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धनबाद के रेडियोलाजी केंद्रों की मनमानी पर रांची गंभीर, हर तीन महीने पर जांच के निर्देश

जिले में रेडियोलॉजिक केंद्रों की मनमानी को देखते हुए अब स्वास्थ्य विभाग रांची ने प्रत्येक 3 महीने पर औचक निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य केंद्रों के लिए जिले में बने निरीक्षण एवं अनुश्रवण समिति भौतिक सत्यापन करने का निर्देश दिया गया है।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 09:58 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 09:58 AM (IST)
धनबाद के रेडियोलाजी केंद्रों की मनमानी पर रांची गंभीर, हर तीन महीने पर जांच के निर्देश
धनबाद के रेडियोलाजी केंद्रों की जांच ( प्रतीकात्मक फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। जिले में रेडियोलॉजिक केंद्रों की मनमानी को देखते हुए अब स्वास्थ्य विभाग रांची ने प्रत्येक 3 महीने पर औचक निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य केंद्रों के लिए जिले में बने निरीक्षण एवं अनुश्रवण समिति भौतिक सत्यापन करने का निर्देश दिया गया है। स्वास्थ्य केंद्रों में योग्य रेडियोलॉजिस्ट, दक्ष कर्मियों और इसके रेट के बारे में हर 3 महीने पर निरीक्षण किया जाएगा। मुख्यालय के निर्देश पर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। रेडियोलॉजी केंद्रों में भौतिक सत्यापन के बाद इसकी अद्यतन रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपी जाएगी। दैनिक जागरण ने इससे संबंधित खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी

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जिले में निबंधित 69 रेडियोलॉजी जांच केंद्र निबंधित

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की माने तो जिले में 69 रेडियोलॉजी जांच केंद्र निबंधित है। इसमें लगभग 40 टीकाकरण केंद्र धनबाद शहरी इलाके में। बाकी टीकाकरण केंद्र विभिन्न प्रखंड इलाकों में है। पिछले दिनों मुख्यालय के निर्देश पर जिले में 9 टीकाकरण में गड़बड़ी होने के कारण इस के लाइसेंस को स्वास्थ्य विभाग ने रद्द कर दिया था। इन केंद्रों में पीसीपीएनडीटी एक्ट समेत कई खामियां देखने को पाई गई थी। कई रेडियोलॉजी केंद्र में भ्रूण जांच की भी शिकायत मिलती है, लेकिन विभाग कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाता है।

4 वर्षों से चिकित्सक, मुकम्मल हो रहा निरीक्षण

धनबाद में पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत अल्ट्रासोनोग्राफी करने वाले केंद्रों की लगातार निगरानी करनी होती है। लेकिन पीसीपीएनडीटी विभाग में 4 वर्षों से चिकित्सा पदाधिकारी का पद खाली है। किसी तरह प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है। वहीं विभाग मात्र एक कर्मचारी के सहारे चल रहा है। अब ऐसे में रेडियोलोजी जांच केंद्रों में ना निगरानी हो पा रही है ना औचक निरीक्षण। यही वजह है कि रेडियोलॉजिक केंद्र में जमकर मनमानी हो रही है। के रेडियोलॉजिस्ट केंद्र में रेडियोलॉजिस्ट नहीं है। के पास योग्य कर्मचारी नहीं है। जबकि शुल्क के नाम पर रेडियोलॉजी केंद्र लूट मचा रहे हैं।


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