Giridih Jharkhand Crime News: एक करोड़ के इनामी नक्सली अनल दा पर राष्ट्रद्रोह के तहत मुकदमा चलाने की तैयारी, डीसी ने सरकार से की अनुशंसा
Giridih Jharkhand Crime News यूएपी एक्ट केंद्र सरकार ने भारत की अखंडता और संप्रभुता को चुनौती देनेवाली गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए बनाया है। इसका उद्देश्य सरकार को ज़्यादा अधिकार देना है। शासन को चुनौती देने के उद्देश्य से आतंक फैलानेवालों के खिलाफ यह कानून लगाया जाता है।
गिरिडीह, जेएनएन। Giridih Jharkhand Crime News झारखंड सरकार नक्सलियों के सफाए को लेकर गंभीर है। इसी कड़ी में जिले के 12 हार्डकोर नक्सलियों के खिलाफ देशद्रोह का केस चलाने की तैयारी की गई है। जिन नक्सलियों के खिलाफ देशद्रोह का केस चलाने की तैयारी की जा रही है, उनमें एक करोड़ के इनामी नक्सली सह भाकपा माओवादी सेंट्रल कमेटी के सदस्य पतिराम मांझी उर्फ अनल दा, 25 लाख के इनामी अजय महतो उर्फ टाइगर, 15 लाख के इनामी कृष्णा हांसदा, संतोष महतो, साहेब राम मांझी, नुनूचंद महतो, रामदयाल महतो, रणविजय महतो, पवन मांझी, प्रयाग मांझी, रौशन दा और सुनील मांझी शामिल हैं। सभी के खिलाफ पुलिस ने अनुसंधान में मामले को सत्य पाया था। पुलिस के दिए आवेदन और केस डायरी को आधार बनाकर डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने राज्य सरकार से अभियोजन की मंजूरी देने की मांग की है।
मंजूरी मिलते ही यूएपी एक्ट के तहत होगा ट्रायल
झारखंड सरकार के गृह कारा आपदा प्रबंधन विभाग के उप सचिव को भेजी अनुशंसा में जल्द अभियोजन मंजूरी देने की मांग की गई है। देशद्रोह के मामले में सरकार की मंजूरी जरूरी है। बिना मंजूरी के ऐसे मामले में न्यायालय में आरोपितों के खिलाफ चार्ज फ्रेम नहीं किया जा सकता है। जिला प्रशासन नक्सलियों के खिलाफ नकेल कसने और पूर्ण सफाए के उद्देश्य से कार्य कर रही है। यह मामला मधुबन थाना क्षेत्र के वर्ष 2018 का है।
सुनील मुर्मू की निशानदेही पर मिला था जखीरा
जिले के अकबकीटांड़ में हुए एक बड़े नक्सल अभियान जिसमें 15 हार्डकोर नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई थी। इसमें 25 लाख का इनामी सुनील मुर्मू और 15 लाख का इनामी चार्लीस भी शामिल था। बाद मेंं इस मामले को एनआइए ने टेकओवर कर लिया था। इसके पूर्व ही गिरिडीह पुलिस ने न्यायालय से रिमांड आदेश पाकर सुनील मुर्मू से पूछताछ की थी। साथ ही सुनील की निशानदेही पर अकबकीटांड़ के उत्तर मधुबन थाना क्षेत्र के पारसनाथ पहाड़ी पर जंगल में भारी मात्रा में हथियारों का जखीरा बरामद किया गया था। इसमें आइइडी, बड़ी मात्रा में पाइप बम, बारूद पाउडर ,केमिकल, और अन्य विस्फोटक सामग्री शामिल थी। इन हथियारों का उपयोग शासन को चुनौती देने के साथ पुलिस को नुकसान पहुंचाने में करना था। सुनील ने अपने हार्डकोर साथियों के नाम का खुलासा किया था। इसे लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने सुनील मुर्मू को एनआइए कोर्ट रांची से इस मामले में प्रोडक्शन करा कर चार्जशीट दाखिल किया था।
क्या है यूएपी एक्ट
यूएपी एक्ट केंद्र सरकार ने भारत की अखंडता और संप्रभुता को चुनौती देनेवाली गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए बनाया है। इसका उद्देश्य सरकार को ज़्यादा अधिकार देना है। शासन को चुनौती देने के उद्देश्य से आतंक फैलानेवालों के खिलाफ यह कानून लगाया जाता है।