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Pranab Mukherjee Passes Away: जब भी मिला माैका दादा पहुंचे कोयलांचल, धनबाद से लोकसभा चुनाव लड़ने का दिया गया था प्रस्ताव

Pranab Mukherjee Passes Away राष्ट्रपति रहते हुए प्रणव मुखर्जी अंतिम बार 10 मई 2014 को राष्ट्रपति रहते हुए धनबाद पहुंचे थे। आइआइटी-आइएसएम के दीक्षांत समारोह में भाग लिया था।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 07:41 PM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 08:08 AM (IST)
Pranab Mukherjee Passes Away: जब भी मिला माैका दादा पहुंचे कोयलांचल, धनबाद से लोकसभा चुनाव लड़ने का दिया गया था प्रस्ताव
Pranab Mukherjee Passes Away: जब भी मिला माैका दादा पहुंचे कोयलांचल, धनबाद से लोकसभा चुनाव लड़ने का दिया गया था प्रस्ताव

धनबाद, जेएनएन। Pranab Mukherjee Passes Away भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का सोमवार को निधन हो गया है। वे 84 साल के थे। काफी दिनों से नई दिल्ली स्थित आर्मी अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन की जानकारी उनके पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर दी। पूर्व राष्ट्रपति के निधन की सूचना मिलते ही धनबाद भी मर्माहत है। मुखर्जी का अपने राजनीतिक जीवन में कई बार धनबाद आना हुआ। वे अंतिम बार 10 मई, 2014 को राष्ट्रपति रहते हुए धनबाद पहुंचे थे। आइआइटी-आइएसएम के 36वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया था।

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देश के लिए अपूर्णीय क्षति

धनबाद जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व निरसा के पूर्व विधायक कृपाशंकर चटर्जी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के निधन को देश के लिए अपूर्णीय क्षति करार दिया है। उन्होंने कहा है कि उनके जैसा महान राजनीतिज्ञ व्यवहार कुशल एवं विद्वान व्यक्ति दूसरा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि  झरिया की आग बुझाने एवं झरिया स्थित मीथेन गैस का प्रयोग कैसे देश हित में किया जाए इस पर उन्होंने लगातार कोयला मंत्रालय को अपना सुझाव दिया। प्रणब मुखर्जी के राजनीतिक गुरु अजय मुखर्जी एवं बाद में इंदिरा गांधी बनी। प्रणब मुखर्जी हुगली स्थित कॉलेज में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर थे। प्रणब दा बीरभूम जिला अंतर्गत बोलपुर से कई बार चुनाव लड़े परंतु कभी जीते नहीं। बाद में उन्होंने मुशीराबाद से चुनाव लड़ा तथा जीते। वह इंदिरा गांधी के समय कांग्रेस पार्टी में इंदिरा गांधी के बाद दूसरा स्थान रखते थे।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अंदर प्रणब मुखर्जी को धनबाद से चुनाव लड़ाने के लिए निर्णय लिया गया था परंतु प्रणब मुखर्जी ने इंकार कर दिया उन्होंने कहा कि वह पश्चिम बंगाल से ही चुनाव लड़ेंगे। प्रणब दा सभी राजनीतिक पार्टियों के सर्वमान्य नेता थे। यही कारण है कि भाजपा सरकार ने उन्हें भारत रत्न एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने मुख्यालय नागपुर में आयोजित कार्यक्रम में उन्हें बुलाया था।


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