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अब तो थम जाइए सांसद जी... कोयले पर छापा से डगमगा रहा सिस्टम

काले हीरे की खान है तो कारोबारी रहेंगे ही। बीसीसीएल और ईसीएल से नीलामी में कोयला खरीदनेवाले लोग खनन महकमे के कारण हलकान हंै। परेशान हैं। पहले कोयला खरीदते थे तो अपने डिपो में भंडारण करते थे। मोल भाव कर वाराणसी औरंगाबाद या बंगाल की मंडी में कोयला भेजते थे।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 09:56 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 10:07 AM (IST)
अब तो थम जाइए सांसद जी... कोयले पर छापा से डगमगा रहा सिस्टम
कोयले के ढेर पर समर्थकों के साथ बैठे सांसद चंद्रप्रकाश चाैधरी ( फाइल फोटो)।

अश्विनी रघुवंशी, धनबाद। कोयला चोरी रोकने के लिए गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी का अंदाज बिल्कुल टी-ट्वेंटी वाला है। प्रशासन ने शिकायत पर कार्रवाई नहीं की तो बोकारो के पेटरवार और गोमिया में खुद छापा मारने निकले। वहां साढ़े चार सौ टन अवैध कोयला जब्त हो गया। सूचना मिली कि धनबाद जिले के बाघमारा विधानसभा क्षेत्र में कोयला चोरी के दौरान बंद खदान का एक हिस्सा ढह गया। एक इंसान दब गया। सांसद वहां भी पहुंच गए। बोल गए कि प्रधानमंत्री मोदी को धनबाद में हो रही कोयला चोरी के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआइ में जाने की बात कह रहे हैैं। काले हीरे से अपनी तिजोरी में चमक लानेवाले आला अधिकारियों से लेकर राजनेता तक परेशान हैैं। शांत और मिलनसार चंद्रप्रकाश में सूर्य की तरह गरमाहट देख सब हलकान है। सांसद को संदेश दिया जा रहा है, अब तो थम जाइए।

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इधर भी कर दीजिए मेहरबानी

काले हीरे की खान है तो कारोबारी रहेंगे ही। बीसीसीएल और ईसीएल से नीलामी में कोयला खरीदनेवाले लोग खनन महकमे के कारण हलकान हंै। परेशान हैं। पहले कोयला खरीदते थे तो अपने डिपो में भंडारण करते थे। मोल भाव कर वाराणसी, औरंगाबाद या बंगाल की मंडी में कोयला भेजते थे। अब खनन विभाग भंडारण की अनुज्ञप्ति नहीं दे रहा है। एक-एक कर दस्तावेज मांगे जा रहे हैैं। सारे कागजात देने के बाद कारोबारियों को कहा जा रहा है, अभी नहीं मिलेगी अनुज्ञप्ति। ऊपर से रोक है। इसी बीच कोलकाता के बड़े कारोबारियों को पड़ोसी जिले बोकारो में मिली थोक अनुज्ञप्ति का दस्तावेज बाहर निकल गया। तुरंत झारखंड कोल ट्रेडर्स एंड स्टाकिस्ट एसोसिएशन का गठन किया गया। बात आई है कि 90 से अधिक कारोबारियों ने खनिज के भंडारण की अनुज्ञप्ति का आवेदन दिया है। जिलाधिकारी तक फरियाद लगाई जा चुकी है। आगे झमेला तय है।

संडे हो या मंडे, कैसे खाएं अंडे

कोरोना की लहर चलती है तो लोगों को पुराना विज्ञापन जेहन में आ जाता है, संडे हो या मंडे रोज खाएं अंडे। तीसरी लहर आई तो अंडे की दुकानों पर आवाजाही बढ़ गई। अंडे का भाव चढ़ता गया। अब जो लोग कैरेट में खरीदने जा रहे हैैं, वो दर्जन भर अंडे लेकर घर आ रहे हैैं। बहुत पुरानी बात नहीं है। कोरोना की दूसरी लहर थमने के बाद मौसम में गरमाहट थी तो पांच रुपये में अंडे मिलने लगे थे। ठंड आई। अपने साथ कोरोना का नया वायरस भी लाई। अंडे के भाव 40 फीसद बढ़ गए। सात रुपये तक कीमत चढ़ गई। स्टील गेट के पास बुजुर्ग अंडा बेच रहे थे। एक ग्राहक हुज्जत करने लगा। महीने भर पहले छह रुपये में अंडा मिलने की बात कह जिरह करने लगा। बुजुर्ग दुकानदार भड़क गए। बोल गए, छोड़ दो भाई। बहुत ग्राहक हैैं।

बीमार एंबुलेंस से मुक्ति

कुछ दिन पहले की बात है। सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएनएनएमसीएच से टुंडी के एक मरीज को बोकारो जनरल अस्पताल रेफर किया गया। निजी एंबुलेंस मिली। पों-पों सायरन बजाते हुए एंबुलेंस बढ़ी। पुटकी के पास गाड़ी खराब। पाटलीपुत्र नर्सिंग होम के पास से एक मरीज के स्वजन ने एंबुलेंस ली थी। उनके भी अनुभव पीड़ादायक थे। दुर्गापुर के मिशन अस्पताल जाते वक्त एंबुलेंस के दरवाजे इतना चरर-मरर कर रहे थे कि स्वजन की सांसें अटकी रही। जिला परिवहन पदाधिकारी तक शिकायत गई। छापा मारा गया। छह एंबुलेंस ऐसी मिलीं जिन्होंने फिटनेस का भी प्रमाणपत्र नहीं लिया था। कई एंबुलेंस वालों ने टैक्स का भुगतान नहीं किया था। इतने कागजात फेल देख परिवहन विभाग के लोग तो भौचक रह गए। परिवहन विभाग की कार्रवाई खत्म हुई तो एंबुलेंस वाले हैरत में थे। अबतक निश्चिंत थे कि एंबुलेंस होने के नाते कोई नहीं छेड़ेगा। अब तनाव में हैैं।


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