नौकरी की लालच में पोता ने कराई दादा की हत्या
धनबाद-चिरकुंडा इसीएल में नौकरी की लालच में पोता ने दो दोस्तों के साथ मिलकर दादा नरेश नोनियां
धनबाद-चिरकुंडा: इसीएल में नौकरी की लालच में पोता ने दो दोस्तों के साथ मिलकर दादा नरेश नोनियां की हत्या करा दी। छानबीन में जब मामला उजागर हुआ तो पुलिस ने पोता अनिल चौहान व उसके दो साथी शेख नवाब (हीरबांध) तथा इम्तियाज अंसारी (मुगमा स्टेशन रोड) को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने घटनास्थल से मृतक का एक जोड़ा जूता, मोबाइल, आधारकार्ड व अपराधियों की एक बाइक बरामद की है। पूछताछ में तीनों ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है।
मालूम हो कि कुमारधुबी कोलियरी के स्विच घर के पास 10 जून की रात स्विचमैन नरेश नोनियां (58 वर्ष) की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। 11 जून की सुबह चिरकुंडा पुलिस ने उसके शव को बरामद किया था। घटनास्थल से आधे किमी दूर पर मृतक का आई व आधार कार्ड मिला था। मोबाइल गायब था। दादा की नौकरी पिता को या ंिफर खुद लेने के चक्कर में पोता अनिल चौहान ने अपने दो मित्र शेख नवाब और इम्तियाज के साथ मिलकर इस घिनौनी हरकत को अंजाम दिया। इधर ग्रामीण एसपी अमित रेणु ने बताया कि कांड का खुलासा करने के लिए निरसा एसडीपीओ विजय कुमार कुशवाहा, पुलिस निरीक्षक प्रभात कुमार सिंह के साथ कई पुलिसकर्मियों को लगाया गया। काफी छानबीन के बाद पुलिस को जानकारी मिली कि घटना के दिन अनिल चौहान अपने कुछ दोस्तों के साथ एक बिना नंबर की आपाची बाइक पर सवार होकर कुमारधुबी कोलियरी आया था। संदेह पर जब अनिल चौहान से पूछताछ हुई तो मामला खुल गया। अनिल की निशानदेही पर हत्या में शामिल उसके दोनों दोस्तों को भी गिरफ्तार कर लिया गया
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दादा की हत्या के लिए की थी फुलप्रुफ प्लानिंग
घटना के दिन अनिल चौहान अपने दोनों मित्रों को लेकर दादा के ड्यूटी स्थल पर गया। वहां अनिल चौहान बाइक के पास खड़ा रहा। उसके दोनों दोस्त नवाब व इम्तियाज पीछे के रास्ते से दीवार फांदकर अंदर प्रवेश किए और नरेश नोनियां को पीछे से पकड़ लिया। उस वक्त वहां कोई नहीं था। लिहाजा, मौका अच्छा था। दोनों ने नरेश का गमछा से मुंह बांध दिया। फिर शेख नवाब वहीं रखे लोहे की रड से सिर पर प्रहार कर दिया। वहीं इम्तियाज शेख अपने घर से चाकू लेकर गया था, उसी चाकु से सीने व गले पर कई बार वार किया। जब नरेश की मौत हो गई, तभी दोनों ने मृतक के पास से कागजात, पैसे मोबाइल निकाल लिये। साक्ष्य छुपाने के लिए शातिरों ने रास्ते में ही मोबाइल कागजात फेंक दिए। इतना ही नहीं, घटना के बाद तीनों ने खून के धब्बे लगे कपड़े भी तालाब व नाली में फेंक दिया। जिसे गिरफ्तार शातिरों के निशानदेही पर पुलिस ने बरामद कर ली है।
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अनिल के चाचा को मिली नौकरी
ऐसे तो पुलिस मानती है कि अनिल चौहान व उसके दादा के बीच हमेशा खटपट होता रहता था। अनिल चाहता था कि दादा की नौकरी घर के किसी भी सदस्य को मिल जाए। इसके लिए ही उसने दोस्तों के साथ मिलकर फुलप्रुफ प्लानिंग की। दादा नरेश नोनियां की हत्या के बाद अनुकंपा के आधार पर अनिल के चाचा को नौकरी मिल गई है।