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सरकार ने नीजी केंद्रोंं में कोरोना जांच के ल‍िए फ‍िक्‍स क‍िया रेट; केंद्रो ने अब जांच करना ही कर द‍िया कम Dhanbad News

जिले में कोरोना वायरस की जांच करने वाली निजी जांच पैथोलॉजी सेंटर मरीजों की जांच कम करने लगी है। दरअसल rt-pcr जांच के लिए सरकार ने ₹400 दर फिक्स कर दिए हैं इससे ज्यादा कोई भी निजी जांच घर चार्ज नहीं ले सकते हैं।

By Atul SinghEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 04:45 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 04:45 PM (IST)
सरकार ने नीजी केंद्रोंं में कोरोना जांच के ल‍िए फ‍िक्‍स क‍िया रेट; केंद्रो ने अब जांच करना ही कर द‍िया कम Dhanbad News
कोरोना वायरस की जांच करने वाली निजी जांच पैथोलॉजी सेंटर मरीजों की जांच कम करने लगी है। (फाइल फोटो)

धनबाद, जेएनएन: जिले में कोरोना वायरस की जांच करने वाली निजी जांच पैथोलॉजी सेंटर मरीजों की जांच कम करने लगी है। दरअसल rt-pcr जांच के लिए सरकार ने ₹400 दर फिक्स कर दिए हैं इससे ज्यादा कोई भी निजी जांच घर चार्ज नहीं ले सकते हैं।

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इसे देखते हैं अब निजी जांच घर ने जांच करना ही बेहद कम कर दिया है। लिहाजा सभी मरीजों को जांच कराने के लिए सरकारी अस्पतालों पर निर्भर होना पड़ रहा है। जबकि सरकारी अस्पताल में 4 से 5 दिन तक रिपोर्ट के इंतजार में समय काटने पड़ रहे हैं। सैंपल देने वाले लोगों को इससे काफी परेशानी हो रही है।

इधर, जिला महामारी रोग नियंत्रण विभाग के पदाधिकारी डॉ. राजकुमार सिंह बताते हैं कि जांच घरों को अधिक से अधिक जांच करने का निर्देश दिया गया है। समय समय पर टीम इसकी निगरानी कर रही है, जो भी कोताही करेंगे उन पर कार्रवाई होगी।

घर जाकर सैंपल लेना भी किया बंद

धनबाद में लाल पैथ लैब और एसआरएल को जांच के लिए सरकार से मान्यता मिली है। पिछली महामारी में 3 से 4 हजार जांच के लिए जा रहे थे। तब निजी जांच घर के लोग घर जाकर सैंपल संग्रह कर रहे थे। लेकिन अब इस का दर 400 फिक्स करने के बाद निजी जांच घर में अब जांच करना ही कम कर दिया है। इसके साथ ही घर जाकर सैंपल लेना भी बंद कर दिया है। कई लोगों ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग से भी की है। नियमानुसार इन जांच घरों को अधिक से अधिक जांच करना है। 

फर्जी रिपोर्ट में लाल पैथ लैब पर हो चुकी है कार्रवाई

इससे पहले लाल पैथ लैब का फर्जी रिपोर्ट के मामले में कार्रवाई हो चुकी है। झरिया और सिंदरी के कर्मचारी ऑनलाइन फर्जी निगेटिव रिपोर्ट पैसे लेकर बना रहे थे। पूरे मामले की जांच जिला प्रशासन ने की और संबंधित व्यक्तियों पर कार्रवाई की गई। अब जांच करने सैंपल ही करना कम कर दिया है।


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