Move to Jagran APP

Jharkhand: नेता, व्यापारी और पुलिस गठजोड़ से गिरिडीह में कोयले की लूट, ब्राह्मणडीहा प्रकरण पर पूर्व सीएम ने सीबीआइ को लिखा पत्र

Brahmandiha coal loot case लॉकडाउन अवधि से ठीक पूर्व फरवरी माह में धनबाद की एक कथित कंपनी ने दस्तावेजों का फर्जीवाड़ा कर कई ट्रक कोयला इस माइंस से लादकर ले गए।

By MritunjayEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 08:50 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 08:50 AM (IST)
Jharkhand: नेता, व्यापारी और पुलिस गठजोड़ से गिरिडीह में कोयले की लूट, ब्राह्मणडीहा प्रकरण पर पूर्व सीएम ने सीबीआइ को लिखा पत्र
Jharkhand: नेता, व्यापारी और पुलिस गठजोड़ से गिरिडीह में कोयले की लूट, ब्राह्मणडीहा प्रकरण पर पूर्व सीएम ने सीबीआइ को लिखा पत्र

गिरिडीह, जेएनएन। गिरिडीह के ब्राह्मणडीहा ओपेन कास्ट माइंस (केस्ट्रोन माइनिंग ) से जब्त कोयले में से 2000 टन कोयला गायब होने का मामला तूल पकड़ने लगा है। राजनीतिक संरक्षण में हो रहे इस अवैध धंधे को पूर्व मुख्यमंत्री सह धनवार विधायक बाबूलाल मरांडी ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने अवैध कारोबारियों और राजनीतिज्ञों की सांठगांठ से इस गोरखधंधा के फलने-फूलने की बात करते हुए इसकी सीबीआइ जांच कराने की मांग की है। इसे लेकर उन्होंने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो नई दिल्ली को पत्र लिखा है।

loksabha election banner

पत्र में मरांडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो  द्वारा गिरिडीह के ब्राह्मïणडीहा ओपेन कास्ट माइंस (केस्ट्रोन माइनिंग ) से जब्त कोयला में से 2000 टन कोयला गायब करने के मामले की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया है। उन्होंने कहा कि बहुचर्चित कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले की जांच की जद में यह माइंस है। सीबीआइ ने कोलगेट घोटाले की जांच के तहत ही उक्त माइंस से 16000 हजार टन कोयले को पांच वर्ष पूर्व जब्त किया था। बावजूद इस माइंस से कोयले की चोरी होती रही। फर्जी कागजात के सहारे कोयला का उठाव का मामले सामने आता रहा है। पांच साल पूर्व उक्त माइंस की जांच करने के बाद सीबीआइ की टीम ने वहां से जब्त 16000 हजार टन कोयला के स्टॉक की जवाबदेही माइंस के ही निजी सुरक्षा गार्ड को दी थी। इसके बाद जब्त कोयले के इसी स्टॉक से धीरे-धीरे कोयला गायब किया जाने लगा। अब तक लगभग 2000 टन से अधिक कोयला गायब करने की बात सामने आई है।

लॉकडाउन अवधि से ठीक पूर्व फरवरी माह में धनबाद की एक कथित कंपनी ने दस्तावेजों का फर्जीवाड़ा कर कई ट्रक कोयला इस माइंस से लादकर ले गए। कंपनी के लोगों ने सीबीआइ द्वारा जब्त किए गए स्टॉक से कोयला उठाव का आदेश मिलने की झूठी बात बताकर फर्जी कागजात के सहारे कोयले को टपा लिया। लॉकडाउन अवधि के दौरान भी कोयला गायब करने व कराने का खेल बदस्तूर जारी रहा। पुलिस को सूचना के बावजूद आज भी स्टॉक कोयला गायब होना कई सवाल खड़े करता है। कोलगेट घोटाला सामने आने के बाद तीन दफा सीबीआइ की टीम उक्त माइंस की जांच के लिए आ चुकी है, जबकि रांची से दो बार प्रवर्तन निदेशालय की टीम भी पहुंची है। 

इसमें खेल के पीछे कौन लोग शामिल हैं, यह जांच का विषय है। कोल ब्लॉक आवंटन जैसे बहुचर्चित घोटाला से मामला जुड़ा होने के कारण इसमें बड़े स्तर पर खेल किए जाने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। इसमें कोयला के अवैध कारोबारियों व कुछ स्थानीय राजनीतिज्ञों के नापाक गठजोड़ के भी तार आपस में जुड़े होने की चर्चा जोरों से है। हालांकि, जांच के बाद सच्चाई स्वत: सामने आ जाएगी। मरांडी ने इस गंभीर व संगीन मामले की जांच कराने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि ऐसे अपराध को अंजाम देने वालों में कानून का भय स्थापित किया जा सके।   


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.