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Dhanbad Gangs of Wasseypur: इस पार्किंग स्टैंड से वसूला जाता गुंडा टैक्स, पुल‍िस व नगर प्रशासन भी इनके आगे नतमस्‍तक

गैंग्स का खौफ इस कदर हावी हो चुका है कि प्रशासनिक अमला भी इनके आगे नतमस्तक हो चुका है। पुलिस कुछ करती नहीं नगर निगम के पास इतनी पॉवर नहीं कि इनसे लड़ सके। नगर निगम आज तक रांगाटांड़ ऑटो और बस स्टैंड से पार्किंग शुल्क नहीं वसूल सका है।

By Atul SinghEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 12:54 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 02:19 PM (IST)
Dhanbad Gangs of Wasseypur:  इस पार्किंग स्टैंड से वसूला जाता गुंडा टैक्स, पुल‍िस व नगर प्रशासन भी इनके आगे नतमस्‍तक
गैंग्स का खौफ हावी हो चुका है कि प्रशासनिक अमला भी इनके आगे नतमस्तक हो चुका है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

धनबाद, जेएनएन : गैंग्स का खौफ इस कदर हावी हो चुका है कि प्रशासनिक अमला भी इनके आगे नतमस्तक हो चुका है। पुलिस कुछ करती नहीं, नगर निगम के पास इतनी पॉवर नहीं कि इनसे लड़ सके। यही कारण है कि नगर निगम आज तक रांगाटांड़ ऑटो और बस स्टैंड से पार्किंग शुल्क नहीं वसूल सका है।

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यहां गैंग्स ऑफ वासेपुर के गुर्गे जबरन अवैध वसूली करते हैं। नगर निगम के पास अवैध वसूली का सीसीटीवी फुटेज भी है, लेकिन चाह कर भी पार्किंग शुल्क नहीं वसूला जा सका। इसकी बंदोबस्ती भी की गई। नवंबर 2020 में ठेकेदार अशोक कुमार सिंह ने सात लाख 31 हजार 500 रुपये में रांगाटांड़ की बंदोबस्ती हासिल की थी। 31 मार्च 2021 तक यहां पार्किंग शुल्क वसूल करना था, लेकिन अगले दिन ही गैंग्स के गुंडे पहुंच गए और अवैध वसूली करने लगे। इनसे लड़ने की बजाय अशोक सिंह ने बंदोबस्ती सरेंडर करना ही ठीक समझा और नगर निगम में आवेदन देकर बंदोबस्ती रद करने की गुहार लगाई। लिहाजा नगर निगम अब रांगाटांड़ ऑटो स्टैंड ऑटो एसोसिएशन को देने का मन बना रहा है।

हर दिन दस हजार की आय

कोविड-19 से पहले रांगाटांड़ ऑटो स्टैंड में हर दिन 100 से अधिक बसें और 200 से अधिक ऑटो की पार्किंग होती थी। नगर निगम यहां वसूली कर नहीं पा रहा है और गैंग्स ऑफ वासेपुर के गुर्गे अवैध वसूली जरूर करते हैं। हर दिन 10 हजार रुपये से अधिक की वसूली होती है। इसे रोकने की हिम्मत किसी को नहीं। नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार ने रांगाटांड़ में हो रही अवैध वसूली का सीसीटीवी फुटेज भी मंगवाया। निगम ने पुलिस से मदद भी मांगी, लेकिन मिली नहीं। अभी भी रांगाटांड़ में गैंग्स के गुर्गे अवैध वसूली कर रहे हैं और पुलिस मूकदर्शक बन देख रही है।

 

2018 में पहली बार रांगाटांड़ को सैरात में किया गया था शामिल

2018 में नगर निगम के सैरात में पहली बार रांगाटाड़ ऑटो और बस स्टैंड को शामिल किया गया था। इससे पहले यहां कभी भी निगम पार्किंग शुल्क वसूल नहीं पाया था। इसका भी कारण गैंग्स की दबंगई थी। 2018 में 12 लाख 90 हजार की बोली लगा कर सनाउल्ला कुरैशी ने यह पार्किंग अपने नाम की थी। निगम की ओर से इसका बेस प्राइस 12 लाख 80 हजार रुपया तय था। बंदोबस्ती के लिए कुल आठ ठेकेदार डाक में शामिल हुए थे। उस वर्ष दो बार इसका टेंडर निकाला गया था, लेकिन किसी ने गैंग्स के डर से इसमें भाग नहीं लिया। कुछ दिनों तक तो ठीक चला, उसके बाद फिर वहीं अवैध वसूली शुरू हो गई। यह आज भी बदस्तूर जारी है।

मारकर भगा देते हैं अवैध वसूली करने वाले

ठेकेदार अशोक कुमार सिंह ने नगर आयुक्त को लिखित रूप में दिया है कि वसूली करने में बहुत दिक्कत हो रही है। अतिक्रमण से पूरा पार्किंग भरा है, गाड़ियां खड़ी नहीं हो पा रही हैं। प्रतिदिन वसूली 500 रुपये से अधिक नहीं हो पा रही है। अवैध वसूली करने वाले कर्मचारियों को मारकर भगा दे रहे हैं। बंदोबस्ती रद कर पैसा वापस किया जाए। पुराना बाजार स्टेशन चालू होने के कारण 50 प्रतिशत ऑटो वहीं से चले जा रहे हैं। कई ट्रेनें भी रद हैं, इस लिहाज से भी बंदोबस्ती दर अधिक है। यहां बता दें कि दोपहिया वाहनों के लिए पांच रुपये प्रति दो घंटा और चारपहिया वाहनों के लिए 20 रुपये प्रति दो घंटा के लिए पार्किंग की दर निर्धारित की गई थी। यह भी वसूलना भारी पड़ रहा है। बिग बाजार और टेक्सटाइल मार्केट बैंक मोड़ के सामने भी निगम की पार्किंग है, इसके ठेकेदारों ने भी बंदोबस्ती रद करने की बात कही है। निगम की 13 पार्किंग अभी भी खाली है।

एक वर्ष पहले निगम में पहुंचा था गुमनाम पत्र

एक वर्ष पहले एक बस मालिक ने नगर आयुक्त के नाम पर गुमनाम पत्र भेजा था। इसमें लिखा था कि हर दिन यहां गुंडा टैक्स के रूप में 200-300 रुपये वसूला जाता है। लोन पर गाड़ी लेने के बाद इतनी कमाई नहीं है कि गुंडा टैक्स दे पाएं, इससे निजात दिलाने की गुहार भी लगाई। नतीजा कुछ नहीं हुआ।

 वर्जन

रांगाटांड़ की बंदोबस्ती की गई थी, लेकिन ठेकेदार यहां वसूली नहीं कर पा रहे हैं। अवैध वसूली की जा रही है। कुछ स्थानीय लाेगों की भी इसमें भूमिका है। ऑटो एसोसिएशन ने पार्किंग शुल्क वसूलने का प्रस्ताव दिया है, इसपर विचार कर रहे हैं। वैसे भी वहां सबसे अधिक ऑटो और बसें ही खड़ी होती हैं। चाैक पर सड़क के दाेनाें तरफ डिवाइडर बना कर ऑटो स्टैंड बना दिया गया है। स्टैंड के बाद भी ऑटो का ठहराव मुख्य सड़क पर ही हाेता है। निगम अपने पार्किंग को यूं ही छोड़ नहीं सकता।

- सत्येंद्र कुमार, नगर आयुक्त


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