Lok Sabha Election 2019: शाह और साैदान की पुचकार से नरम पड़े पांडेय बाबा के तेवर
रवींद्र पांडेय ने ऐलान किया था कि वे बसपा के टिकट पर गिरिडीह से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। अब वे पीछे हट गए हैं। बसपा का चुनाव चिह्न हाथी है।
धनबाद, अश्विनी रघुवंशी/दिनेश महथा। रवींद्र पांडेय बसपा के टिकट पर गिरिडीह से लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री सौदान सिंह के समझाने पर रवींद्र पांडेय मान गए। वे भाजपा को अलविदा भी नहीं कहेंगे। वायदा तो यहां तक किया है कि एनडीए के उम्मीदवार की जीत के लिए काम भी करेंगे। मंगल पांडेय और सीएम रघुवर दास से वार्ता के बाद रवींद्र नहीं माने। फिर सौदान सिंह ने रवींद्र पांडेय की पीड़ा सुनी, बेहतर सियासी भविष्य का भरोसा दिया तो रवींद्र के तेवर नरम हुए। सौदान सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी रवींद्र पांडेय से बात कराई। बात बन गई। चंद्रप्रकाश चौधरी को लोकसभा भेजने के लिए रवींद्र पांडेय उनके स्टार प्रचारक बनने को भी तैयार हो गए हैं। बताना जरूरी होगा कि रवींद्र पांडेय ने ऐलान किया था कि वे बसपा के टिकट पर गिरिडीह से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। अब वे पीछे हट गए हैं। बसपा का चुनाव चिह्न हाथी है। एनडीए गठबंधन से आजसू पार्टी के चंद्रप्रकाश चौधरी केला छाप पर चुनावी जंग में यूपीए महागठबंधन से झामुमो उम्मीदवार जगरनाथ महतो के साथ मुकाबिल है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से बात हुई है। अब वे पूरी तरह संतुष्ट हैं। कोई गिला शिकवा नहीं है। वे भाजपा के सिपाही थे, हमेशा सिपाही बने रहेंगे। उन्हें स्टार प्रचारक बनाया गया है। वे गठबंधन धर्म का पालन करते हुए चंद्रप्रकाश चौधरी समेत सारे लोगों के लिए चुनाव प्रचार करेंगे।
-रवींद्र पांडेय, भाजपा सांसद, गिरिडीह
चंद्रशेखर ने परदे के पीछे रह कर किया डैमेज कंट्रोलः धनबाद नगर निगम के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल को भाजपा ने गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया है। चंद्रशेखर अग्रवाल को डैमेज कंट्रोल की जवाबदेही दी गई थी। लगातार पांच बार सांसद रहने के बाद गिरिडीह सीट अचानक आजसू पार्टी को देने से रवींद्र पांडेय सदमे में थे। कुछ सुनने को तैयार नहीं। जद यू से चुनाव लडऩे की बात सार्वजनिक हुई। चंद्रशेखर अग्र्रवाल ने झारखंड प्रभारी मंगल पांडेय और सीएम रघुवर दास से संपर्क किया। मंगल पांडेय से रवींद्र पांडेय की डेढ़ घंटा बातचीत हुई। फिर सीएम से वार्ता। भाजपाई उम्मीद कर रहे थे कि अब रवींद्र पांडेय स्थिर हो जाएंगे। अचानक रवींद्र पांडेय ने संवाददाता सम्मेलन कर बसपा के टिकट पर चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी। उनके पुत्र विक्रम प पांडेय ने सोशल मीडिया पर बसपा का चुनाव चिह्न पोस्ट कर शुभचिंतकों के मन की बात समझने की कोशिश शुरू कर दी थी। सांसद ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में जाकर कार्यकर्ताओं और समर्थकों का भी सुझाव लिया। इसके बाद रामनवमी पर रवींद्र पांडेय ने गिरिडीह से चुनाव नहीं लडऩे की बात कही। फिर पूजा करने के लिए निकल गए विंध्याचल। मिशन पूरा होने के बाद गिरिडीह लोकसभा प्रभारी चंद्रशेखर अग्रवाल मुस्कुराते हुए बोले कि रवींद्र इंद्र की तरह चमकते सियासी रवि हैं। राष्ट्रीय नेतृत्व से वस्तुस्थिति जान चुके हैं। ऑल इज वेल।