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परिवहन विभाग की लापरवाही से पिता को कांधा नहीं दे पाए गोरखनाथ, अब क्रियाकर्म में जाने पर भी संशय Dhanbad News

पिता के निधन से आहत गोरखनाथ गुप्ता की आत्मा को व्यवस्था की चोट ने लहू लुहान कर दिया है। वे अपने पैतृक गांव जाने के लिए 23 अप्रैल को ही आवेदन दिए थे लेकिन मामला अबतक पेंडिंग है।

By Sagar SinghEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2020 09:28 PM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2020 09:28 PM (IST)
परिवहन विभाग की लापरवाही से पिता को कांधा नहीं दे पाए गोरखनाथ, अब क्रियाकर्म में जाने पर भी संशय Dhanbad News
परिवहन विभाग की लापरवाही से पिता को कांधा नहीं दे पाए गोरखनाथ, अब क्रियाकर्म में जाने पर भी संशय Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। लॉकडाउन ने लोगों को इस कदर मजबूर कर दिया है कि मुश्किल हालातों में भी लोग अपनों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। पिता की मृत्यु के बाद अंतिम दर्शन की चाह लिए बेटा लॉकडाउन में फंसा रहा और पिता को बेटे का कांधा तक नसीब नहीं हो पाया। पिता को कांधा दे सके इसके लिए बेटे ने कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रयास भी किया, लेकिन व्यवस्था की चोट ने बेटे की आत्मा को लहू लुहान कर दिया। ये कोई कहानी नहीं बल्कि एक बेटे का दर्द है, जो उसे ताउम्र कचोटता रहेगा।

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गोरखनाथ गुप्ता पेशे से एक शिक्षक हैं और एक विद्यालय में प्रधानाध्यापक हैं। उनके पिता का निधन हो गया। पिता के निधन का समाचार मिलते ही 23 अप्रैल को परिवहन विभाग में आवेदन दिया ताकि अपने पैतृक गांव बलिया (यूपी) जा सकें। लेकिन उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली। ऑनलाइन आवेदन भी किया। उसके बाद उनसे मृत्यु प्रमाण पत्र देने को कहा गया। उन्होंने गृहजिला के मुखिया द्रारा प्रमाणित मृत्यु प्रमाण पत्र मंगाकर दो घंटे में ऑनलाईन जमा भी कर दिया। परंतु अब तक पास नहीं मिला।

गोरखनाथ बार-बार परिवहन कार्यालय का चक्कर काटते रहे। अबतक मामला पेंडिंग दिख रहा है। कम से कम पिता को कांधा नहीं दे सके उनके अंतिम क्रियाकरण में शामिल तो हो जाए। गोरखनाथ बांसजोड़ा में अकेले रहते हैं। बताते चले कि लॉकडाउन की स्थिति में ई-पास जारी किया जा रहा है। दो ही परिस्थितियों में पास निर्गत किया जाएगा, मृत्यु और विशेष मेडिकल इमरजेंसी में ही पास जारी होगा। पहले वाट्सएप पर आवेदन करने के बाद पास निर्गत होता था।

वहीं झारखंड शिक्षामित्र संघ के केन्द्रीय अध्यक्ष ब्रज मोहन पाठक ने कहा है कि उपायुक्त ने अत्यावश्यक मामले में अन्तरराज्य आवागमन हेतु जिला परिवहन कार्यालय को पास निर्गत करने के आदेश के बावजूद डीटीओ द्वारा सिर्फ ऑनलाईन का लिंक जारी कर इतिश्री कर दी गयी है। जबकि कितने इमरजेसी मामले पेंडिंग पड़े हैं। किसी का भी काम नहीं हो रहा है। कार्यालय जाने पर बंद मिलता है, जबकि कर्मी सब अंदर बैठे रहते हैं। नतीजतन लोगों को निराश वापस लौट जाना पड़ता है। यदि किसी से भेंट हुई तो लिंक द्वारा आवेदन की बात कह बाहर एक पर्ची सटा दिखा दिया जाता है।

ब्रज मोहन पाठक ने आरोप लगाते हुए कहा कि गोरखनाथ गुप्ता ने अपने पिता के निधन पर क्रियाकर्म में भाग लेने हेतु अपने पैतृक गांव बलिया (यूपी) जाने के लिए आवेदन 23 अप्रैल को ही दिया है, बावजूद अबतक मामला पेंडिंग दिख रहा है। कई दिन से चक्कर काटने के बाद भी अबतक पास नहीं मिला। पाठक ने उपायुक्त से हस्तक्षेप कर अविलंब आवश्यक पहल करने की मांग की है।


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