि कोई वाहन बीच सड़क पर अचानक खराब हो जाए तो दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है। इसे रोकने के लिए बिरसा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (सिंदरी) के विद्युत अभियंत्रण के प्रथम वर्ष के छात्र पीयूष हर्ष ने संस्थान के मॉडल क्लब की टेकी ऑफ द इयर प्रतियोगिता में एक इनोवेटिव आइडिया दिया है। उपकरण का मॉडल भी बना लिया है।
यह उपकरण वाहन खराब होने पर दूसरे वाहनों को सजग कर टक्कर होने से रोकेगा। खराब वाहन की जानकारी उपकरण में लगे सेंसर से होगी और सड़क के किनारे लगे पोल की लाल बत्ती जलने लगेगी, सायरन भी बजेगा। आधे घंटे से अधिक समय तक गाड़ी खराब होने की स्थिति में निकटतम सर्विस स्टेशन या पेट्रोल पंप को संदेश भी देगा। वहां से वाहन ठीक करने कोई आ जाएगा। इस उपकरण को बीआइटी की ख्याति प्राप्त प्रतियोगिता टेक-फेस्ट संधान-2020 के लिए चयनित कर लिया गया है।
ऐसे काम करेगा उपकरण : पीयूष ने बताया कि इस उपकरण में अल्ट्रासोनिक सेंसर का इस्तेमाल किया गया है। जो अपने आसपास 20 मीटर के दायरे में किसी भी वाहन के सड़क पर खराब होते ही पता कर लेगा। उपकरण में एक डिवाइस लगी है। जो सेंसर से मिले संदेश पर अलार्म बजाने के साथ लाल रंग की लाइट जला देगी। इस उपकरण को सड़क के किनारे लगे स्ट्रीट लाइट पोल पर या उसके पास लगाया जाएगा। लाल रंग की लाइट का प्रयोग इसलिए किया गया है, क्योंकि उसकी वेव लेंथ ज्यादा होती है और उसे दूर से देख सकते हैं। इस उपकरण में ही एक असिस्टेंट बॉक्स भी लगा रहेगा। इसमें मौजूद डिवाइस में पास के पेट्रोल पंप और सर्विस स्टेशन का नंबर रहेगा। आधा घंटा गुजरने के बाद यह डिवाइस एक्टिव होगी। इस डिवाइस से तुरंत पास के पेट्रोल पंप और सर्विस स्टेशन को सहायता के लिए संदेश भेज दिया जाएगा। इसके बाद वहां से कर्मचारी आकर गाड़ी को ठीक करेगा या उसे सर्विस स्टेशन ले जाएगा। जब तक गाड़ी खड़ी रहेगी अलार्म बजता रहेगा और लाइट भी जलती रहेगी।
महज 1000 रुपये हुए खर्च : पीयूष का कहना है कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में यह उपकरण बेहद शानदार साबित होगा। इसे बनाने में महज एक हजार रुपये खर्च हुए हैं। देश में कोहरे के दौरान अक्सर सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। सड़क के किनारे इस प्रकार के उपकरण जगह जगह लग जाएं तो वे दुर्घटनाओं को रोकने में कामयाब होंगे। खर्च और कम हो इस दिशा में भी काम कर रहे हैं। उपकरण की खूबियों को ध्यान में रख इसे हेल्पिंग बड्डी नाम दिया है।