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कोरोना को लेकर गुरुनानक प्रकाश दिहाड़े पर नहीं निकलेगा नगर कीर्तन

अव्वल अल्लाह नूर उपाया कुदरत के सब बंदे। एक नूर ते सब जग उपज्या कौन भले कौन मंदे। अर्थात सभी इंसान उस ईश्वर के नूर से ही जन्मे हैं इसलिये कोई बड़ा छोटा नहीं है कोई आम या खास नहीं है। सब बराबर हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 06:35 AM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 06:35 AM (IST)
कोरोना को लेकर गुरुनानक प्रकाश दिहाड़े पर नहीं निकलेगा नगर कीर्तन
कोरोना को लेकर गुरुनानक प्रकाश दिहाड़े पर नहीं निकलेगा नगर कीर्तन

जेएनएन, धनबाद : अव्वल अल्लाह नूर उपाया, कुदरत के सब बंदे। एक नूर ते सब जग उपज्या, कौन भले कौन मंदे। अर्थात सभी इंसान उस ईश्वर के नूर से ही जन्मे हैं, इसलिये कोई बड़ा छोटा नहीं है कोई आम या खास नहीं है। सब बराबर हैं। संसार को जाति पाती से मुक्ति दिलाने व आपसी भाईचारे का संदेश देने वाले सिख धर्मावलंबियों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी का 551वां अवतार दिहाड़ा (प्रकाश पर्व) 30 नवंबर को समूचे संसार समेत कोयलांचल में हर्षोल्लाष व श्रद्धाभाव के साथ मनाया जाएगा। कोरोना को लेकर गुरुद्वारा कमेटियों के सिख आगु इस बार प्रकाश पर्व पर सरकारी दिशा निर्देश का पालन करते हुए संगत को गुरु चरणों से जोड़ने में लगे हुए हैं। प्रकाश दिहाड़े पर इस बार धनबाद के झरिया से विशाल नगर कीर्तन भी नहीं निकाला जाएगा। साथ ही गुरुद्वारा में होने वाले विशेष दीवान पर पंजाब के पंथ प्रसिद्ध प्रचारकों का जुटान भी नहीं होगा। स्थानीय प्रचारक व कथावाचक ही संगत को गुरु उपदेशों से निहाल करेंगे। इसी तरह कोयलांचन के अन्य गुरुद्वारा में भी सादगी के साथ प्रकाश पर्व पर धार्मिक आयोजन किए जाएंगे।

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हर साल 15 हजार लोग ग्रहण करते थे गुरु का लंगर, इस बार रोक

धनबाद के केवल बड़ा गुरुद्वारा की ही बात करें तो हर साल गुरु नानक देव जी के प्रकाश दिहाड़े पर 15 हजार संगत गुरु का अटूट लंगर ग्रहण करती थी। इस बार लंगर पर रोक लगा दी गई है। गुरुद्वारा के प्रधान तेजपाल सिंह ने बताया कि 30 नवंबर की सुबह श्री सहज पाठ की समाप्ति के उपरांत स्थानीय कीर्तनी भाई देवेंद्र सिंह निरोल कीर्तन करेंगे। उसके बाद दीवान हॉल में ही संगत को प्रसाद का पैकेट वितरित किया जाएगा। इस बार बैठकर लंगर की व्यवस्था नहीं रहेगी।

नहीं निकलेगी प्रभातफेरी

इस बार प्रकाश पर्व को लेकर श्री गुरु सिंहसभा जोड़ाफाटक गुरुद्वारा से भी प्रभातफेरी नहीं निकाली जाएगी। नियम है कि प्रकाश पर्व को लेकर तड़के प्रभातफेरी में संगत गुरवाणी गायन करते हुए प्रभु का सिमरन करती थी। विभिन्न घरों में प्रभातफेरी का स्वागत करते हुए संगत की सेवा होती थी। इसमें बड़ों के साथ साथ बच्चों में खासा उत्साह रहता था। प्रभातफेरी नहीं निकलने से भी युवाओं में निराशा है।

29 को सदभावना दिवस पर विचार रखेंगे विद्वान

बड़ा गुरुद्वारा में हर साल होने वाले सदभावना दिवस समारोह में भी कोरोना को लेकर प्रबंधन समिति ने फेरबदल किया है। गुरु नानक देव जी की सोच और सामाजिक विचार पर गोष्ठी का आयोजन 29 नवंबर को ही होगा। गुरु नानक कॉलेज परिसर के बजाय ऑनलाइन समारोह की तैयारी की गई है। कार्यक्रम सुबह 10.30 से 12.30 बजे तक जूम एप पर आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रतिभागी व वक्ता ही शामिल हो सकेंगे। इसका सीधा प्रसारण यू-टयूब पर किया जाएगा।

सदभावना दिवस पर कार्यक्रम

10.25 से 10.30 - लाइव ऑन यू-ट्यूब

10.30 से 10.32 - प्रधान तेजपाल सिंह का भाषण।

10.32 से 10.40 - गुरु नानक कॉलेज के छात्रों का शबद गायन।

10.40 से 10.44 - कॉलेज के प्रो. पी शेखर का परिचय सत्र।

10.44 से 10.59 - रांची सेंट अलबर्ट कॉलेज के प्रो. रेव्ह. फादर चंद्रकांत कुमार का विचार।

10.59 से 11.14 - पटियाला यूवि के प्रो. एन नकबी का विचार।

11.14 से 11.29 - बनारस हिदू यूनिवर्सिटी के प्रो. पी शाह का विचार।

11.29 से 11.44 - दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रो. हरिशंकर प्रसाद का विचार।

11.44 से 12.14 - पटियाला यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉ. जसपाल सिंह का विचार।

12.14 से 12.29 - कॉलेज के महासचिव डीएस ग्रेवाल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन।


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