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निरसा में अवैध उत्खनन से खुदिया नदी के बीच बना गोफ

खुदिया नदी के दोनों किनारों पर अवैध उत्खनन होता है। पुलिस ने यहां से लगभग तीन टन कोयला जब्त किया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 10:00 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 06:55 AM (IST)
निरसा में अवैध उत्खनन से खुदिया नदी के बीच बना गोफ
निरसा में अवैध उत्खनन से खुदिया नदी के बीच बना गोफ

संस, निरसा : निरसा थाना क्षेत्र के पिठाकियारी गांव के समीप स्थित खुदिया नदी के अगल-बगल हो रहे अवैध उत्खनन के कारण रविवार सुबह खुदिया नदी के बीच में 20 फीट की परिधि में गोफ बन गया। खुदिया नदी का पानी गोफ में समाने लगा। हालांकि गोफ स्थल पर स्नान कर रहे लोग बाल-बाल बच गए। घटना की सूचना पाकर निरसा थाना प्रभारी सुषमा कुमारी पहुंचीं। उपस्थित लोगों को गोफस्थल से दूर हटाया। ईसीएल प्रबंधन को तत्काल गोफ स्थल की भराई करने को कहा। जानकारी हो कि खुदिया नदी के दोनों किनारों पर अवैध उत्खनन होता है। पुलिस ने यहां से लगभग तीन टन कोयला जब्त किया। यह है मामला

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रविवार सुबह लगभग पांच बजे लोग स्नान करने खुदिया नदी गए हुए थे। उसी समय एकाएक तेज आवाज के साथ लगभग बीस फीट के दायरे में खुदिया नदी का बीच का हिस्सा धंस गया। खुदिया नदी में गोफ बनने के बाद खुदिया का पानी गोफ के माध्यम से अवैध उत्खनन स्थलों में घुसने लगा। जिसके बाद कोयला चोरों में हडकंप मंच गया। अवैध उत्खनन स्थल से कोयला कटाई कर रहे लोगों ने आननफानन उन्हें अंदर से निकाला। घटना के बाद नदी में स्नान कर रहे आसपास लोग वहां से भाग गए। खुदिया नदी में गोफ बनने से लोगों में दहशत है। सूचना पाकर निरसा पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो देखा कि उक्तस्थल के अगल-बगल कोयला चोर बोरियों में कोयला भर रहे थे। पुलिस को देखते ही सभी कोयला चोर कोयला को छोड़कर भाग गए।

खुदिया नदी का किनारा कोयला चोरों के लिए सेफ जोन

निरसा के कुहुंका गांव से लेकर मुगमा तक लगभग पांच किलोमीटर का क्षेत्र खुदिया नदी का किनारा कोयला चोरों के लिए सेफ जोन बना हुआ है। खुदिया नदी के किनारे जंगल झाड़ियों के बीच अवैध उत्खनन स्थल बनाकर कोयला चोर आसानी से कोयला कटाई करते हैं। खुदिया नदी के किनारे महज तीन से चार फीट मिट्टी को हटाने पर कोयला निकाल जाता है। कुहुंका से मुगमा तक खुदिया नदी के किनारे सैकड़ों अवैध उत्खनन स्थल बने हुए है। जहां से लोग कोयला काट कर बोरियो में भर साइकिल व मोटरसाइकिल के माध्यम से क्षेत्र में संचालित भट्ठों एवं नदी घाटों के माध्यम से प. बंगाल भेज दिया जाता है। 2013 में फंसे थे तीन युवक

खुदिया नदी के किनारे स्लेकटेड लायकडीह स्थित अवैध उत्खनन स्थल में वर्ष 2013 के जून महीने में खुदिया नदी का पानी अवैध उत्खन स्थल में घुसने के कारण निरसा प्रखंड के सोनबाद पंचायत के कोड़ाडंगाल गांव के तीन युवक 72 घंटे तक अवैध उत्खनन स्थल में फंसे रहे। उन्हें निकालने के लिए ईसीएल, बीसीसीएल के रेस्क्यू टीम फेल हो गयी थी। बाद में ग्रामीणों ने रेस्क्यू चलाकर तीनों युवकों को सही सलामत खदान से बहार निकाला था।

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घटना की सूचना पाकर हमलोग पहुंचे तथा लोगों को सुरक्षित हटाया। ईसीएल प्रबंधन व वरीय पदाधिकारियों को खुदिया नदी के किनारे स्थित अवैध उत्खनन स्थलों की भराई के लिए पत्राचार किया जा चुका है। प्रबंधन अवैध उत्खनन स्थलों की भराई करा भी रहा है।

सुषमा कुमारी, निरसा थाना प्रभारी


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