हजारीबाग जैसी घटना यहां न हो इसलिए निगम ने मंगवाया अग्निशामक यंत्र, पर मानकों के अनुरूप अब भी नहीं है व्यवस्था Dhanbad News
हजारीबाग नगर निगम कार्यालय में आग लगने से जरूरी दस्तावेज जलकर खाक हो गए थे। इसी को देखते हुए आग की घटना पर काबू पाने के लिए धनबाद निगम कार्यालय में 4 अग्निशामक यंत्र लगेंगे।
धनबाद, जेएनएन। 31 जुलाई को हजारीबाग नगर निगम कार्यालय में आग लग गई थी। तीसरे तल पर शॉर्ट सर्किट से लगी आग की वजह से सभागार को भारी नुकसान पहुंचा था। इससे सबक लेते हुए धनबाद नगर निगम ने अग्निशमन सुरक्षा उपायों का बंदोबस्त किया है। भूतल से लेकर उपरी तल तक आग की किसी भी घटना पर काबू पाने के लिए चार अग्निशामक यंत्र मंगलवार को निगम ने मंगवा लिया। इसे एक-दो दिन में कार्यालय के महत्वपूर्ण जगहों पर फिट किया जाएगा।
उपकरण लगने से ऐसे होता है बचाव : आग लगते ही भवन में लगा अलार्म का सेंसर धुआं उठते ही सायरन बजाना शुरू कर देता है। इसे सुनकर फायरमैन सिस्टम को चालू कर देता है, जिससे आग पर काबू पा लिया जाता है। कमरे का तापमान 68 डिग्री सेलसियस से अधिक होते ही स्पींकलर स्वत: पानी का छिड़काव करने लगता है। इस वजह से आग प्रारंभ में ही बुझ जाती है
हाल ही में हजारीबाग निगम कार्यालय में आग लगने से काफी संपत्ति को नुकसान हुआ है। हमारे कार्यालय में अग्नि शामक यंत्र की व्यवस्था नहीं थी। किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए यह उपाय किया गया है। -सत्येंद्र कुमार, नगर आयुक्त, धनबाद।
इसको लेकर क्या है नियम : इस तरह के भवनों में फायर सेफ्टी एक्ट 1986 के तहत अग्निशमन सुरक्षा उपायों का बंदोबस्त करना अनिवार्य है। इस एक्ट में पहले से बने भवन में आग से सुरक्षा के 12 मानक तय किए गए हैं। भवन में स्पींकलर (पानी छिड़काव करने वाला यंत्र), फॉग डिटेक्टर अलार्म, हाइड्रेंट सिस्टम, आग बुझाने के सिलेंडर, हौजरील व पंप और 50 से 2 लाख लीटर क्षमता वाली पानी की टंकी की व्यवस्था करना जरूरी है। प्रशिक्षित फायरमैन की तैनाती का भी निर्देश है, ताकि आग लगने की स्थिति में वह फायर सिस्टम को चालू कर भवन को बचा सके। धनबाद नगर निगम ही नहीं किसी भी सरकारी भवन में यह व्यवस्था नहीं है।