चंद मिनटों बाद पहुंचने वाली थी गंगा-दामोदर, हो गया धमाका
हेलो.. करमाबांध-चिचाकी के बीच किलोमीटर 333-16 पर जोरदार आवाज हुआ है..। ये अल्फाज थे पेट्रोलमैन गौरव राज और रोहित कुमार सिंह के जो उन्होंने चिचाकी के स्टेशन मास्टर से कहा।
धनबाद : हेलो.. करमाबांध-चिचाकी के बीच किलोमीटर 333-16 पर जोरदार आवाज हुआ है..। ये अल्फाज थे पेट्रोलमैन गौरव राज और रोहित कुमार सिंह के, जो उन्होंने चिचाकी के स्टेशन मास्टर से कहा। उस वक्त रात 12:34 हो रहा था। स्टेशन मास्टर ने जैसे ही सुना, तुरंत कंट्रोल को सूचना दी। रेल महकमा तत्काल हरकत में आ गया और जो ट्रेनें जहां थीं, वहीं रुक गई। जिस वक्त विस्फोट हुआ, धनबाद से पटना जा रही गंगा-दामोदर एक्सप्रेस चौधरीबांध स्टेशन पहुंच रही थी। अगला स्टेशन करमाबाद ही था। थोड़ी देर हो जाती तो गंगा दामोदर एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो सकती थी, पर दोनों पेट्रोलमैन की सक्रियता ने संभावित हादसे को टाल दिया। गंगा-दामोदर एक्सप्रेस के थमने के कुछ ही देर में इस रेल मार्ग पर चलने वाली सभी ट्रेनों के पहिए थम गए। पूरी रात रेल सेवा अस्त-व्यस्त, हजारों यात्रियों ने झेली दुश्वारियां :
नक्सली धमाके से अप और डाउन दोनों रेल लाइन ठप हो गई। पूरी रात बंगाल, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग स्टेशनों पर ट्रेनें खड़ी रहीं। धनबाद होकर चलने वाली कई महत्वपूर्ण ट्रेनों को पंडित दीनदयाल जंक्शन से ही डायवर्ट कर दिया गया। ट्रेनें पटना, झाझा, जसीडीह और आसनसोल होकर चलीं। धनबाद और आसपास के यात्रियों को आसनसोल में उतर कर धनबाद लौटने का विकल्प तलाशना पड़ा। कर्मचारी सक्रिय थे, जिससे कुछ ही देर में जानकारी मिल गई और एहतियातन यात्री ट्रेनों को रोक दिया गया। किसी ट्रेन को टारगेट कर विस्फोट किया गया, ऐसा साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता है। 27 को बंद की घोषणा की थी और रात 12 बजे के बाद विस्फोट किया गया। स्थानीय पुलिस और आरपीएफ की मौजूदगी में स्थिति पर काबू पाया गया।
- हेमंत कुमार, सीनियर कमांडेंट